पेरिस पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने किया धमाकेदार प्रदर्शन, 7 स्वर्ण पदक किये भारत के नाम…
पेरिस। पेरिस पैरालंपिक का दौर 28 अगस्त से 8 सितंबर तक फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित की गयी । जिसमे पेरिस पैरालंपिक के रिकॉर्ड में 84 पैरा-एथलीटों ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। भारत ने 12 डिस्पिलिन में प्रतिस्पर्धा की, जो टोक्यो 2020 से तीन अधिक हैं। भारतीय पैरा-एथलीटों ने पेरिस 2024 में तीन नए खेलों पैरा साइकिलिंग, पैरा रोइंग, और ब्लाइंड जूडो में हिस्सा लिया। भारतीय दल ने इन खेलों में कुल 29 पदक जीतकर टोक्यो का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया। इसके तीन साल पहले भारत ने 19 पदक जीते । वर्तमान में देश ने पैरा खेलों के इतिहास में सबसे ज्यादा पदक जीत लिए हैं। इनमें 7 स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य पदक हासिल कर पेरिस ओलंपिक से भी शानदार प्रदर्शन किया।
टोक्यो का रिकॉर्ड तोड़ कर हासिल किया पदक
भारत के लिए पेरिस पैरालंपिक सबसे सफल पैरालंपिक साबित हुआ है। टोक्यो पैरालंपिक 2020 इससे पहले भारत का सबसे सफल पैरालंपिक रहा था। उसमें भारत ने 54 एथलीट्स भेजे थे और 19 पदक जीतने में कामयाब रहे थे। इनमें पांच स्वर्ण, आठ रजत और छह कांस्य पदक शामिल थे। भारत ने 20वां पदक जीतते ही टोक्यो पैरालंपिक का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। इसके अलावा सात स्वर्ण जीतकर भारत ने टोक्यो के पांच स्वर्ण के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। टोक्यो 2020 में भारत की रैंक 24 रही थी, जो कि अब तक का सर्वश्रेष्ठ है। इस बार देश 29 पदकों के साथ 19वें स्थान पर है। यह अब तक की भारत की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग होगी।
पैरालंपिक 2024 के पदक विजेता
अवनि लेखरा: स्वर्ण पदक: निशानेबाजी
मोना अग्रवाल: कांस्य पदक: निशानेबाजी
प्रीति पाल: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
मनीष नरवाल: रजत पदक: निशानेबाजी
रुबीना फ्रांसिस: कांस्य पदक: निशानेबाजी
प्रीति पाल: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
निषाद कुमार: रजत पदक: एथलेटिक्स
योगेश कथुनिया: रजत पदक: एथलेटिक्स
नितेश कुमार: स्वर्ण पदक: बैडमिंटन
मनीषा रामदास: कांस्य पदक: बैडमिंटन
तुलसीमति मुरुगेसन: रजत पदक: बैडमिंटन
सुहास एलवाई: रजत पदक: बैडमिंटन
राकेश कुमार/शीतल देवी: कांस्य पदक: तीरंदाजी
सुमित अंतिल: स्वर्ण पदक: एथलेटिक्स
नित्या श्री सिवान: कांस्य पदक: बैडमिंटन
दीप्ति जीवनजी: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
अजीत सिंह: रजत पदक: एथलेटिक्स
सुंदर सिंह गुर्जर: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
शरद कुमार: रजत पदक: एथलेटिक्स
मरियप्पन थंगावेलु: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
सचिन सरजेराव खिलाड़ी: रजत पदक: एथलेटिक्स
धरमबीर: स्वर्ण पदक: एथलेटिक्स
प्रणव सूरमा: रजत पदक: एथलेटिक्स
हरविंदर सिंह: स्वर्ण पदक: तीरंदाजी
कपिल परमार: कांस्य पदक: जूडो
प्रवीण कुमार: स्वर्ण पदक: एथलेटिक्स
होकाता सेमा: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
सिमरन शर्मा: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
नवदीप सिंह: स्वर्ण पदक: एथलेटिक्स
25 का लक्ष्य हुआ पार
भारत इस बार 25 पार के लक्ष्य को लेकर इन खेलों में उतरा था। यह पैरालंपिक हर मायने में भारत के लिए अब तक का सर्वश्रेष्ठ पैरालंपिक साबित हुआ है। अवनि लेखरा ने पदक से शुरूआत की जो नवदीप सिंह के स्वर्ण पर आकर खत्म हुई। पेरिस पैरालंपिक में 84 पैरा एथलीट्स ने भारत का प्रतिनिधित्व किया।
पैरालंपिक खेलों में भारत का इतिहास
