भारत की पहली स्वदेशी सीएआर टी-सेल थेरेपी करेगी कैंसर से लड़ने में मदद…
मुंबई। कैंसर के विरुद्ध लड़ाई में एक बड़ी उपलब्धि प्राप्त हुई है। क्योंकि आजकल कैंसर का बढ़ते ख़तरे को देखते से पता लगता है कि कितना खतरनाक भी हो सकता है। इसके लिए उम्र नही लगता है इसको देखते हुए आईआईटी बॉम्बे और टाटा मेमोरियल सेंटर द्वारा कैंसर के उपचार के लिए पहली स्वदेशी सीएआर टी-सेल थेरेपी की शुरुआत की। यह एक जीन आधारित थेरेपी रक्त कैंसर समेत विभिन्न कैंसर के इलाज में मदद करेगी। जिसकी शुरुवात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की। यह बेहद किफायती भी होगी। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की पहली जीन थेरेपी की शुरुआत कैंसर के विरुद्ध हमारी लड़ाई में एक बड़ी सफलता है।
सीएआर-टी सेल थेरेपी क्या है?
सीएआर-टी (CAR T) सेल थेरेपी में रोगी की टी सेल्स (एक प्रकार की प्रतिरक्षा प्रणाली कोशिका) को संशोधित करके शामिल की गई है। जिसको विशेष रूप से तैयार की गईं। टी-सेल्स यानी टी-कोशिकाएं कैंसर सेल्स पर हमला करती हैं और उनका खात्मा करने का काम करती हैं। इसे तैयार करने के लिए जटिल आनुवंशिक इंजीनियरिंग की आवश्यकता होती है। यह थेरेपी चिकित्सा विज्ञान में अभूतपूर्व प्रगति मानी जा रही है।
कैंसर को ठीक करने में करेगा मदद
आईआईटी बॉम्बे और टाटा मेमोरियल सेंटर द्वारा विकसित यह जीन-आधारित थेरेपी अलग – अलग प्रकार के कैंसर को ठीक करने में मदद करेगी। द लैंसेट रीजनल हेल्थ साउथईस्ट एशिया जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, भारत में साल 2019 में लगभग 12 लाख नए कैंसर के मामले और 9.3 लाख मौतें दर्ज की गई थीं। भारत, एशिया में इस बीमारी के चपेट में आने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है।
कितने में होगा उपचार ?
सीएआर टी-सेल थेरेपी बेहद महंगी है और ज्यादातर लोगों की पहुंच से बाहर है, लेकिन देश में विकसित कम लागत वाली यह थेरेपी बड़ी उपलब्धि है, जबकि आईआईटी बॉम्बे के निदेशक प्रोफेसर सुभासिस चौधरी ने कहा कि इस बीमारी के इलाज की लागत विदेश में लगभग चार करोड़ रुपये है, जबकि भारत में 30 लाख रुपये में होगा। यह थेरेपी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी ) बॉम्बे और टाटा मेमोरियल सेंटर द्वारा विकसित की गई है। नेक्ससीएआर19 सीएआर टी-कोशिका थेरेपी भारत की पहली मेड इन इंडिया सीएआर टी-सेल थेरेपी है, जो इलाज की लागत कम लाने में मददगार साबित होगी।
मेड इन इंडिया CAR T-सेल थेरेपी
नेक्ससीएआर- टी 19 सेल थेरेपी भारत की पहली ‘मेड इन इंडिया’ CAR T-सेल थेरेपी है, जिससे इलाज की लागत में काफी कमी आने की उम्मीद जताई गई है। पिछले कुछ वर्षों में तकनीक विकास और एआई के चलते कैंसर के इलाज में बड़ी सफलता मिली है, नई थेरेपी की मदद से कैंसर का इलाज आसान हो सकेगा। भारत की पहली ‘मेड इन इंडिया’ सीएआर टी-कोशिका थेरेपी है।
राष्ट्रपति ने कहा ‘भारत की पहली जीन थेरेपी की शुरुआत कैंसर के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक बड़ी उपलब्धि है। सीएआर टी-कोशिका थेरेपी इस प्रकार के इलाज को सुगम व किफायती बनाती है जिससे यह पूरी मानव जाति को एक नयी उम्मीद देती है।’
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