वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए शामिल हुआ तेजस मार्क 1ए…
बेंगलुरु । स्वदेशी लड़ाकू विमान दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए पहले टेस्ट में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की फैसिलिटी में पहली उड़ान भरी। जिसमे यह 18 मिनट की थी। इस विमान में डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC) को लगाया गया था। DFCC का मतलब होता है कि फाइटर जेट से मैन्यूअल फ्लाइट कंट्रोल्स हटाकर उसकी जगह इलेक्ट्रॉनिक इंटरफेस लगा देना। बहुत सारी चीजें कंप्यूटर के साथ में की जाती है, साथ ही विमान को पायलट के मुताबिक संतुलित और नियंत्रित रखा जाता है। इस सिस्टम की वजह से रडर, एलिवेटर, एलिरॉन, फ्लैप्स और इंजन का नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिकली होता है। फ्लाई बाय वायर कुल मिलाकर फाइटर जेट को एक आत्म संतुलन देता है। स्टेबलाइज करता है। यह विमान को और भी ज्यादा सुरक्षित बनाता है।
विमान में रहेंगी यह सुविधाएं
तेजस एमके1ए को वायुसेना में शामिल करने से सेना की क्षमता दोगुनी हो जाएगी। जिसमे तेजस एमके1ए में उन्नत इलेक्ट्रानिक रडार, युद्ध और संचार प्रणाली, बेहतर युद्ध क्षमता और बेहतर सुविधाएं होंगी। विमान के उन्नत संस्करण, तेजस एमके-1ए में उन्नत मिशन कंप्यूटर, उच्च प्रदर्शन क्षमता वाला डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC Mk-1A), स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (SMFD), एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार, एडवांस्ड सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट आदि सुविधाएं हैं। उन्नत दृश्य-सीमा (बीवीआर) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और बाहरी आत्म-सुरक्षा जैमर पॉड के साथ आएगा। भारतीय सेना के लिए एलसीए तेजस का एडवांस्ड वर्जन मार्क-1 ए विमान तैयार किया गया है। एयर फोर्स को मिलने वाले इस फाइटर जेट को 2205 किमी. प्रति घंटे की स्पीड से हवा में उड़ाया जा सकता है। यही नहीं, एयर फोर्स का यह फाइटर जेट 6 तरह की मिसाइलों को ले जाने में भी सक्षम है ।
तेजस एमके1ए उड़ान रही सफल
बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के हवाईअड्डे से इसका परीक्षण किया गया। यह विमान लगातार 18 मिनट तक हवा में रहा। रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनी एचएएल ने बताया कि तेजस एमके1ए विमान ने हवा में 18 मिनट बिताने के बाद सुरक्षित लैंडिंग की। इस उड़ान का संचालन चीफ टेस्ट पायलट ग्रुप कैप्टन केके वेणुगोपाल (सेवानिवृत्त) ने किया। तेजस को भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार बनाने के क्रम में, रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 97 और तेजस एमके-1ए विमानों की आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) प्रदान कर दी है।
हर मौसम में काम करने को तैयार है तेजस एमके1ए
तेजस एमके1ए भारतीय वायुसेना के लिए स्वदेशी 4.5 पीढ़ी का हर मौसम में काम करने वाला बहुउद्देशीय लड़ाकू लड़ाकू विमान है। रक्षा मंत्रालय ने 83 एलसीए तेजस एमके-1ए लड़ाकू के लिए फरवरी 2021 में एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।
तेजस-मार्क 2 के इंजन अमेरिकी कंपनी जीई बनाएगी
वहीं एक नए घटनाक्रम में भारत में अमेरिकी कंपनी जीई के इंजन बनेंगे। ये इंजन भारत के अगले हल्के लड़ाकू विमान तेजस-मार्क 2 के इंजन होंगे। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने बताया कि अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) मिलकर भारत में यह इंजन बनाएंगी। हल्के लड़ाकू विमान तेजस-मार्क 2 के लिए सबसे पहले इंजन बनाने का काम होगा। एक साल में इस फाइटर जेट का प्रोटोटाइप तैयार होगा। वहीं चार साल बाद इसे भारतीय वायुसेना में शामिल किया जा सकता है।