जापान को पछाड़ कर सौर ऊर्जा उत्पादन में तीसरे पायदान पर पहुंचा भारत…
जापान और जर्मनी जैसे विकसित देशों को पीछे छोड़ भारत सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। इसकी पुष्टि एनर्जी क्षेत्र में काम कर रहे थिंकटैंक एम्बर ने अपनी नई ‘रिपोर्ट ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यु 2024’ में की है। भारत 2009 में सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में नौवें स्थान पर था। जहां 2009 में भारत 6.57 टेरावाट-घंटे के साथ सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में नौवें स्थान पर था। वो 2023 में 113.41 टेरावाट-घंटे के साथ जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ तीसरे स्थान पर आ गया।
पीएम सूर्यघर- मुफ्त बिजली योजना लॉन्च किया
बता दें कि इस मामले में भारत केवल चीन (584.15 टेरावाट-घंटे) और अमेरिका (238.12 टेरावाट-घंटे) से ही पीछे है। पिछले कुछ वर्षों से भारत सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र पर काफी ध्यान दे रहा है। यह कामयाबी उसी का नतीजा है हाल ही में भारत ने सौर ऊर्जा को लेकर महत्वाकांक्षी पीएम सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना की शुरूआत की। इस योजना का लक्ष्य आम लोगों की छतों तक रूफ टॉप सोलर को पहुंचाना है। 13 फरवरी को भारत सरकार ने 75,021 करोड़ रुपए की वित्तीय व्यवस्था के साथ एक करोड़ घरों के लिए पीएम सूर्यघर- मुफ्त बिजली योजना लॉन्च की थी।
इस योजना के तहत सरकार की मंशा तीन किलोवाट तक के एक करोड़ रूफ टॉप सोलर के जरिए 100 करोड़ यूनिट बिजली पैदा करना है। इन प्लांट के 25 वर्षों के जीवनकाल में करीब 72 करोड़ टन कार्बन डाई ऑक्साइड के बराबर उत्सर्जन में कमी लाइ जा सकेगी। जो जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। साथ ही उम्मीद है कि यह योजना भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान को हासिल करने में भी मददगार साबित होगी।
चौथी सबसे बड़ी वृद्धि सौर ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि
वैश्विक स्तर पर देखें तो 2023 में सौर ऊर्जा उत्पादन 2015 की तुलना में छह गुणा अधिक था। वहीं भारत में यह आंकड़ा 17 गुणा रहा। बता दें कि जहां भारत के बिजली उत्पादन में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी 2015 में 0.5 फीसदी थी, वो 2023 में बढ़कर 5.8 फीसदी पर पहुंच गई है। भारत में 2023 में सौर ऊर्जा उत्पादन में जो वृद्धि है, वह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वृद्धि थी। भारत इस मामले में चीन, अमेरिका और ब्राजील से पीछे रहा।
एम्बर ने अपनी इस रिपोर्ट में 215 देशों के बिजली संबंधी आंकड़ों का विश्लेषण किया है। इसमें 80 देशों के 2023 के लिए जारी नवीनतम आंकड़े भी शामिल हैं। यह 80 देश वैश्विक स्तर पर बिजली की मांग के 92 फीसदी हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं।
आंकड़ों के मुताबिक 2023 में रिकॉर्ड संख्या में सौर पैनल और टरबाइन स्थापित किए गए। सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में हुई वृद्धि इसी बात से आंकी जा सकती है कि जहां 2000 के ऊर्जा उत्पादन में सौर और पवन की हिस्सेदारी 0.2 फीसदी थी, वो 2023 में बढ़कर करीब 13.4 फीसदी पर पहुंच गई है।
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के शुद्ध रूप से शून्य उत्सर्जन परिदृश्य के अनुसार, 2030 तक सौर ऊर्जा वैश्विक बिजली उत्पादन का 22 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। भारत 2030 तक नवीकरणीय क्षमता को तीन गुना करने की योजना बनाने वाले कुछ देशों में से एक है।
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भारत में तेजी से बढ़ रहा है उत्पादन
भारत में 2023 में सौर ऊर्जा उत्पादन में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वृद्धि थी। भारत इस मामले में चीन, अमेरिका और ब्राजील से पीछे रहा। इन चारों देशों की सौर ऊर्जा वृद्धि में हिस्सेदारी 2023 में 75 प्रतिशत रही। चीन (+156 टेरावाट घंटा या टीडब्लयूएच), संयुक्त राज्य अमेरिका (+33 टीडब्ल्यूएच), ब्राजील (+22 टीडब्ल्यूएच) के बाद भारत ने अपनी क्षमता में 18 टेरावाट घंटे जोड़े। 2023 में वैश्विक सौर उत्पादन 2015 की तुलना में छह गुना अधिक था जबकि भारत में यह 11 फीसदी से अधिक रहा। भारत में बिजली उत्पादन में सौर ऊर्जा का योगदान 2015 में 0.5 प्रतिशत था जो 2023 में बढ़कर 5.8 प्रतिशत हो गया।