विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सिमरन ने भारत को दिलाया छठां स्वर्ण पदक…

जापान। भारत ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अभूतपूर्व सफलता के साथ समापन किया, जिसमें उसने छह स्वर्ण सहित 17 पदक जीते और तालिका में छठा स्थान प्राप्त किया, 24 मई को कोबे में दिल्ली की धाविका सिमरन शर्मा ने देश के लिए छठा स्वर्ण पदक पर कब्ज़ा जमाया। सिमरन ने प्रतियोगिता के अंतिम दिन महिलाओं की 200 मीटर टी12 स्पर्धा में 24.95 सेकंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने स्वर्ण जीतने के लिए अपने पिछले व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 25.16 सेकंड से लगभग एक-पांचवां सेकंड कम किया।
भारत 17 पदक के साथ छठे स्थान पर रहा
डोमिनिका की डार्लेनिस डी ला सेवेरिनो (25.08) और लोरेन गोम्स डी अगुइर (25.40) ने क्रमशः रजत और कांस्य पदक जीता। टी12 श्रेणी में उन एथलीटों के लिए रखा गया है जो दृष्टि बाधित है। इसी के साथ भारत 17 पदक (6 स्वर्ण, 5 रजत, 6 कांस्य) लेकर छठे स्थान पर जगह बनाई । यह भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, जिसने पेरिस में 2023 संस्करण में जीते गए 10 पदक (3 स्वर्ण, 4 रजत और 3 कांस्य) के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है।
चीन 87 पदक (33 स्वर्ण, 30 रजत, 24 कांस्य) के साथ शीर्ष पर रहा। ब्राजील (19 स्वर्ण, 12 रजत, 11 कांस्य), उज्बेकिस्तान (7 स्वर्ण, 4 रजत, 2 कांस्य), ग्रेट ब्रिटेन (7 स्वर्ण, 2 रजत, 3 कांस्य) और संयुक्त राज्य अमेरिका (6 स्वर्ण, 13 रजत, 5 कांस्य) क्रमशः दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर रहे।
सिमरन की जीवनी
भारत के अन्य पांच स्वर्ण विजेता हैं दीप्ति जीवनजी (महिला 400 मीटर टी-20), सचिन खिलाड़ी (पुरुष शॉटपुट एफ46), सुमित अंतिल (पुरुष भाला फेंक एफ64), थंगावेलु मरियप्पन (पुरुष ऊंची कूद टी63) और एकता भयान (महिला क्लब थ्रो एफ51)। दिल्ली की बुराड़ी गांव की रहने वाली सिमरन का जन्म समय से पहले हुआ था और उसकी दृष्टि खराब थी, जिसके कारण उसे 10 मीटर से आगे देख पाना मुश्किल था। समय से पहले जन्म के बाद उसे सात महीने तक इनक्यूबेटर में रखा गया था। लेकिन लालच और दृढ़ संकल्प के दम पर वह देश की शीर्ष पैरा एथलीट बन गई।
24 वर्षीय सिमरन, जिन्हें बचपन में लोग उनकी दृष्टि दोष के कारण मज़ाक उड़ाते थे, ने पिछले साल हांग्जो पैरा एशियाई खेलों में 100 मीटर और 200 मीटर में रजत पदक जीता था। उनके पति और कोच गजेंद्र सिंह उनके समर्थन के स्तंभ रहे हैं, जो भारतीय सेना में हैं और गाजियाबाद से हैं। दो अन्य भारतीयों ने भी कांस्य पदक जीता। प्रीति पाल ने महिलाओं की 100 मीटर टी35 श्रेणी में कांस्य पदक जीता, जो चैंपियनशिप में उनका दूसरा पदक था। इससे पहले उन्होंने 19 मई को इसी श्रेणी में 200 मीटर में कांस्य पदक जीता था।
नवदीप सिंह ने पुरुषों की भाला फेंक में जीता कांस्य
इसके बाद, नवदीप सिंह ने पुरुषों की भाला फेंक एफ41 श्रेणी में 42.82 मीटर के सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ एक और कांस्य पदक जीता। समन्वय संबंधी विकलांगता वाले एथलीट टी35 श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करते हैं, जबकि एफ41 स्पर्धा छोटे कद वाले खिलाड़ियों के लिए होती है। भारत को पुरुषों की भाला फेंक एफ46 स्पर्धा में दूसरे स्थान पर रहे श्रीलंका के दिनेश प्रियंता हेराथ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जीतने के बाद रजत और कांस्य पदक से सम्मानित किया गया।
रिंकू हुड्डा और अजीत सिंह शुक्रवार को पुरुषों की एफ46 भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में क्रमश: तीसरे और चौथे स्थान पर रहे, लेकिन भारत द्वारा विरोध दर्ज कराने के बाद परिणाम रोक दिया गया कि हेराथ इस वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने के लिए अयोग्य हैं।
टोक्यो पैरालंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
मुख्य कोच सत्यनारायण ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ श्रीलंकाई खिलाड़ी के खिलाफ विरोध दर्ज कराया, जिसने टोक्यो पैरालिंपिक में भी स्वर्ण पदक जीता था, कि उसे प्रतिस्पर्धा के लिए पात्र नहीं होना चाहिए था।’’अब रिंकू तीसरे स्थान से रजत पदक विजेता है और अजीत चौथे स्थान से कांस्य पदक पर पहुंच गया है। देश का यहां अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक था।
उन्होंने कहा, “हमने जितने पदक जीते, वह कमोबेश उतने ही थे, जितने हमने लक्ष्य बनाए थे, हालांकि हमने 7 स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य रखा था। भारतीय पैरा एथलेटिक्स और पैरा खेल समग्र रूप से आगे बढ़ रहे हैं। हमने 2023 पेरिस संस्करण से बेहतर प्रदर्शन किया है, जो उस समय का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।”
“टोक्यो पैरालंपिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा, लेकिन देश इस वर्ष पेरिस पैरालंपिक में बेहतर प्रदर्शन करेगा।” विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का पहला पदक – पुरुषों की भाला फेंक 46 स्पर्धा में स्वर्ण – दिग्गज देवेंद्र झाझरिया ने जीता था, जो वर्तमान में भारतीय पैरालंपिक समिति के अध्यक्ष हैं, यह पदक उन्होंने 2013 में फ्रांस के ल्योन में जीता था। इस चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व आठ महिलाओं सहित 40 एथलीट कर रहे हैं।