संस्कृत भाषा के पुनरूद्धार के लिए मनाया जाता हैं विश्व संस्कृत दिवस, देंखे इतिहास…

संस्कृत भाषा भारत देश की सबसे प्राचीन भाषा है, इसी से देश में दूसरी भाषाएँ निकली है. सबसे पहले भारत में संस्कृत ही बोली गई थी। बता दें की आज दुनियाभर में 12 अगस्त 2022 को एक अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के साथ-साथ विश्व संस्कृत दिवस भी मनाया जा रहा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा पर मनाए जाने वाले ‘विश्व संस्कृत दिवस’ को संस्कृत भाषा में ‘विश्वसंस्कृतदिनम्’ भी कहा जाता है।
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हिंदू कैलेंडर के मुताबिक तिथि निर्धारित होने की वजह से पिछले साल यानि 2021 में विश्व संस्कृत दिवस को 22 अगस्त को मनाया गया था। गैर-सरकारी संगठन, ‘संस्कृत भारती’ द्वारा ‘विश्व संस्कृत दिवस’ को मनाए जाने के लिए प्रेरित किया जाता है। विश्व संस्कृत दिवस को हमारी प्राचीन भारतीय भाषा संस्कृत के पुनरूद्धार और प्रचलन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
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भले ही विद्वान संस्कृत की उद्गम को लेकर एकमत नहीं हैं। भारत की प्राचीनतम भाषाओं में से एक संस्कृत भाषा में संचार अनुमानत: 3,500 वर्षों से से किया जा रहा है। हिंदू सभ्यता के कई शास्त्र, वेद, ग्रंथ, पुराण, कथाएं, आदि संस्कृत भाषा में ही लिखे गए हैं। भाषाविद् पाणिनी द्वारा संस्कृत के व्याकरण के आठ अध्यायों की रचना के बाद इसे आधिकारिक तौरपर भाषा के रूप से मान्यता दी गई। दूसरी तरफ, विश्व संस्कृत दिवस को वर्ष 1969 में पहली बार मनाया गया था। तत्कालीन सरकार द्वारा विश्व संस्कृत दिवस को हिंदू संस्कृति की जड़ की भांति पूरे विश्व में प्रचारित करने के लिए शुरू मनाए जाने की घोषणा की गई थी।
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