माइक्रोआरएनए की खोज के लिए दिया जाएगा दो अमेरिकी वैज्ञानिक को नोबेल पुरस्कार…
स्टॉकहोम। चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार सोमवार को अमेरिकी वैज्ञानिक विक्टर एंब्रोस और गेरी रुवकोन को दिए जाने की घोषणा सोमवार को की गई। यह सम्मान फिजियोलॉजी यानी मेडिसिन में 2024 में माइक्रोआरएनए की खोज के लिए दिया जाएगा। नोबेल असेंबली ने कहा कि उनकी खोज जीवों के विकास और कार्य करने के तरीके के लिए मौलिक रूप से महत्वपूर्ण साबित हो रही है। स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट मेडिकल यूनिवर्सिटी की नोबेल असेंबली द्वारा मेडिकल के लिए विजेताओं का चयन किया जाता है और उन्हें 11 मिलियन स्वीडिश क्राउन ($1.1 मिलियन) की पुरस्कार राशि दी जाती है।
10 दिसंबर को दिया जाएगा नोबेल पुरस्कार
अमेरिका के वैज्ञानिक विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को मेडिकल के लिए 2024 का नोबेल प्राइजविज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र सहित सभी नोबेल पुरस्कार विजेताओं को 10 दिसंबर को अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु की सालगिरह पर एक समारोह में ये नोबेल प्राइज दिया जाएगा। स्वीडिश डायनामाइट इनवेंटर और बिजनेस मैन अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के मुताबिक, 1901 से ये पुरस्कार दिया जाता है। ये प्राइज विज्ञान, साहित्य और शांति में सफलताओं के लिए दिए जाते रहे हैं, वहीं अर्थशास्त्र को इसमें बाद में जोड़ा गया है।
अलग-अलग संस्थाएं विभिन्न क्षेत्रों में पुरस्कार देती हैं, लेकिन नोबेल द्वारा अपनी वसीयत लिखने के समय दोनों नॉर्डिक देशों के बीच मौजूद पॉलिटिकल यूनियन के परिणामस्वरूप स्टॉकहोम के बजाय ओस्लो में शांति पुरस्कार दिया जाने वाला ये एकमात्र प्राइज है। पिछले साल का मेडिसिन प्राइज हंगरी के वैज्ञानिक कैटालिन कारिको और अमेरिकी सहयोगी ड्रू वीसमैन को दिया गया था। उन्होंने महामारी पर अंकुश लगाने में मदद करने वाले COVID-19 टीकों के लिए अहम खोज की थी।
कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट में दिया जाएगा नोबेल पुरस्कार
फिजियोलॉजी या मेडिसिन में इस वर्ष का नोबेल पुरस्कार दो अमेरिकी वैज्ञानिकों विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को जीन गतिविधि को नियंत्रित करने वाले मौलिक सिद्धांत की उनकी खोज के लिए दिया जाएगा। कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट में नोबेल असेंबली ने फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2024 का नोबेल पुरस्कार देने का निर्णय लिया है। दोनों वैज्ञानिकों ने जीन से प्राप्त जानकारी को कोशिकाओं के हिसाब से उपयोग में लाने वाले माइक्रोआरएनए की खोज की है। उनकी अभूतपूर्व खोज से एक बिल्कुल नया सिद्धांत सामने आया है जो मनुष्यों सहित बहुकोशिकीय जीवों को समझने के लिए आवश्यक साबित होगा। उनकी इस खोज में ट्रांसक्रिप्शन नामक प्रक्रिया के माध्यम से अनुवांशिक जानकारी डीएनए से मैसेंजर आरएनए (एमआरएनए) और फिर प्रोटीन उत्पादन की सेलुलर मशीनरी तक प्रवाहित होती है। इस प्रक्रिया से डीएनए में संग्रहीत आनुवंशिक निर्देश से प्रोटीन बनाए जाते हैं।
वैज्ञानिक विक्टर एम्ब्रोस