पैरालंपिक खेलों की शुरुआत 1960 में रोम पैरालंपिक खेलों से हुई थी। लेकिन, भारत ने 1960 और फिर इसके बाद 1964 टोक्यो पैरालंपिक खेलों में हिस्सा नहीं लिया था। 1968 तल अवीव पैरालंपिक खेलों में भारत कोई पदक नहीं जीत सका था, जबकि 1972 हीडलबर्ग पैरालंपिक खेलों में भारत ने सिर्फ एक स्वर्ण समेत एक पदक जीता था। तब भारत का रैंक 25 रहा था। 1976 टोरंटो और 1980 आर्नहेम पैरालंपिक खेलों में भारत ने हिस्सा नहीं लिया था। भारत ने 1984 पैरालंपिक्स में चार पदक जीते थे और 37वें स्थान पर रहा था। 1988 सियोल, 1992 बार्सिलोना, 1996 अटलांटा, 2000 सिडनी पैरालंपिक्स और 2008 बीजिंग पैरालंपिक्स में भारत कोई पदक नहीं जीत सका था।
भारत ने पेरिस 2024 खेलों में पैरालंपिक इतिहास में अपना सबसे सफल प्रदर्शन करते हुए कुल 29 पदक जीते, जिसमें 7 स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य पदक शामिल रहे। इस उपलब्धि ने टोक्यो 2020 के 19 पदकों को पीछे छोड़ दिया है, जिसमें पांच स्वर्ण शामिल थे। इस रिकॉर्ड उपलब्धि के साथ भारत ने अपने पैरालंपिक इतिहास में 60 पदकों का आंकड़ा छू लिया।
पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों में भारत ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया
अवनि लेखरा पैरालंपिक खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं, उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 शूटिंग स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड स्कोर के साथ अपने खिताब को डिफेंड किया। भारत ने पहली बार एथलेटिक्स में दो रिकॉर्ड दर्ज किए, जिसमें धरमबीर और परनव सूरमा ने पुरुषों की क्लब थ्रो F51 स्पर्धा में क्रमशः स्वर्ण और रजत पदक जीते। धर्मबीर ने 34.92 मीटर का नया एशियाई रिकॉर्ड भी बनाया। इसके बाद में, प्रवीण कुमार ने हाई जंप T64 खिताब जीतने के साथा एशियाई रिकॉर्ड भी दर्ज किया और भारत को छठा स्वर्ण दिलाया, जो पैरालंपिक में भारत के सबसे ज्यादा जीते गए स्वर्ण पदक हैं।
भाला फेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल ने भी पैरालंपिक में अपना खिताब डिफेंड करने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी के रूप में इतिहास रच दिया। उन्होंने पुरुषों की भाला फेंक F64 में 70.59 मीटर के शानदार थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता, जो एक नया पैरालंपिक रिकॉर्ड है। सुमित ने टोक्यो 2020 पैरालंपिक में बनाए गए अपने ही पिछले रिकॉर्ड को एक बार नहीं, बल्कि प्रतियोगिता के दौरान तीन बार तोड़ा। हाई जंप T42 वर्ग में कांस्य पदक के साथ, मरियप्पन थंगावेलु लगातार तीन पैरालंपिक में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। उन्होंने रियो 2016 में स्वर्ण पदक और टोक्यो 2020 में रजत पदक जीता।
पैरालंपिक के ट्रैक इवेंट में भारत का पहला पदक
प्रीति पाल ने महिलाओं की 100 मीटर T35 दौड़ में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ कांस्य पदक जीता। यह पैरालंपिक के ट्रैक इवेंट में भारत का पहला पदक था। कुल मिलाकर, भारत ने पेरिस 2024 में ट्रैक स्पर्धाओं में चार पदक जीते। इसमें दीप्ति जीवनजी भी शामिल थीं, जो महिलाओं की 400 मीटर T20 वर्ग में कांस्य के साथ पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली बौद्धिक रूप से कमजोर भारतीय एथलीट बनीं।
तीरंदाजी में भी कई कीर्तिमान स्थापित किए गए। पैरा तीरंदाज शीतल देवी ने दूसरे स्थान पर रहने से पहले रैंकिंग राउंड में कुछ समय के लिए विश्व रिकॉर्ड बनाया। लेकिन बाद में उन्होंने राकेश कुमार के साथ मिलकर कंपाउंड मिश्रित टीम क्वालीफिकेशन स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड स्कोर हासिल किया। महज 17 साल की उम्र में, शीतल ने राकेश के साथ मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य हासिल करके भारत की सबसे कम उम्र की पैरालंपिक पदक विजेता के रूप में इतिहास रच दिया। बाद में, भारत को हरविंदर सिंह के रूप में अपना पहला पैरालंपिक तीरंदाजी चैंपियन मिला।
पेरिस पैरालंपिक 2024 की पदक तालिका
खेलों की इस प्रतिस्पर्धा में चीन 220 पदक के साथ पहले स्थान पर रहा । ग्रेट ब्रिटेन 124 पदक के साथ दूसरे नंबर पर साथ ही अमेरिका 105 पदक के साथ तीसरे नंबर पर, नीदरलैंड ने 56 पदक के साथ 27 गोल्ड की वजह से चौथे स्थान पर रहा । 29 मैडल के साथ में भारत ने 17 वां स्थान प्राप्त करने में सफल रहा ।