Bullet train : एनीमोमीटर के माध्यम से अब होगा हाई स्पीड बुलेट ट्रेन कंट्रोल…
रांची। मुम्बई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर देश के पश्चिमी भाग में तटीय क्षेत्रों से होकर गुजरेगा, जहां कुछ क्षेत्रों में हवा की गति विशेष रूप से अधिक रहती है। इन तेज हवाओं का प्रभाव ट्रेन परिचालन पर पड़ सकता है। ऐसे में इस समस्या के निवारण के लिये 14 स्थानों पर (गुजरात में 09 एवं महाराष्ट्र में 05) स्थित पुलों पर एनीमोमीटर लगाने के लिये चिन्हित किया गया है। यह एनीमोमीटर हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर में हवा की गति को मापने के लिए लगाए जाएंगे ताकि ट्रेन संचालन को सही तरीके से समायोजित किया जा सके।
यह एनीमोमीटर उपकरण हवा की गति की निगरानी करेंगे, नदी पुलों और अचानक और तेज़ हवाओं की संभावना वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। सिस्टम को परिचालन नियंत्रण केंद्र पर वास्तविक समय की निगरानी के साथ 0 से 252 किमी प्रति घंटे की हवा की गति और 360 डिग्री दिशा डेटा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। साथ ही बताया कि अगर हवा की गति 72 किमी प्रति घंटे से अधिक है तो ट्रेन की गति को समायोजित करने की आवश्यकता होगी।
आधुनिक डिवाइस हवा के गति की निगरानी करेगा
पूर्वोत्तर रेलवे के जनसम्पर्क विभाग ने बताया कि नदी पर बने पुलों और अचानक तेज हवा की संभावना वाले क्षेत्रों पर ये उपकरण (डिवाइस) विशेष रूप से हवा के गति की निगरानी करेंगे। ये स्थान गुजरात के दमन गंगा नदी, पर नदी, नवसरीसुबर्ब, तापी नदी, नर्मदा नदी, भरोच-बड़ोदरा रेल खंड के मध्य में माही नदी, बरेजा, साबरमती नदी तथा महाराष्ट्र में देसाई खादी, उल्हास नदी, बंगला पाड़ा, वैतरना नदी एवं दहनुसुवर्व मिलाकर कुल 14 स्थानों को चिन्हत किया गया हैं।
सीस्मोमीटर किन जगहों पर लगेंगे ?
मिट्टी की उपयुक्तता और उसके बाद साइट चयन का आकलन करने के लिए एक विस्तृत सूक्ष्म-कंपकंपी परीक्षण के बाद, पूरे गलियारे में 22 सीस्मोमीटर लगाए जाएंगे। इनमें से आठ महाराष्ट्र में मुंबई, ठाणे, विरार और बोईसर में, जबकि 14 गुजरात के वापी, बिलीमोरा, सूरत, भरुच, वडोदरा, आणंद, महेमदाबाद और अहमदाबाद में लगाए जाएंगे। 28 सीस्मोमीटर में से बाकी के 6 महाराष्ट्र में खेड, रत्नागिरी, लातूर और पांगरी में तथा गुजरात में अदेसर और ओल्ड भुज जैसे भूकंप के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में लगाए जाएंगे।
भूकंपमापी (Seismometer) भूगति के एक घटक को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विधि से अधिक यथार्थतापूर्वक अभिलिखित करने वाला उपकरण है। सुपरिचित प्राकृतिक भूकंपों, भूमिगत परमाणु परीक्षण एवं पेट्रोलियम अन्वेषण आदि में मानवों के द्वारा विस्फोटों तथा तेज हवा, समुद्री तरंग, तेज मानसून एवं समुद्री क्षेत्र में तूफान या अवनमन आदि से उत्पन्न सूक्ष्मकंपों के कारण भूगति उत्पन्न हो सकती है ।
एनीमोमीटर क्या है ?
एनीमोमीटर एक प्रकार की आपदा निवारण प्रणाली है, जिसे जीरो से 360 डिग्री तक जीरो से 252 किमी. प्रतिघंटा की सीमा के अन्दर वास्तविक समय में हवा की गति का डेटा प्रदान करने के लिये तैयार किया गया है। यदि हवा की गति 72 से 130 किमी. प्रतिघंटा होती है, तो उस समय ट्रेन की गति निर्धारित की जायेगी। विभिन्न स्थानों पर स्थापित एनीमोमीटर के माध्यम से आपरेशन कंट्रोल सेन्टर हवा की निगरानी करेगा।
भूकंप के अलर्ट से रूक जाएगी ट्रेन
बता दें कि जापान की एडवांस शिंकानसेन (Shinkansen) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इस भूकंप के शुरुआती झटकों को पहचानने के लिए किया गया है। एक बार भूकंप का अलर्ट मिलने पर इस टेक्नोलॉजी से बुलेट ट्रेन की बिजली को तुरंत काट दिया जाता है और इमरजेंसी ब्रेक भी लग जाता है। भूकंप के दौरान ट्रेन के रूक जाने से किसी भी तरह की दुर्घटना को रोकने में काफी कमी आ सकती है।