October 14, 2024

भारत का गेमिंग उद्योग तेजी बढ़ रहा डिजिटल अर्थव्यवस्था और तकनीक-प्रेमी विकास की ओर…

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भारत का जीवंत ऑनलाइन गेमिंग उद्योग तेज़ी से विकास की ओर बढ़ता जा रहा है, जो तेज़ी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था और तकनीक-प्रेमी आबादी से प्रेरित है। बढ़ती युवा आबादी और स्मार्टफोन एवं हाई-स्पीड इंटरनेट तक व्यापक पहुँच के साथ भारत का गेमिंग क्षेत्र वैश्विक गेमिंग परिदृश्य पर अपनी अमिट छाप छोड़ने के लिये तैयार है।

वर्तमान में भारत विश्व का सबसे बड़ा गेमिंग बाज़ार है, जहाँ वर्ष 2023 में 568 मिलियन गेमर्स का उपयोगकर्ता आधार मौजूद था और 9.5 बिलियन से अधिक गेमिंग ऐप डाउनलोड किये गए। भारत में इस क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2020-23 के बीच 28% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के साथ एक प्रभावशाली विकास प्रक्षेपवक्र का अनुभव किया है। यह वृद्धि न केवल बड़ी मात्रा में विदेशी और घरेलू निवेश को आकर्षित कर रही है बल्कि प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोज़गार के पर्याप्त अवसर भी उत्पन्न कर रही है।


गेमिंग उद्योग के उदय में योगदान के प्रमुख कारक

बेहतर इंटरनेट अवसंरचना और कनेक्टिविटी के लिए टियर-II और टियर-III शहरों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के विकास ने ऑनलाइन गेमिंग की पहुँच को केवल मेट्रो क्षेत्रों तक सीमित नहीं रखते हुए इसके परे भी विस्तारित किया है।
भारतनेट और राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन जैसी पहलों का लक्ष्य ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट पहुँच उपलब्ध कराना है। 4G के प्रसार और 5G नेटवर्क के आगमन से इंटरनेट की गति बढ़ी है और विलंबता या ‘लेटेंसी’ कम हुई है, जो निर्बाध ऑनलाइन गेमिंग अनुभव के लिये आवश्यक है।

डेटा और स्मार्टफोन तक सस्ती पहुँच

मोबाइल डेटा प्लान की घटती लागत (जो दूरसंचार ऑपरेटरों के बीच तीव्र प्रतिस्पर्द्धा से प्रेरित है) ने ऑनलाइन गेमिंग के लिये डेटा को अधिक सुलभ एवं सस्ता बना दिया है। प्रौद्योगिकी का यह लोकतंत्रीकरण सामाजिक-आर्थिक स्तरों पर ऑनलाइन गेमिंग के अंगीकरण में वृद्धि के पीछे एक महत्त्वपूर्ण प्रेरक शक्ति रहा है। भारत में वर्तमान में लगभग 680 मिलियन स्मार्टफोन मौजूद हैं, जिनमें से 80% से अधिक 4G स्मार्टफोन हैं । भारत में गेमिंग बाज़ार में मोबाइल फोन का योगदान 90% है, जबकि अमेरिका और चीन में यह क्रमशः 37% और 62% है।

सांस्कृतिक बदलाव और बदलती धारणाएँ

कोविड-19 में लॉकडाउन अवधि ने वर्चुअल मनोरंजन और सामाजिक संपर्क के रूप में ऑनलाइन गेमिंग के अंगीकरण में तेज़ी ला दी। जून 2021 की KPMG के अनुसार, लॉकडाउन से पहले भारतीयों द्वारा ऑनलाइन गेम पर बिताया जाने वाला औसत समय प्रति सप्ताह 2.1 घंटे (कुल स्मार्टफोन समय का 11%) से बढ़कर लॉकडाउन के एक माह के भीतर 4.5 घंटे (कुल स्मार्टफोन समय का 15%) हो गया। इससे धीरे-धीरे धारणा में बदलाव आया और ऑनलाइन गेमिंग को महज मनोरंजन के बजाय एक व्यवहार्य करियर विकल्प के रूप में देखा जाने लगा।

