मजबूत इरादों के आगे उम्र मायने नहीं रखते : पर्वतारोही ज्योति रात्रे
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रहने वाली पर्वतारोही ज्योति रात्रे जिसने एवरेस्ट की चोटी पर फतह हासिल कर ली है। साथ ही इस सफलता के साथ ही ज्योति रात्रे भारत की पहली महिला बन गई। जिसने ऐसी सफलता हासिल की है। ज्योति रात्रे को यह सफलता दूसरी कोशिश में मिली है।
ज्योति रात्रे ने मजबूत इरादों से एवरेस्ट फतह किया है। वह 55 साल की हैं। ऐसा करने वाली भारत की सबसे उम्रदराज महिला बन गई हैं। ज्योति रात्रे एक बिजनेसवीमेन हैं। उन्होंने 19 मई की सुबह साढ़े छह बजे माउंट एवरेस्ट की चोटी पर कदम रखा था। इसके साथ ही उन्होंने उम्रदराज महिला का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। इसके छह साल पहले 53 की उम्र में संगीता बहल एवरेस्ट की चोटी पर पहुंची थी।
दूसरी बार में हासिल की सफलता
भोपाल की रहने वाली ज्योति रात्रे ने दूसरी कोशिश में यह सफलता हासिल की है। क्योंकि 2023 में खराब मौसम की वजह से वह एवरेस्ट फतह नहीं कर पाई थीं। लेकिन इस बार भी उनका सफर इतना आसान नहीं रहा। एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान कई तरह की मुश्किलें सामने आईं। चढ़ाई के दौरान कई बार तेज हवाओं की वजह से रुकना पड़ा। खराब मौसम की वजह से रात कैंप में ही बिताना पड़ा।
15 सदस्यीय टीम की सदस्य रही
बता दें कि बोलीविया के पर्वतारोही डेविड ह्यूगो अयाविरी क्विस्पे के नेतृत्व में 15 सदस्यीय टीम की सदस्य ज्योति रात्रे रहीं। इस दौरान ज्योति रात्रे को गाइड से भी मदद मिली है। इस सफलता के बाद परिवार में खुशी की लहर है। 55 वर्षीय ज्योति ने 19 मई को सुबह 6:30 बजे माउंट एवरेस्ट (8,848.86 मीटर) के शिखर पर कदम रखा ज्योति रात्रे के पति केके रात्रे ने बताया है कि शिखर पर पहुंचने से पहले उन्हें एवरेस्ट कैंप-चार (8000 मीटर से ऊपर) में भी एक रात रुकना पड़ा। साथ ही इस चढ़ाई के लिए गाइड लाकपा नुरु शेरपा, मिंग नुरु शेरपा और पासंग तेनजिंग शेरपा ने उनकी मदद की।