January 18, 2025

क्या है बढ़ती जनसंख्या की वजह, यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड के अनुसार…

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साल 1990 से हर वर्ष11 जुलाई को पूरी दुनिया में “विश्व जनसंख्या दिवस” के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1989 में यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम की गवर्निंग काउंसिल ने 11 जुलाई की तारीख को “विश्व जनसंख्या दिवस” के तौर पर मनाने का फैसला किया था। इसके बाद से ही हर साल इस दिवस को मनाया जाता है।

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बता दें की पहले साल इस दिवस को 90 देशों द्वारा पहली मनाया गया था। साल 1987 में दुनिया की आबादी 5 अरब के आंकड़े को पार कर गई थी। ऐसे में अब आवश्कयता थी कि बढ़ती जनसंख्या और हमारी धरती के पर्यावरण और विकास पर इसका असर क्या होगा, इस पर भी ध्यान दिया जाए। इसी मामले पर पूरी दुनिया को जागरूक करने के लिए जनसंख्या दिवस को मनाने की शुरुआत की गई थी। इस साल इस कार्यक्रम की थीम है- 8 अरब की दुनिया: सभी के लिए एक लचीले भविष्य की ओर – अवसरों का दोहन और सभी के लिए अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना।

यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड के अनुसार वर्तमान में दुनिया में इंसानों की कुल आबादी करीब 7.95 अरब है। कुछ ही महीने में यह 8 अरब के आंकड़े को पार कर जाएगी। दुनिया की आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा एशिया में निवास करता है। दुनिया के करीब 60 फीसदी लोग इसी महाद्वीप में हैं। दुनिया के सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश चीन और भारत हैं।


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वहीं यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड के आकड़ों के अनुसार भारत की जनसंख्या वर्तमान में 1.40 अरब के करीब है। वहीं, चीन की जनसंख्या 1.44 अरब है। अनुमान के अनुसार वर्ष 2027 तक भारत चीन को पीछे छोड़कर दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जाएगा। ऐसा इसलिए है कि वर्तमान में चीन की प्रजनन दर 1.7 है। वहीं, इसके मुकाबले भारत में प्रजनन दर अब भी 2 से ऊपर है।

क्या है बढ़ती जनसंख्या की वजह –

बढ़ती जनसंख्या का सबसे मुख्य वजह प्रजनन दर में बढ़ोतरी और मृत्यु दर में कमी को कहा जा सकता है। अगर बात वर्ष 1900 की करें तो उस वक्त दुनिया की आबादी 2 अरब से कम थी। इसके मुकाबले 122 वर्षों में ही आबादी 4 गुणा अधिक हो गई है। वर्तमान की पीढ़ी को इतिहास से सबसे बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं आदि उपलब्ध हो रही हैं। दुनिया में प्रजनन दर पहले के मुकाबले भले ही कम हुई हो लेकिन अब भी कई देशों में ये काफी ज्यादा है। इसका कारण शिक्षा और जागरूकता की कमी है।

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