सरकारी समर्थन और नियामक स्पष्टता

सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 जैसी पहलों ने ऑनलाइन गेमिंग के लिये एक नियामक ढाँचा प्रदान किया है, जो हानिकारक कंटेंट एवं लत संबंधी चिंताओं को संबोधित करता है।
स्व-नियामक निकायों और एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग एंड कॉमिक्स प्रमोशन टास्क फोर्स की स्थापना का उद्देश्य गेमिंग उद्योग की वृद्धि एवं विकास को बढ़ावा देना है। गेमिंग क्षेत्र में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने के सरकार के निर्णय से अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों से वित्तपोषण प्राप्त करने के रास्ते खुल गए हैं। सरकार द्वारा हाल ही में कंटेंट क्रिएटर्स अवार्ड 2024 में ‘गेमर्स’ को भी मान्यता देना समग्र गेमिंग क्षेत्र के विकास के लिये एक महत्त्वपूर्ण कदम है।

भारत में गेमिंग उद्योग को बढ़ावा देने के लिये आवश्यक उपाय

  • नियामक स्पष्टता बढ़ाना : गेमिंग क्षेत्र में नियामक स्पष्टता बढ़ाना, विशेष रूप से वर्ष 2021 के सूचना एवं प्रौद्योगिकी नियमों द्वारा स्व-नियामक निकायों की स्थापना के प्रभावी कार्यान्वयन के संबंध में, अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
    यह मामला वर्तमान में लंबित है, जहाँ उनके इच्छित प्रभाव की उपेक्षा की जा रही है, जबकि इनकी तात्कालिक आवश्यकता है।
  • समर्पित ‘गेमिंग हब’ और ‘इनक्यूबेटर’: नवाचार, सहयोग एवं प्रतिभा विकास को बढ़ावा देने के लिये प्रमुख शहरों में विशेष गेमिंग हब और इनक्यूबेटर स्थापित किये जाएँ।
    ये हब गेम डेवलपर्स, स्टार्टअप्स और आकांक्षी पेशेवरों के लिये अत्याधुनिक अवसंरचना, मार्गदर्शन एवं संसाधन उपलब्ध करा सकते हैं।
  • भारतीय संस्कृति और पौराणिक कथाओं पर आधारित गेम डेवलपमेंट को बढ़ावा देना : गेम डेवलपर्स को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, पौराणिक कथाओं एवं लोककथाओं पर आधारित गेम्स के निर्माण के लिये प्रेरित किया जाए और प्रोत्साहन प्रदान किया जाए।
  • इससे भारतीय गेम्स के लिये एक विशिष्ट पहचान के निर्माण में मदद मिलेगी, जो घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों उपभोक्ताओं को आकर्षित करेगी।

    नवोन्मेषी वित्तपोषण और निवेश मॉडल गेम डेवलपमेंट और स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिये क्राउड-फंडिंग, उद्यम पूंजी निवेश और सार्वजनिक-निजी भागीदारी जैसे वैकल्पिक वित्तपोषण मॉडलों को प्रोत्साहित किया जाए।
    उदाहरण के लिये, जैसी वैश्विक गेमिंग कंपनियों ने ब्लॉकचेन-आधारित परिसंपत्तियों और इन-गेम अर्थव्यवस्थाओं के साथ प्रयोग किया है।भारत की गेमिंग आबादी में महिलाओं की हिस्सेदारी 40% है, जो उन्हें देश की गेमिंग क्रांति के नेतृत्व के लिये एक सुदृढ़ स्थिति प्रदान करता है।भारत गेमिंग उद्योग में महिलाओं को सशक्त बनाकर और उन्हें समर्थन देकर प्रतिभा, विविध दृष्टिकोण एवं नवोन्मेषी विचारों का समृद्ध संसाधन पा सकता है, जो इस क्षेत्र के विकास और सफलता को गति प्रदान कर सकता है।

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