स्वामी आत्मानंद स्कूल को अब कलेक्टर नहीं स्कूल शिक्षा विभाग के जिम्मे…
छत्तीसगढ़ के स्वामी आत्मानंद स्कूल अब कलेक्टर नहीं स्कूल शिक्षा विभाग चलाएगा। इसे संचालित कर रही कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समितियां भंग की जाएंगी। स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सदन से इसकी घोषणा की। मंत्री बृजमोहन ने कहा कि स्वामी आत्मानंद हम सबके लिए पूज्यनीय हैं मगर इन स्कूलों में अव्यवस्थाएं हैं। सरकारी प्राचार्य और व्याख्याता को कलेक्टर वेतन दे रहे हैं। स्कूलों में पुराने महापुरुषों के नाम जोड़े जाएंगे। जहां-जहां शिकायत हैं जांच कराएंगे।
स्कूलाें में मेंटनेस के नाम पर 800 करोड़ रुपये खर्च किए। एक नया स्कूल नहीं बनाया। अब स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की तारीफ कर रहे हैं। पहले तय कर लें कि अंग्रेजी पढ़ाना है या नहीं पढ़ाना है। इन स्कूलों में सेटअप के अनुसार नई भर्ती होनी चाहिए।
पहले दान दिया, जमीन दिया, उनका बोर्ड हटाकर स्वामी आत्मानंद स्कूल नाम लिख दिया गया। तखतपुर में जेएमपी महाविद्यालय का नाम बदल दिया। उन्होंने 1961 में कई एकड़ जमीन दी थी, विनोबा भावे ने जिस स्कूल का उद्घाटन किया वह गायब हो गया।
बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि जाने-माने हिंदी मर्मज्ञ और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने वाले पं. रामदयाल तिवारी का नाम विलोपित कर दिया। स्वर्गीय बद्री प्रसाद पुजारी का नाम विलोपित कर दिया। विधायक राजेश मूणत ने पूछा कि इन स्कूलों का क्या नया सेटपअ होगा, इसकी नई भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ होगी क्या।
स्कूली शिक्षा में एक और बदलाव
छत्तीसगढ़ सरकार स्कूली शिक्षा में एक और बदलाव करने जा रही है। भूपेश सरकार में बहुप्रतिक्षित स्वामी आत्मानंद स्कूलों में शिक्षा की वर्तमान स्थिति, अनियमितता और कुप्रबंधन को लेकर इसकी संचालन समितियों को तत्काल प्रभाव से खत्म करने का निर्णय लिया गया है। स्वामी आत्मानंद स्कूलों में शिक्षा-दीक्षा की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी अब शिक्षा विभाग के हवाले होगी। स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में स्वामी आत्मानंद स्कूलों में गड़बड़ी में ध्यानाकर्षण करते हुए यह बात कही है ।
करीब 800 करोड़ रुपए घोटाले की आशंका
स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि स्वामी आत्मानंद पूरे देश में पूज्यनीय हैं। हम सभी के मन में उनके लिए सम्मान है। पहले ये स्कूल जिन महान हस्तियों के नाम से जाने जाते थे, उनका नाम फिर से स्वामी आत्मानंद से पहले जोड़ा जाएगा। आत्मानंद स्कूलों को लेकर अगर कोई अनियमितता की शिकायत मिलती है, तो उसकी जांच कराई जाएगी। आत्मानंद स्कूलों के पुनर्निर्माण और अन्य पदों में लगभग 800 करोड़ रुपए घोटाले की आशंका है। जहां भी शिकायत प्राप्त होगी, उसकी जांच कराई जाएगी। अकेले राजधानी रायपुर के आर.डी. तिवारी स्कूल में ही लगभग 4.5 करोड़ रुपए बिल्डिंग मरम्मत पर खर्च किए गए, जबकि इतनी राशि में एक नई बिल्डिंग का निर्माण हो जाता।
पूर्ववर्ती सरकार ने छात्रों के भविष्य के साथ किया खिलवाड़
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की महान विभूति, शिक्षाविद् और समाज सुधारक और जन जागरण के पुरोधा स्वामी आत्मानंद के नाम पर तत्कालीन सरकार ने प्रदेश में अंग्रेजी और हिन्दी माध्यम उत्कृष्ट स्कूल खोलकर न सिर्फ शिक्षा और विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है, बल्कि स्वामी आत्मानंद जी के नाम को भी धूमिल किया है।
स्वामी आत्मानंद स्कूल अब शिक्षा विभाग के हवाले
छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के दौरान स्वामी आत्मानंद योजना को लेकर यह घोषणा की गयी, स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल अब कलेक्टर के अंतर्गत नहीं, बल्कि शिक्षा विभाग के हवाले होंगे। मंत्री अग्रवाल ने कहा कि अगले शिक्षा सत्र में कलेक्टर की अध्यक्षता वाली सभी समितियां भंग होंगी। सभी स्कूलों को शिक्षा विभाग के अंतर्गत लाया जाएगा।
गड़बड़ी के मामलों में होगी जांच
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में प्रदेश के सभी सरकारी प्रिंसिपल और टीचर्स को कलेक्टर ही वेतन देता है, लेकिन अगले शिक्षा सत्र से ऐसा नहीं होगा। इसके साथ ही मंत्री अग्रवाल ने यह आश्वासन भी दिया है कि जहां-जहां गड़बड़ी होगी उसकी जांच करवाई जाएगी। बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे, यह सुनिश्चित करेंगे। साथ ही जिन महापुरुषों के नाम इन स्कूलों से हटाए गए हैं उन्हें फिर से जोड़ा जाएगा। महापुरुषों के नाम की तख्ती भी लगाई जाएगी।