श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (SRIMSR) में 76वां गणतंत्र दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया…

श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (SRIMSR) में 76वें गणतंत्र दिवस का भव्य आयोजन बड़े उत्साह और उमंग के साथ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना, पूजा और पूज्य श्री महाराजश्री के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। इसके बाद सुरक्षा गार्डों द्वारा परेड प्रस्तुत की गई, जो कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही।
कार्यक्रम में SRIMSR के डीन, प्रोफेसर (डॉ.) कुंदन गेडाम ने ध्वजारोहण किया और सभी ने राष्ट्रगान “जन गण मन” के साथ राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी।
मुख्य भाषण और संबोधन:
नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या अपर्णा सिंह ने गणतंत्र दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला और छात्रों को देश के सम्मान को सर्वोपरि रखने की प्रेरणा दी।
डीन डॉ. कुंदन गेडाम ने अपने संबोधन में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान भारतीय नागरिकों की स्थिति और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं के संघर्षों को विस्तार से बताया। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान देश की परिस्थितियों और भारतीय जनता की स्वतंत्रता प्राप्त करने की आकांक्षाओं को ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा दबाए जाने की घटनाओं का उल्लेख किया।
डॉ. गेडाम ने संविधान निर्माण समिति के गठन और डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान निर्माण की प्रक्रिया पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन के लंबे प्रयासों के बाद भारत का संविधान तैयार हुआ, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। यह संविधान हर भारतीय नागरिक के मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है। उन्होंने सभी को संविधान की रक्षा करने और देश को एक गौरवशाली राष्ट्र बनाने की शपथ दिलाई।
सांस्कृतिक कार्यक्रम:
बीएड कॉलेज के छात्रों ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक लोक नृत्य की प्रस्तुति दी।
एमबीबीएस और नर्सिंग कॉलेज के छात्रों ने देशभक्ति पर आधारित भाषण और गायन प्रस्तुत कर कार्यक्रम में उत्साह भर दिया।
कार्यक्रम का समापन छत्तीसगढ़ राज्य गीत की प्रस्तुति के साथ हुआ, जिसे मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दर्शकों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम की सफलता में मुखर्जी, विशेष शर्मा, रवि, ओम जांगड़े और मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, बीएड कॉलेज के सभी कर्मचारियों और छात्रों का विशेष योगदान रहा।