लैब टेक्निशियन का कोर्स करके बनाये मेडिकल के क्षेत्र में अपना करियर…
कोई भी चिकित्सा उपचार बीमारी के व्यापक मूल्यांकन और सटीक निदान के बाद ही शुरू होता है। जिसमे इन परीक्षणों द्वारा पाए गये परिणामों का उपयोग डॉक्टरों द्वारा उपचार का सुझाव देने या आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए किया जाता है, जो कि पैथोलॉजी लैब तकनीशियन की मदद से ही संभव हो पाता हैं। स्वास्थ्य व चिकित्सा विज्ञान में एक ठोस आधार होने के अलावा, एक पैथोलॉजी लैब तकनीशियन को नवीनतम उपकरणों और प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी का होना आवश्यक है। स्वास्थ्य विज्ञान के प्रति रुचि रखने वाले छात्रों के लिए पैथोलॉजी लैब तकनीशियन एक बढ़िया विकल्प है।
कब से कर सकते है इस पाठ्यक्रम की शुरुवात ?
कक्षा 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद डिप्लोमा और स्नातक दोनों ही स्तर पर पैथोलॉजी लैब तकनीशियन का कोर्स किया जा सकता है। यह कोर्स निम्न है –
1 बीएससी मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी
चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी (बीएमएलटी) में प्रवेश लेने पर स्नातक तक की शिक्षा के लिए 3 वर्ष की अवधि होती है । जिसके द्वारा लैब टेक्निशियन के कोर्स संचालित किये जाते है। साथ ही डिग्री भी दिया जाता है।
2 डिप्लोमा मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी
इस कोर्स को भी कक्षा 12वीं के बाद संचालित किये जाते है जिसे डीएमएलटी के नाम से भी जाना जाता है। जो 1 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स होता है। जिसके लिए बायोलॉजी विषय के छात्रों को एडमिशन दिया जाता है।
पैथोलॉजी लैब तकनीशियन कोर्स
पैथोलॉजी लैब तकनीशियन कोर्स का मुख्य उद्देश्य छात्रों को विभिन्न परीक्षण तकनीकों के लिए शिक्षा देना है जिसका उपयोग परीक्षणों को सटीक रूप से प्राप्त करने के लिए किया जाता है। जिसके द्वारा रक्त परिक्षण, मूत्र परीक्षण, डीएनए टाइपिंग और अन्य विश्लेषण शामिल हैं। इस पाठ्यक्रम का उपयोग करके नैदानिक प्रयोगशाला द्वारा किसी समस्या के निदान पर पंहुचा जाता है। बीएससी एमएलटी डिग्री प्रोग्राम के स्नातकों के पास विभिन्न उद्योगों में रोजगार के लिए कई विकल्प हैं। एक एमएलटी पूर्व छात्र सार्वजनिक या निजी नैदानिक सेटिंग में चुनौतीपूर्ण नौकरी कर सकता है, जैसे कि रक्तदान सुविधाएं, ईआर, या प्रयोगशालाएं।
क्या होगी पात्रता?
इस पैथोलॉजी लैब तकनीशियन कोर्स के लिए योग्यता 12वीं कक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक, विषय संयोजन के रूप में पीसीबी के साथ होना आवश्यक है। इस कोर्स की अवधि 3 साल है।
डिप्लोमा मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी (डीएमएलटी)
डीएमएलटी के पाठ्यक्रम में छात्रों को कोशिकाओं, शारीरिक तरल पदार्थों और ऊतकों की पहचान और जांच करना, कई पद्धतियों और प्रयोगशाला उपकरणों का उपयोग करके बीमारियों के निदान, प्रबंधन और रोकथाम में मदद करना सिखाता है। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को रसायन विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान, ऊतक विज्ञान और रुधिर विज्ञान के क्षेत्रों की गहन समझ प्रदान करना है । एक कार्यशील चिकित्सा सुविधा को एमएलटी की आवश्यकता होती है क्योंकि प्रयोगशाला तकनीशियनों द्वारा किए गए विश्लेषण चिकित्सकों को उचित निदान और उपचार के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने का कार्य करते हैं।
डीएमएलटी पात्रता
इस लैब तकनीशियन कोर्स के लिए योग्यता 12वीं कक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक, विषय संयोजन के रूप में पीसीबी के साथ उत्तीर्ण होनी चाहिए। जिसकी अवधि 2 साल है।
एक्स-रे टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा
एक्स-रे प्रौद्योगिकी कोर्स में डिप्लोमा एक पैरामेडिकल शिक्षा है निदान और उपचार प्रक्रियाओ में एक्स-रे तकनीक का भी उपयोग काफी व्यापक होता जा रहा हैं। जो आकर्षक कार्य संभावनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है। एक्स-रे उद्योग की निरंतर प्रासंगिकता और एक्स-रे विशेषज्ञों की बढ़ती मांग को देखते हुए एक्स-रे टेक्नोलॉजिस्ट के रूप में करियर निस्संदेह एक अच्छा विकल्प है। जिसकी मांग सार्वजनिक और वाणिज्यिक दोनों क्षेत्रों में, देखभाल सुविधाओं, अस्पतालों, परीक्षण सुविधाओं और सुपर-स्पेशियलिटी क्लीनिकों में उपयोग के लिए लगातार रहती है।
पात्रता
पैथोलॉजी लैब तकनीशियन पाठ्यक्रम में इस डिप्लोमा के लिए योग्यता 12वीं कक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक, विषय संयोजन के रूप में पीसीबी के साथ होना आवश्यक है। जिसकी अवधि 2 साल है। प्रवेश के समय उम्मीदवार की आयु 16 से 28 वर्ष के बीच होनी चाहिए। मेडिकल लैब तकनीशियन केयर में डिप्लोमा 6 सेमेस्टर के साथ 3 साल का डिप्लोमा कार्यक्रम है।
वेतन
प्रारंभिक वेतन के रूप में डिप्लोमा धारक का वेतन प्रति वर्ष 1,50,000 से 1,80,000 हो सकता है। साथ ही पैथोलॉजी लैब टेक्नोलॉजी में डिग्री धारक को अनुभव और व्यावहारिक कौशल के साथ प्रति वर्ष 2,60,000 रुपये से 3,50,000 तक वेतन मिलता है।
डीएमएलटी वालों के लिए नौकरी में पद
- चिकित्सा तकनीशियन
- प्रयोगशाला तकनीशियन
- पैथोलॉजी तकनीशियन
- चिकित्सा लेखक (प्रवेश स्तर)
- रोजगार के अवसर मेडिकल लैब तकनीशियन में डिप्लोमा (डीएमएलटी)
- माइक्रोबायोलॉजी टेक्नीशियन
- पैथोलॉजी टेक्नीशियन
- लैबोरेट्री टेक्नीशियन
- बायोकेमिस्ट्री टेक्नीशियन
- X-Ray टेक्नीशियन
- ब्लड बैंक टेक्नीशियन
- कार्डियक टेक्नीशियन
- लैबोरेटरी मैनेजर
इन्हें भी पढ़े : जानिए बीएससी नर्सिंग में कैसे बनाये करियर?…