जानिए क्या है फ़ूड टेक्नोलॉजी ?
फ़ूड टेक्नोलॉजी साइंस की वह ब्रांच है जो फ़ूड प्रोडक्ट्स के रखरखाव को प्रदर्शित करती है। जिसमे प्रोसेसिंग से लेकर स्टोरेज, फिर पैकेजिंग यह सब स्टेप्स बीएससी फूड टेक्नोलॉजी के पार्ट्स हैं। इसमें ऐसी विधि और प्रैक्टिस भी शामिल होती हैं जिनसे कच्चे माल को फाइनल प्रोडक्ट में तब्दील किया जाता है। बीएससी फूड टेक्नोलॉजी एक एक्सेप्शनल कोर्स है जो स्टूडेंट्स को ढेर सारे मौके देता है। बीएससी फूड टेक्नोलॉजी कोर्स की ड्यूरेशन यूनिवर्सिटी के अनुसार 3 या 4 साल की हो सकती है।
एडमिशन के लिए ज़रूरी है ये योग्यताए
फूड टेक्नोलॉजी में बी.टेक कोर्स करने के लिए एक छात्र के पास 10+2 में फिजिक्स, कैमेस्ट्री और मैथ्स में 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए। मास्टर लेवल के कोर्स करने के इच्छुक छात्रों को बी.ई./बी. टेक. फूड साइंस / फूड साइंस और टेक्नोलॉजी / फूड टेक्नोलॉजी और मैनेजमेंट / फूड टेक्नोलॉजी / फूड प्रोसेस इंजीनियरिंग / फूड इंजीनियरिंग / डेयरी इंजीनियरिंग / डेयरी टेक्नोलॉजी / एग्रीकल्चर और फूड इंजीनियरिंग / डेयरी और फूड इंजीनियरिंग में, किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से न्यूनतम कुल स्कोर के साथ 45 – 50% होने चाहिए।
जॉब अवसर के लिए क्षेत्र
फूड टेक्नोलॉजी फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में रॉ मटेरिअल्स को फूड और अन्य रूपों में बदलने के लिए फिजिक्स, कैमिकल या माइक्रोबायोलॉजी टेक्नीक्स और प्रोसेस के ट्रांसॉर्मिंग से संबंधित है। फूड प्रोसेसिंग का मतलब रॉ मटेरिअल्स को फूड प्रोडक्ट्स में बदलना या फूड को अन्य रूपों में ढालना होता है । बीई/बी. टेक इन फूड टेक्नोलॉजी 4 साल का प्रोग्राम देता है। फूड टेक्नोलॉजी विभिन्न कैमिकेल प्रोसेस से संबंधित है जो फूड प्रोडक्ट को मार्केट के लिए तैयार करने में मदद करता है। आप बीई/बी.टेक कोर्स पूरा करने के बाद फूड टेक्नोलॉजी में एम.टेक भी कर सकते हैं। इसके साथ निम्न जॉब के अवसर मिलते है ।
-
फूड टेक्नोलॉजिस्ट
-
न्यूट्रिशनल थेरेपिस्ट
-
प्रोडक्ट / प्रोसेस डेवलपमेंट साइंटिस्ट
-
क्वालिटी मैनेजर
-
रेगुलेटरी अफेयर्स ऑफिसर
-
साइंटिफिक लेबरोट्री टेक्नीशियन
-
टेक्नीकल ब्रेवर
-
प्रोडक्शन मैनेजर
-
पर्चेजिंग मैनेजर
-
रिसर्च साइंटिस्ट
-
टॉक्सिलॉजिस्ट
फूड टेक्नोलॉजी में करियर
-
ऑर्गेनिक केमिस्ट के रूप में, फूड टेक्नोलॉजिस्ट उन तरीकों पर सलाह देते हैं जिनके द्वारा रॉ मटेरिअल्स को प्रोसेसिंग फूड में परिवर्तित किया जाना है।
-
बायोकेमिस्ट के रूप में, वे फेलेवर, टेक्सचर, स्टोरेज और क्वालिटी में सुधार का सुझाव देते हैं।
-
होम इकोनॉमिस्केट रूप में, वे डायटेटिक्स सांइस और न्यूट्रिशंस एक्सपर्ट बन जाते हैं और वे कंटेनरों पर निर्देशों के अनुसार फूड और रेसिपी का टेस्ट करते हैं।
-
इंजीनियरों के रूप में वे प्रोसेसिंग सिस्टम की प्लानिंग, डिजाइन, इंप्रुविंग और मेंटेनिंग का काम करते हैं।
-
रिसर्च साइंटिस्ट के रूप में, वे उपज में सुधार, फ्लेवर, न्यूट्रिटिव वैल्यू और पैकेज्ड फूड की जेनरल एक्सेप्बलिटी के संबंध में प्रयोग करते हैं।
-
मैनेजर और अकाउंटेंट के रूप में, वे प्रोसेसिंग वर्क की निगरानी के अलावा एडमिनिस्ट्रेश्न और फाइनांस की सुपरवाइजिंग करते हैं।
फूड टेक्नोलॉजी के लिए एंट्रेंस एग्जाम
-
IIFPT – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ फ़ूड प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी
-
NPAT-नेट प्रॉफिट आफ्टर टैक्स
-
CUET –सेंट्रल यूनिवर्सिटीज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट
-
CUCET – सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़कॉमन एंट्रेंस टेस्ट
-
SET -स्टेट एलिजीबिलिटी टेस्ट
बीएससी फूड टेक्नोलॉजी क्यों करें?
बीएससी फूड टेक्नोलॉजी कोर्स क्यों करें
-
बीएससी फूड टेक्नोलॉजी कोर्स से ग्रेजुएशन के बाद, मार्केटिंग, क्वालिटी अश्योरैंस कम्पनीज़, प्रोडक्ट मैनेजमेंट फर्म्स, लॉजिस्टिक्स आदि में एंट्री लेवल जॉब्स पा सकते हैं।
-
बीएससी फूड टेक्नोलॉजी के बाद आपको इसी फ़ील्ड में हायर स्टडीज़ करने में आसानी रहेगी।
-
फ़ूड टेक्नोलॉजी ऐसी फ़ील्ड है जो तेज़ी से रफ़्तार पकड़ रही है। इस कारण बीएससी फूड टेक्नोलॉजी में फ्यूचर स्कोप बहुत अच्छा है।