Budget 2024 Tax Slab: बजट 2024 में स्टैंडर्ड डिडक्शन से लेकर स्लैब तक में हुए बदलाव, जानिए किसको मिलेगा क्या फायदा?…

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को केंद्रीय बजट 2024 पेश किया। इसी साल अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने वर्षों से लंबित बकाया प्रत्यक्ष कर की मांगों (डिमांड नोटिस) को वापस लेने का फैसला किया था। हालांकि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव वित्त मंत्री ने नहीं किया था। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण केंद्रीय बजट लोकसभा में पेश कर दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार का 11वां पूर्ण बजट पेश किया।
चार करोड़ लोगों को नई कर प्रणाली में 17,500 रुपये तक का होगा लाभ
इस बार के केंद्रीय बजट में सरकार के पास वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए कराधान (टैक्सेशन) के प्रावधानों में सुधार करने का मौका था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण के दौरान टैक्सेशन से जुड़ा कोई बड़ा बदलाव नहीं किया था। हालांकि, उन्होंने करीब एक करोड़ लोगों को टैक्स से जुड़े लाभ होने की बात कही थी। इस बार वित्त मंत्री ने नई कर प्रणाली में तीन से सात लाख रुपये तक 5% कर का प्रावधान किया है। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि तीन लाख रुपए तक की आमदनी पर करदाताओं को कोई टैक्स नहीं देना होगा। सात से दास लाख रुपये तक की आमदनी वालों के लिए 10% टैक्स का प्रावधान किया गया है। नए एलानों से चार करोड़ लोगों को नई कर प्रणाली में 17,500 रुपये तक का लाभ होगा।
वर्तमान में क्या है टैक्स स्लैब?
वर्तमान में टैक्स स्लैब की बात करें, तो 2.5 लाख से 5 लाख रुपये की आय पर 5 फीसदी टैक्स लगता है। वहीं, 5 से 10 लाख रुपये की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स लगता है। यदि किसी व्यक्ति की आय 10 लाख रुपये से अधिक होती है, तो उसे 30 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होता है।
जानिए कितनी आमदनी वालों को कितना टैक्स देना होगा?
3,00,000 तक : शून्य
3,00,001 से 7,00,000 : 5%
7,00,001 से 10,00,000 : 10%
10,00,001 से 12,00,000 : 15%
12,00,001 से 15,00,000 : 20%
15,00,000 से ऊपर : 30%
बजट की खास बातें
- चैरिटी के मामलों में दो अलग-अलग व्यवस्थाओं की जगह एक कर छूट व्यवस्था होगी।
- न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 75 कर दिया गया है।
- विभिन्न भुगतान के लिए पांच फीसदी टीडीएस की जगह दो फीसदी टीडीएस की व्यवस्था होगा।
- म्यूच्युअल फंड्स या यूटीआई के री-पर्चेस पर 20 फीसदी टीडीएस को वापस ले लिया गया है।
- ईकॉमर्स ऑपरेटर्स के लिए टीडीएस को एक फीसदी से घटाकर 0.1 फीसदी कर दिया गया है।
- टैक्स समाधान के लिए जन विश्वास-2.O पर काम जारी है।
- म्युचुअल फंड के रिपरचेज पर टीडीएस खत्म।
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दर 20% ।
- इनकम टैक्स कानून की छह महीने में समीक्षा करेंगे।
- एंजेल टैक्स हटाया ।
पिछली बार वित्त मंत्री ने पुरानी टैक्स डिमांड नोटिस वापस लेने की बात कही थी
अंतरिम बजट के दौरान वित्त मंत्री ने एलान किया था कि वर्ष 1962 से जितने पुराने करों से जुड़े विवादित मामले चले आ रहे हैं उनमें वर्ष 2009-10 तक लंबित रहे प्रत्यक्ष कर मांगों (डिमांड नोटिस) से जुड़े 25000 रुपये तक के विवादों को सरकार वापस ले लेगी। इसी तरह 2010-11 से 2014-15 के बीच लंबित रहे प्रत्यक्ष कर मांगों से जुड़े 10 हजार रुपये तक के मामलों को वापस लेने का फैसला किया गया था। वित्त मंत्री ने स्टार्टअप्स और पेंशन फंड्स में निवेश करने वालों को मिलने वाले कर लाभ की समयसीमा 31 मार्च 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च 2025 करने का एलान किया था।
ऐसे में स्टार्टअप्स में निवेश करने वालों को इस बजट से एक साल का अतिरिक्त कर लाभ मिलने की राह खुल गई थी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण में बताया था कि पिछले 10 वर्षों में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। इस दौरान टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में 2.4 गुना का इजाफा हुआ है। वित्त मंत्री ने यह भी बताया था कि आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद करदाताओं को टैक्स रिफंड मिलने में लगने वाले समय में कमी आई है। पहले इसमें औसतन 93 दिन का समय लगता था अब यह कम होकर 10 दिन रहा गया है।
क्यों दिया गया है टैक्स में बदलाव का प्रस्ताव?
अब सवाल है कि आखिर टैक्स में बदलाव का प्रस्ताव क्यों दिया गया है। आपको बता दें कि लागत मुद्रास्फीती सूचकांक साल 2012-13 में 200 था, जो कि 2024-25 के लिए बढ़कर 363 तक पहुंच गया है। इन आंकड़ों में अंतर के लिए प्रमुख रूप से बढ़ती महंगाई भी जिम्मेदार है। इस वजह से पुराने टैक्स स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव दिया गया है, जिससे बाजार संतुलन बना रहे।