विक्टर एम्ब्रोस का जन्म 1953 में हनोवर, न्यू हैम्पशायर, अमेरिका में हुआ था। उन्होंने 1979 में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी), कैम्ब्रिज से पीएचडी प्राप्त की। वह 1985 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैम्ब्रिज में प्रधान शोधकर्ता बने। वह 1992-2007 तक डार्टमाउथ मेडिकल स्कूल में प्रोफेसर थे और अब वह मैसाचुसेट्स मेडिकल स्कूल, वॉर्सेस्टर, विश्वविद्यालय में प्राकृतिक विज्ञान के प्रोफेसर हैं।
वैज्ञानिक गैरी रुवकुन
गैरी रुवकुन का जन्म 1952 में बर्कले, कैलिफोर्निया, अमेरिका में हुआ था। उन्होंने 1982 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी प्राप्त की। वह मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी), कैम्ब्रिज में 1982-1985 में पोस्टडॉक्टरल फेलो थे। वह 1985 में मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में प्रधान शोधकर्ता बन गए, जहां अब वह जेनेटिक्स के प्रोफेसर हैं।
कैसे करता है काम माइक्रोआरएनए
हमारे गुणसूत्रों (क्रोमोसोम) या जीन के भीतर संग्रहीत जानकारी एक तरह से शरीर की सभी कोशिकाओं में मौजूद निर्देश पुस्तिका की तरह है। प्रत्येक कोशिका में समान गुणसूत्र होते हैं। इसका मतलब है कि प्रत्येक कोशिका में सभी प्रकार के निर्देश होते हैं। इसके बावजूद विभिन्न प्रकार की कोशिकाएं जैसे मांसपेशी और तंत्रिकाओं की अलग-अलग विशेषताएं होती हैं। ये अंतर कैसे उत्पन्न होता है, इसका उत्तर जीन विनियमन में निहित है। इससे प्रत्येक कोशिका केवल जरुरी निर्देशों का ही पालन करती है। यानी अलग-अलग तरह की कोशिका में केवल जीन का सही सेट ही सक्रिय होता है।
पुरस्कार विजेता विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रूवकुन की अभूतपूर्व खोज ने जीन विनियमन के नए सिद्धांत का खुलासा किया जो मनुष्यों सहित बहुकोशिकीय जीवों के लिए आवश्यक साबित हुआ। अब यह ज्ञात है कि मानव जीनोम एक हजार से अधिक माइक्रोआरएनए के लिए कोड करता है। जीवों के विकास और कार्य करने के तरीके के लिए माइक्रोआरएनए मौलिक रूप से महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं।
नोबेल मेमोरियल पुरस्कार की घोषणा 14 अक्टूबर को की जाएगी
एंब्रोस ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में वह शोध किया जिसके कारण उन्हें पुरस्कार मिला। वह वर्तमान में मैसाचुसेट्स मेडिकल स्कूल विश्वविद्यालय में प्राकृतिक विज्ञान के प्रोफेसर हैं। नोबेल समिति के महासचिव थॉमस पर्लमैन ने कहा कि रुवकोन का शोध मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में किया गया था, जहां वह आनुवंशिकी के प्रोफेसर हैं।
पुरस्कारों में 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर यानी एक मिलियन अमेरिकी डॉलर या दस लाख डॉलर का नकद पुरस्कार दिया जाता है। धनराशि अवॉर्ड के संस्थापक और स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की छोड़ी हुई वसीयत से आती है। 1896 में उनका निधन हो गया था। नोबेल पुरस्कार अधिकतम तीन विजेताओं को दिया जा सकता है। उन्हें पुरस्कार राशि साझा करनी होती है। इस घोषणा के साथ ही इस साल के नोबेल पुरस्कार सीजन की शुरुआत हो गई है। नोबेल की घोषणा मंगलवार को भौतिकी, बुधवार को रसायन विज्ञान और गुरुवार को साहित्य के पुरस्कार के साथ जारी रहेगी। नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और आर्थिक विज्ञान में नोबेल मेमोरियल पुरस्कार की घोषणा 14 अक्टूबर को की जाएगी।