मेरा युवा भारत: स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन….

झांसी, 28 दिसंबर 2024: श्री रावतपुरा सरकार ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में “मेरा युवा भारत, हेल्दी यूथ हेल्दी युवा” विषय पर एक अवेयरनेस कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन रानी लक्ष्मी बाई सेंट्रल कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. आशुतोष जी एवं उनकी टीम के साथ संस्थान के प्रबंधक डॉ. सत्येंद्र सिंह की अध्यक्षता में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ देवपूजन एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ , जिसमें मुख्य अतिथि वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. आशुतोष ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “स्वस्थ युवा ही एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। हमें कृषि क्षेत्र और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है।इस कार्यक्रम में छात्रों को कृषि क्षेत्र के महत्व, स्वास्थ्य के पहलुओं और हेल्दी यूथ हेल्दी युवा की परिकल्पना से अवगत कराया गया। डॉ. आशुतोष ने कहा, अधिकतर युवा अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि यह उनके भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें सही जानकारी और संसाधनों की आवश्यकता है ताकि हम स्वस्थ विकल्प चुन सकें।
इस अवसर पर छात्रों ने फार्मेसी लैब, लाइब्रेरी, और अन्य संसाधनों का अवलोकन किया और उपकरणों की कार्य प्रणाली को समझा। आईटी एक्सपर्ट उपेंद्र शर्मा ने पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से संस्थान की उपलब्धियों और संसाधनों के बारे में जानकारी साझा की। उपेंद्र शर्मा ने कहा, “हमारे संस्थान में छात्रों को उत्कृष्ट संसाधन उपलब्ध हैं, जिनका सही उपयोग करके वे अपने भविष्य को संवार सकते हैं।
कार्यक्रम के अंत में आईटीआई प्राचार्य अलंकार शुक्ल ने सभी अतिथियों और छात्रों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “इस तरह के कार्यक्रम छात्रों में जागरूकता बढ़ाने और उनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कार्यक्रम में संस्थान के सभी कोर्स के छात्र, छात्राएं और स्टाफ ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी उतनी ही आवश्यक है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से छात्रों में न केवल ज्ञानवर्धन होता है, बल्कि वे स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने के लिए भी प्रेरित होते हैं।
इस कार्यक्रम ने सभी उपस्थित लोगों को यह संदेश दिया कि स्वस्थ युवा ही भविष्य का निर्माण करते हैं, और ऐसे जागरूकता कार्यक्रम समाज के हर वर्ग के लिए आवश्यक हैं। कार्यक्रम की सफलता ने संस्थान के सामूहिक प्रयासों को और भी सशक्त किया है, जिससे आने वाले समय में और अधिक ऐसी पहलों की उम्मीद की जा सकती है।