विश्व साइकिल दिवस 2022: जानें हर साल इसे मनाने का उद्देश्य एवं इसके फायदे…

दुनियाभर में हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है। साइकिल हमारे पर्यावरण के लिए फायदेमंद हैं तो वहीं साइकिल चलाना सेहत के लिए भी फायदेमंद है। ऐसे में साइकिल का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। अगर एक वाहन के रूप में देखें तो भारतीय परिपेक्ष्य में कई लोग स्कूल, कॉलेज, से लेकर कार्यस्थल तक जाने के लिए साइकिल का उपयोग करते हैं। यह पर्यावरण के लिए बहुत अच्छा साधन है। डीजल-पेट्रोल का दोहन कम होने के साथ ही शहर का प्रदूषण स्तर भी कम होता है।
Read More:-श्री रावतपुरा सरकार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान चित्रकूट में स्कूली छात्रों के लिए निशुल्क ऑन जॉब ट्रेनिंग…
वहीं स्वस्थ रखने के लिए भी साइकिल का उपयोग किया जाता है। साइकिल चलाने से वजन कम करने से लेकर मांसपेशियों को मजबूती, अच्छा व्यायाम आदि हो जाता है। इसी तरह के कई फायदों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है।
बता दें की साइकिल दिवस को मनाने की शुरुआत साल 2018 में हुई। अप्रैल 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व साइकिल दिवस मनाने का फैसला लिया। इसके लिए 3 जून का दिन तय किया गया। तब से अब तक भारत समेत कई देश विश्व साइकिल दिवस हर साल 3 जून को मनाते हैं।
Read More:-छत्तीसगढ़ : भारतीय बैडमिंटन संघ के सचिव ने मुख्यमंत्री को सौंपा उपहार, मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को दी बधाई…
साइकिल दिवस क्यों मनाया जाता है?-
दरअसल, तकनीक के विकास के साथ ही गाड़ियों का उपयोग बढ़ने लगा। लेकिन इससे लोगों की दिनचर्या पर गहरा असर पड़ा। लोगों ने समय की बचत और सुविधा के लिए साइकिल चलाना कम कर दिया। बाइक, कार आदि को परिवहन का साधन बना लिया। लेकिन साइकिल के उपयोग और जरूरत के बारे में बच्चों और अन्य लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस दिन की शुरुआत हुई। स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थानों, ऑफिस, सोसायटी आदि में साइकिल चलाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए इस दिन की शुरुआत हुई।
विश्व साइकिल दिवस किन-किन देशों में मनाया जाता है?-
जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2018 में 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाने की घोषणा की तो उनके इस निर्णय का कई देशों ने समर्थन किया। इस दिन की शुरुआत को लेकर लेसजेक सिबिल्स्की ने कैंपेन चलाया था, जिसका तुर्कमेनिस्तान और 56 अन्य देशों ने समर्थन किया था। हर साल विश्व साइकिल दिवस की एक थीम निर्धारित की जाती है, जिसके आधार पर दुनिया के तमाम देश विश्व साइकिल दिवस मनाते हैं।
Read More:-बड़ी कार्रवाई: भारतीय कोस्ट गार्ड ने पाकिस्तानी नाव के साथ 7 क्रू मेम्बर्स को पकड़ा…
साइकिल का इतिहास-
यूरोपीय देशों में साइकिल के इस्तेमाल का विचार 18वीं शताब्दी के दौरान लोगों को आया था लेकिन 1816 में पेरिस में पहली बार एक कारीगर ने साइकिल का आविष्कार किया, उस समय इसका नाम हाॅबी हाॅर्स यानी काठ का घोड़ा कहा जाता था। बाद में 1865 में पैर से पैडल घुमाने वाले पहिए का आविष्कार किया। इसे वेलाॅसिपीड कहा जाता था। इसे चलाने से बहुत ज्यादा थकावट होने के कारण इसे हाड़तोड़ कहा जाने लगा। साल 1872 में इसे सुंदर रूप दिया गया। लोहे की पतली पट्टी के पहिए लगाए गए। इसे आधुनिक साइकिल कहा गया। आज साइकिल का यही रूप मौज़ूद है।
Read More:-श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय रायपुर में यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष और एनएएसी के पूर्व निदेशक का दो दिवसीय दौरा, साझा करेंगे जानकारी और अनुभव, नई शिक्षा नीति पर व्याख्यान…