श्री रावतपुरा सरकार ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन्स, चित्रकूट में हर्षोल्लास के साथ से मनाया गया शिक्षक दिवस व किया गया क्षेत्रीय शिक्षकों का सम्मान…
चित्रकूट। शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में श्री रावतपुरा सरकार लोक कल्याण ट्रस्ट, चित्रकूट में ‘‘रविशंकर महाराज श्री’’ रावतपुरा सरकार की कृपा व आर्शीवाद से क्षेत्रीय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि डाॅ0 शिशिर पाण्डेय कुलपति जगद्गुरू रामभद्राचार्य विकलांग वि0वि0, चित्रकूट व विशिष्ट अतिथि प्रो0 अमरजीत सिंह, संकायाध्यक्ष प्रबंधन संकाय, चित्रकूट के उप्श्थित रहे। कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए संस्थान के मुख्य निदेशक रामपाल कौरव व मुख्य अतिथियों द्वारा सरस्वती माँ की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन करते हुए डाॅ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
शिक्षकों को अच्छे चरित्र व व्यवहार सिखाने हेतु प्रेरित किया गया
तत्पश्चात् निदेशक रामपाल कौरव व कुलसचिव जयराज सिंह द्वारा मुख्य अतिथि डाॅ0 शिशिर पाण्डेय, कुलपति एवं विशिष्ट अतिथि प्रो0 अमरजीत सिंह को पुष्पगुच्छ व स्मृति चिंह, साॅल, श्रीफल भेंट करते हुए स्वागत व सम्मान किया गया। मुख्य अतिथि मा0 कुलपति द्वारा शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में सम्बोधित करते हुए सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी गयीं व इस अवसर पर परम्परागत गुरूकुल व पाठशालाओं के संचालन का वर्णन किया गया एवं विशिष्ट अतिथि द्वारा अपने उद्बोधन में सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए सभी शिक्षकों को अच्छे चरित्र व व्यवहार सिखाने हेतु प्रेरित किया गया व छात्रों को शिक्षकों से अच्छे आचरण व व्यवहार को ग्रहण करने हेतु प्रेरित किया गया जिससे कि समाज में सम्मान प्राप्त हो सके व अच्छा वातावारण व माहौल का निर्माण किया जा सके। कार्यक्रम के दौरान संस्था के सभी संकायों के छात्रों द्वारा अपनी प्रस्तुतियां दी गयी।
सभी शिक्षकों को साॅल व श्रीफल देकर किया गया सम्मानित
संस्था के निदेशक द्वारा परमपूज्य महाराज श्री के चरणों पर नमन करते हुए बताया गया कि परमपूज्य महाराज श्री द्वारा म.प्र., उ.प्र. व छत्तीसगढ़ के कई जिलों में शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई इकाईयों का निर्माण किया गया। जिससे कि छात्रों का बेहतर विकास किया जा सके। शिक्षक दिवस पर डाॅ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन को नमन किया गया व बताया गया कि वह भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक एवं आस्थावान हिन्दू विचारक थे। उनके इन्ही गुणों के कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हे सर्वोच्च सम्मान ‘भारतरत्न’ से अलंकृत किया।
डाॅ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के एक शिक्षक से राष्ट्रपति बनने तक के कठिन सफर का वर्णन करते हुए उनके कथानुसार बताया कि मेरा मानना है कि शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है। तत्पश्चात् कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए निदेशक महोदय द्वारा संस्थान में पधारे क्षेत्रीय शिक्षकों व संस्थान के सभी शिक्षकों को साॅल व श्रीफल देते हुए सम्मान किया गया एवं पधारे हुए अतिथियों एवं सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की बधाई देते हुए सभी का आभार व्यक्त किया गया व कार्यक्रम का समापन किया गया। उक्त कार्यक्रम में डाॅ. सर्वेश कुमार प्राचार्य फार्मेसी, सतीश गिरी सहायक प्राध्यापक एजुकेशन, श्याम सुन्दर शर्मा, प्राचार्य संस्कृत विद्यालय, जयराज सिंह सहायक कुलसचिव, अन्य शिक्षण गण व सभी संस्था कर्मचारीगण आदि उपस्थित रहे।