भारतीय शिक्षण मंडल छत्तीसगढ़ प्रांत का 56वां स्थापना दिवस उत्साहपूर्वक संपन्न…

कुम्हारी |श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी ,कुम्हारी एवं भारतीय शिक्षण मंडल छत्तीसगढ़ प्रांत के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय परिसर में एक दिवसीय वक्तव्य का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का विषय “शिक्षा में रामत्व” रखा गया था।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुनील पटेल (जिला कार्यवाहक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,दुर्ग) थे। अपने प्रेरणादायक भाषण में उन्होंने भगवान श्रीराम के चरित्र, व्यवहार, मर्यादा और शिक्षण पद्धति पर प्रकाश डालते हुए उन्हें आज के विद्यार्थियों के लिए एक आदर्श व्यक्तित्व बताया। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए, अपितु उसमें नैतिकता, चरित्र निर्माण और राष्ट्र सेवा की भावना भी समाहित होनी चाहिए, तभी शिक्षा में रामत्व का समावेश संभव है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर अम्बर व्यास , प्रान्त मंत्री, छत्तीसगढ़ ने अपने व्याख्यान के माध्यम से शिक्षा में रामत्व के महत्व और उसके सार को विस्तारपूर्वक समझाया। उन्होंने प्राचीन काल की शिक्षा प्रणाली में गुरु के महत्व को रेखांकित करते हुए उस समय की शिक्षा ग्रहण करने की नीति को श्रेष्ठ नीति बताया।
प्रोफेसर अम्बर व्यास ने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षा का मूल उद्देश्य अज्ञानता, अंधविश्वास, डर और सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति पाना है। शिक्षा हमें सामाजिक अन्याय और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने की शक्ति देती है और एक बेहतर समाज के निर्माण में सहायक होती है। उन्होंने यह भी कहा कि जब शिक्षा में रामत्व का समावेश होता है, तो वह केवल ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण का आधार बनती है।
कार्यक्रम में डी. फार्मेसी एवं बी. फार्मेसी के छात्र-छात्राओं ने सक्रिय रूप से सहभागिता दर्ज की। साथ ही महाविद्यालय के समस्त शिक्षकगण भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के प्राचार्य एवं इस कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रोफेसर प्रकाश राव द्वारा प्रस्तुत किया गया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि ज्ञान केवल डिग्री लेना नहीं है , बल्कि चरित्र निर्माण भी जरूरी है यही रामत्व शिक्षा में है