January 19, 2025

रिकॉर्ड: छोटी सी बच्ची ने कराया इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज, ABCD,हिंदी वर्णमाला से लेकर महीनों के नाम मुजुबानी याद…

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छत्तीसगढ़ में एक छोटी सी बच्ची ने किया सबको हैरान करने वाला काम, जिस उम्र में बच्चे ठीक से बोल भी नहीं पाते उस उम्र में प्रदेश की नन्ही बेटी ने कमाल कर दिया है। कोरबा की रहने वाली अनाया राठौर ABCD, महीनों के नाम, अ से अनार तक हिंदी वर्णमाला, दिन के नाम से लेकर बहुत कुछ सिर्फ डेढ़ साल की ही उम्र में जानने लगी है। वो ना सिर्फ इन सब को जानती समझती है, बल्कि बोल भी लेती है। यही कारण है कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड ने इस बच्ची को सम्मानित किया है और उसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।

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मूल रूप से कोरबा के मुक्ता हरदीबाजार इलाके के रहने वाले रुद्र सिंह राठौर इन दिनों में मुंबई में काम करते हैं। वो वहां पर SBI बैंक में चीफ मैनेजर हैं। रुद्र की पत्नी ममता राठौर हैं। ममता पेशे से टीचर हैं। दोनों की डेढ़ साल की बेटी अनाया है, जिसने कमाल कर रखा है। खास बात ये है अनाया बचपन से ही चीजों को जल्दी समझने और सीखने लगी थी, जिसका फायदा उसे अब मिल रहा है।

बताया गया है कि इतनी छोटी से उम्र में अनाया ABCD, महीनों के नाम, दिन के नाम, जानवरों के नाम बोल लेती है और समझ लेती है। इसके अलावा वह हिंदी वर्णमाला को भी समझ लेती है। अनाया की मां ममता ने बताया कि वह 25 तरह के जानवरों के साउंड्स भी निकाल लेती है। वहीं और भी कई चीजों के बारे में उसे पता है। मैथ्स के भी नंबर उसे याद हैंं। बच्चों के रैम्स रैन-रैन गो अवे, ट्विंकल-ट्विंकल लिटिल स्टार भी अनाया बोल लेती है। कई तरह की कविता भी उसे पता है, वह उसे बोलती भी है।



 

वहीं ममता ने जानकारी दी कि अनाया जब एक साल की हुई तब हमें पता चला कि वह काफी चीजों को जल्दी समझ लेती है। हम उसे पहले टीवी पर चलने वाले कार्टून, रैम्स वगैरह नहीं देखने देते थे। थोड़ा बहुत वह देखती थी उसी से उसे काफी कुछ पता चलने लगा था। इसके बाद हमें समझ आया और हमने खेल-खेल में उसे ये सब बताना शुरू किया, जिसे उसने काफी जल्दी सीख लिया है।

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अभी अनाया सीख रही टेबल-

ममता ने बताया हैं कि हम अनाया को फोर्स नहीं करते, वह खेलती रहती है तभी हम उसे इन सब जरूरी बातों को बताते हैं। उसी से उसने काफी कुछ सीखा है। इन दिनों अनाया टेबल सीख रही है। बॉर्डी पार्ट्स के बारे में भी उसे पता है। ममता ने बताया कि हमें जब ये लगा कि हमारी बच्ची काफी जल्दी सब चीजों को पिक कर रही है तो हमने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड वालों से संपर्क किया था। इसके बाद उन्होंने अनाया का वीडियो देखा। फिर उसका नाम दर्ज किया गया है।

अनाया पिता ने दिया ये संदेश-

पिता रुद्र कहते हैं कि हर बच्चा बचपन से स्पेशल होता है। आवश्यकता है तो उसे पहचानने की। अनाया के केस में भी ऐसा हुआ था। उसने एक साल में ही सब जानना शुरू कर दिया था। हमे बाकी के बच्चों के लिए यही संदेश देंगे कि हर बच्चा बचपन से ही कुछ ना कुछ जानना और समझना चाहता है। जरूरत है तो उसे पॉलिस करने की। हमें ये तो अभी नहीं पता है कि अनाया बड़े होकर क्या बनेगी। पर हम चाहेंगे कि ये आगे जाकर देश का और प्रदेश का नाम रोशन करे।

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