देश की पहली माँ जिसने माइनस 16 डिग्री तापमान में किया इंग्लिश चैनल को तैरकर पार…
नासिक। समुद्र की लहरों के बीच हौसले बुलंद रखकर तैरकर पार करते हुए, भारत की पहली माँ महाराष्ट्र के नासिक की दो जुड़वां बेटों की मां तन्वी चव्हाण-देवरे इंग्लिश चैनल पार करने वाली देश की पहली मां है। जिसने 29 जून को अटलांटिक सागर में 16 डिग्री तापमान में 17 घंटे और 42 मिनट तैरकर इंग्लिश चैनल पार किया। तन्वी को ब्रिटेन के शहर डोवर से 32 किलोमीटर दूर फ्रांस के कैप ब्लैंक नेज तक तैरकर जाना था।
लेकिन तेज बुखार और मजबूत लहरों के कारण उन्हें रास्ता बदलकर विसेंट में फ्रांसीसी तट तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त 10 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी। मौसम में बदलाव के कारण उनके तीन साथी पहले ही वापस लौट आए थे। हालांकि, समुद्र की लहरों ने तन्वी को तीन घंटे तक घेरे रखा, लेकिन उन्होंने अपना हौसला नहीं खोया।
रोज 8 घंटे किया अभ्यास
तन्वी ने 7 साल की उम्र से इंग्लिश चैनल में तैरने के लिए बैंगलोर के तैराकी के मुख्य कोच श्रीकांत विश्वनाथन और नासिक के सेवानिवृत्त कोच शंकर मालगुंडी से रोज सात से आठ घंटे प्रशिक्षण लेते आ रही हैं। वह सप्ताह में एक बार 11 से 15 घंटे तैराकी करती थीं। चूंकि प्रतियोगिता दिन-रात होती है, इसलिए उन्होंने उसी तरह अभ्यास किया। अपने अभ्यास के दम पर दृढ़ संकल्प के साथ पूरा चैनल पार किया ।
इंग्लिश चैनल क्या है ?
अटलांटिक महासागर की एक खाड़ी है जो इंग्लैंड को फ्रांस से अलग करती है। तैराकी की प्रतियोगिता ब्रिटेन में डोवर से शुरू होती है और फ्रांस में कैप ग्रिस नेज पर समाप्त होती है। जिसके लिए प्रतियोगियों को ये दूरी 24 घंटे के अंदर पार करना अनिवार्य होता है। यह इंग्लिश चैनल कहलाता है।
क्वालीफाइंग राउंड को 11 डिग्री तापमान में किया था पूरा
प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए 15 डिग्री सेल्सियस पर छह घंटे की तैराकी आवश्यक है । जिसे नैनीताल में सर्दियों के बीच 11 डिग्री तापमान में क्वालीफाइंग राउंड पूरा किया । फिर रिले और व्यक्तिगत स्पर्धाओ में सलेक्ट किया गया । तन्वी के साथ प्रतिस्पर्धा में साथ में दो भारतीय, एक अमेरिकी और एक ब्रिटिश तैराक भी रहे । जिसको सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया था ।