75 हजार करोड़ का निवेश से बनने जा रहा तमिलनाडु में दुनिया का स्पेस कैपिटल…

चेन्नई। तमिलनाडु जल्द ही दुनिया की एयरोस्पेस कैपिटल बनने जा रहा है। कम खर्च पर छोटे सैटेलाइट बनाने से लेकर लॉन्चिंग तक एक ही जगह करने के लिए कई प्लेटफाॅर्म तैयार हो चुके हैं। लॉकहीड मार्टिन, एयरबस, कॉलिन्स जैसी विदेशी कंपनियां भारतीय निजी स्पेस स्टार्टअप्स के साथ छोटे सैटेलाइट बना रही हैं। जो संचार क्रांति के रूप में साबित होंगे।
75 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया जाएगा
10 साल में यहां 75 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश होगा। ये संचार क्रांति साबित होंगे। यह चेन्नई से करीब 600 किमी दूर कुलशेखरपटिनम में 950 करोड़ रुपए की लागत से नया स्पेस पोर्ट, उपग्रह निर्माण और प्रपल्शन प्रौद्योगिकी को समर्पित दो एयरोस्पेस पार्क और दो डिफेंस कॉरिडोर बन रहे हैं। ये तमिलनाडु को एयरोस्पेस डिफेंस सेक्टर में सुपर पावर बनाएंगे।
कंपनियां स्पेस जोन रूहमी हाइब्रिड रॉकेट, अग्निकुल प्रिंटेड वन पीस इंजन बनाने के साथ-साथ लिक्विड प्रपल्शन पर काम कर रही हैं। अग्निकुल केरोसीन फ्यूल वाला रॉकेट बना रही है, जो 300 किलोग्राम के सैटेलाइट को 700 किमी ऊपर कक्षा में स्थापित कर सके। भविष्य में इनकी लॉन्चिंग कुलाशेखरपट्टीनम स्पेस पोर्ट से होगी। इससे बड़े उपग्रह प्रक्षेपित होंगे।
2030 तक दुनिया भर में छोटे सैटेलाइट का बाजार 1 ट्रिलियन होगा
स्पेस किड्ज के पास जहां 6 उपग्रहों का ऑर्डर है। स्पेस जोन अगस्त में क्यूब सेट और पिको सैटेलाइट लॉन्च करने जा रहा है। दोनों के पास अपने ग्राउंड स्टेशन और लॉन्च पैड हैं। स्पेस जोन के पास मोबाइल सैटेलाइट लॉन्चर भी है।श्रीपेरंबदूर में एयरोस्पेस, डिफेंस के लिए एडवांस कंप्यूटिंग सेंटर बन रहा है। कुलशेखरपटिनम के पास तिरुनावेली में इसरो का लिक्विड प्रपल्शन सेंटर में क्रायोजेनिक लिक्विड स्टोरेज टैंक की जांच होगी। भारतीय उपग्रह बाजार में विदेशी निवेश की सीमा 100% कर दी गई है। 2030 तक दुनिया भर में छोटे सैटेलाइट बनाने और लॉन्चिंग का बाजार 1 ट्रिलियन डॉलर होगा।
986 करोड़ रुपए में बनेगा ISRO का नया स्पेस पोर्ट
28 फरवरी को राज्य के कुलशेखरपट्टीनम में ISRO के नए स्पेस पोर्ट की आधारशिला रखी है। इसे 986 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा। यहां से हर साल 24 लॉन्चिंग की जाएगी। कॉम्प्लेक्स में 35 फैसिलिटी और एक मोबाइल लॉन्च स्ट्रक्चर शामिल होगा। नए लॉन्च पैड को लेकर ISRO चीफ एस सोमनाथ ने कहा- तमिलनाडु सरकार ने हमें जमीन ट्रांसफर कर दी है। निर्माण शुरू होने वाला है, इसे पूरा होने में लगभग 2 साल लगेंगे। यहां से दो साल बाद SSLV लॉन्च किया जाएगा। कुलशेखरपट्टीनम का स्पेस पोर्ट आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के बाद इसरो का दूसरा स्पेस पोर्ट होगा। सतीश धवन स्पेस सेंटर की स्थापना 1971 में हुई थी।
प्रधानमंत्री ने गगनयान मिशन पर भेजे जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स के नामों का ऐलान किया और उन्हें एस्ट्रोनॉट विंग्स दिए। जिन एस्ट्रोनॉट्स को गगनयान मिशन पर भेजा जाएगा, उनमें- ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं। चारों की ट्रेनिंग रूस में हुई है।