पीएम विश्वकर्मा योजना से शिल्पकारों और कारीगरों को मिलेगा न्यूनतम ब्याज दर में लोन…
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को लेकर बुधवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत सभाकक्ष में किया गया। प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना पारंपरिक कारीगरों एवं शिल्पकारों के कौशल उन्नयन ओर आर्थिक सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार के द्वारा प्रारंभ की गई है। इस योजना में मुख्य रूप से लोहार, बढ़ई, नव निर्माता, हथोड़ा एवं टूल किट, ताला बनाने वाला, मूर्तिकार, पत्थर से मूर्ति बनाने वाला, जूता बनाने वाला, राजमिस्त्री, झाड़ू, चटाई बनने वाला गुड़िया और खिलौने बनाने वाला, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली जाल बुनकर इस तरह से 18 प्रकार के व्यापारों को इससे जोड़ा जा रहा है। कार्यशाला के दौरान विभिन्न ग्राम पंचायतों के सरपंच, जिले के शिल्पकार, कारीगर और कॉलेज के विद्यार्थी मौजूद रहे जिसमे उन्हें इस योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त हुई।
विदित हो की लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा परंपरागत कारीगरों एवं शिल्पकारों की विश्वकर्मा के रुप में पहचान कर उनका कौशल उन्नयन करने, उनकी योग्यता, क्षमता एवं उत्पादकता बढ़ाने हेतु आधुनिक औजारध्दूककिट प्रदान करने, संपार्शि्वक मुक्त अरण (कोलेटरल फ्री लोन) प्रदान करने तथा उन्नति के लिए विभिन्न बाजारों से जोड़ने हेतु प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना प्रारंभ किया गया है।
योजना के मुख्य बिंदु
इस योजना के अंतर्गत 18 पारंपरिक व्यवसाय को शामिल किया गया है जिसमे शिल्पकार और कारीगरों को प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड के जरिए पहचान मिलेगी। पहले चरण में 1 लाख रुपए तक की और दूसरे चरण में 2 लाख रुपए तक की सहायता महज 5 प्रतिशत की ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराया जाएगा। योजना के तहत मिलेगा कौशल विकास प्रशिक्षण, टूलकिट लाभ, डिजिटल लेनदेन के लिए इंसेंटिव और मार्केटिंग सपोर्ट भी मुहैया कराया जाएगा।