September 17, 2024

वैश्विक स्तर पर कच्चे इस्पात का उत्पादन करने वाला भारत है एकमात्र देश वृद्धि करने वाला…

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नई दिल्ली। वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन के अनुसार, अप्रैल 2024 में सकारात्मक वृद्धि दर्ज करने वाले दुनिया भर के टॉप पांच कच्चे इस्पात उत्पादकों में भारत एकमात्र देश है। वैश्विक स्तर पर दूसरे सबसे बड़े कच्चे इस्पात उत्पादक भारत ने अप्रैल 2023 की तुलना में 3.9% की वृद्धि दर हासिल कर ली है।

वैश्विक इस्पात उत्पादन में  रुझान

विश्व में कच्चे इस्पात का उत्पादन 155.7 मिलियन टन था, जो अप्रैल 2023 से 5.0% कम था। सबसे बड़े इस्पात उत्पादक की लिस्ट में चीन ने 7.2% की गिरावट के साथ 85.9 मिलियन टन पर आ गया। इसी के साथ तीसरे सबसे बड़े उत्पादक जापान ने 2.5% की गिरावट के साथ 7.1 मिलियन टन दर्ज किया। संयुक्त राज्य अमेरिका, चौथा सबसे बड़ा उत्पादक, 6.7 मिलियन टन का उत्पादन किया, जो 2.8% की गिरावट थी। पांचवें सबसे बड़े उत्पादक रूस ने 5.7% की गिरावट के साथ 6.2 मिलियन टन का तक पँहुच पाया।


भारत की सकारात्मक वृद्धि के कारण

रेल, सड़क और बंदरगाहों में सरकारी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिला है, जिससे इस्पात की मांग में वृद्धि देखने को मिली है। वाहनों की बढ़ती हुई मांग ने भी स्टील की खपत में वृद्धि में योगदान दिया है।

भारत के इस्पात उद्योग का इतिहास

भारत का आधुनिक इस्पात उद्योग 1875 में कोलकाता के पास कुल्टी संयंत्र के साथ शुरू हुआ। जमशेदजी टाटा ने 1907 में जमशेदपुर में भारत का पहला आधुनिक इस्पात संयंत्र, टाटा स्टील की स्थापना की। भारत कच्चे इस्पात का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश बन गया है और विश्व स्तर पर स्पंज आयरन का सबसे बड़ा उत्पादक है। यह चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद तैयार स्टील का तीसरा सबसे बड़ा उपयोगकर्ता भी है।

वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन

वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन, एक गैर-लाभकारी संगठन है जो वैश्विक इस्पात उत्पादन के लगभग 85% का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे 1967 में अंतर्राष्ट्रीय लौह और इस्पात संस्थान के रूप में स्थापित किया गया था। जिसका नाम बदलकर 2008 में वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन कर दिया गया और इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स, बेल्जियम में है। विश्व इस्पात संघ द्वारा भारत दुनिया के शीर्ष इस्पात उत्पादक देशों में एकमात्र देश है, जिसने इस वर्ष अप्रैल के दौरान इस्पात उत्पादन में वृद्धि दर्ज की है।
चीन के बाद दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक भारत ने 12.1 मिलियन टन इस्पात का उत्पादन किया, जो पिछले वर्ष के इसी माह की तुलना में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

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