जानिए गुड फ्राइडे मनाने के पीछे की क्या है वजह ?…
GOOD FRIDAY: गुड फ्राइडे ईसाई धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला वह त्योहार है, जिसका नाम सुनने से लगता है कि यह कोई जश्न होगा। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। गुड फ्राइडे को शोक दिवस के तौर पर मनाया जाता है। क्योंकि जब यहूदी शासकों ने ईसा मसीह को सभी शारीरिक और मानसिक यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ा दिया गया था तो उस दिन शुक्रवार था। इसलिए ईसा मसीह ने मानव जाति के लिए हंसते-हंसते अपना जीवन कुर्बान कर दिया, इसलिए इस शुक्रवार को ईसाई धर्म के लोग ‘गुड फ्राइडे’ के रूप में मनाते हैं। इस दिन को ईसाई धर्म को मानने वाले कुर्बानी दिवस के रूप में मनाते हैं। ईसा मसीह को गुड फ्राइडे के दिन ही सूली पर लटका दिया गया था और मरते हुए भी ईसा मसीह ने किसी के लिए कुछ बुरा नहीं कहा ।
सूली पर क्यों लटकाया गया था?
करीब 2004 साल पहले ईसा मसीह यरुशलम में रहकर मानवता के कल्याण के लिए भाईचारे, एकता और शांति का उपदेश देते थे। सभी लोग ईसा मसीह को परमेश्वर का दूत मानने लगे थे । इस वजह झूठे और पाखंडी धर्म गुरुओं ने ईसा मसीह के खिलाफ यहूदी शासकों के कान भरने शुरू कर दिए। फिर एक दिन उन पर राजद्रोह का मुकदमा चलाकर सूली पर चढ़ाए जाने का फरमान जारी कर दिया गया। इससे पहले उन्हें कांटों का ताज पहनाया गया। ईसा को सूली को कंधों पर उठाकर ले जाने के लिए विवश किया गया। आखिर में उन्हें बेरहमी से मारते हुए उन्हें कीलों से ठोकते हुए सूली पर लटका दिया गया।
ईसा मसीह के आखिरी शब्द
सूली पर लटकाने से पहले कांटों का ताज तक पहना दिया तो भी उनके मुख से सभी के लिए सिर्फ क्षमा और कल्याण के संदेश ही निकले।इसको क्षमा की शक्ति के लिए अद्भुत मिसाल मानी गई। प्रभु यीशु के मुख से मृत्यु पूर्व ये मार्मिक शब्द निकले, ‘हे ईश्वर इन्हें क्षमा करें, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं’। ईसाई धर्म के पवित्र बाइबिल में यीशु को सूली पर चढ़ाए जाने की घटना के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया है।
प्रभु यीशु को पूरे 6 घंटे तक सूली पर लटकाया गया था। आखिरी के 3 घंटों में चारों ओर अंधेरा छा गया था। जब यीशु के प्राण निकले तो एक जलजला सा आया। कब्रों की कपाटें टूटकर खुल गईं। दिन में अंधेरा छा गया था। ऐसा माना जाता है इसी वजह से गुड फ्राइडे के दिन चर्च में दोपहर में करीब 3 बजे प्रार्थना सभाएं होती हैं। मगर किसी भी प्रकार का समारोह नहीं होता है।
गुड फ्राइडे क्या है ?
गुड फ्राइडे को दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। गुड फ्राइडे में ‘Good’ क्या होता है…? इसके पीछे पहला कारण ये है कि, माना जाता है कि “गुड फ्राइडे” नाम की उत्पत्ति “God’s Friday” शब्द से हुई है, जो बाद में “गुड फ्राइडे” बन गया। गुड फ्राइडे ‘गुड’ शब्द के ‘पवित्र अर्थ से बना है। 1955 तक, कैथोलिक चर्च द्वारा इस दिन के लिए लैटिन शब्द Feria sexta in Parasceve कहा जाता है। 1970 में पैसिओन डोमिनी ने शब्द को छोटा करके Feria sexta कर दिया। जर्मन भाषी देशों में, गुड फ्राइडे को आमतौर पर Karfreitag के नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ है ‘शोक शुक्रवार’।
कुछ देशों में यीशु के बलिदान का सम्मान करने के एक तरीके के रूप में गुड फ्राइडे पर मांस खाने के बजाए मछली खाने की प्रथा है। कुछ परंपराओं में चर्च की घंटियां गुड फ्राइडे पर धीरे-धीरे और गंभीरता से बजाई जाती हैं। इसके बाद चर्च की घंटियां ईस्टर यावी रविवार तक नहीं बजाई जाती है। गुड फ्राइडे हर साल अलग-अलग तारीखों पर पड़ता है, क्योंकि यह चंद्र कैलेंडर और ईस्टर रविवार की तारीख से जुड़ा हुआ है। ग्रेगोरियन और जूलियन कैलेंडर दोनों में एक वर्ष से अगले वर्ष तक ये तारीख घटती-बढ़ती रहती है।