छत्तीसगढ़ में पहली बार बनाई जाएगी वेस्ट फ़ूड से बिजली…
छत्तीसगढ़। जगदलपुर में पहली बार हैदराबाद, मैसूर व इंदौर पर जिस प्रकार वेस्ट फूड से बिजली बनाई जाती है उसी के तर्ज पर जगदलपुर में भी वेस्ट फूड से बिजली बनाने की तैयारी चल रही है जिससे कि वेस्ट फ़ूड का उपयोग करके बिजली बनाकर प्लांट व अन्य उपयोगी जगहों पर इस्तेमाल किया जा सके।
जगदलपुर के डोंगाघाट में 33 लाख से एक प्लांट किया गया तैयार
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के डोंगाघाट में 33 लाख रुपए से एक प्लांट तैयार किया गया है। जिससे छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण ने इस प्लांट के संचालन के लिए निगम को पत्र लिखा है। प्राधिकरण के मुताबिक योजना की जवाबदेही नगर निगम को दी गई है। जिससे कि निगम को परेशानी नही होगी, क्योकि निगम के पास डोंगाघाट में बायोगैस प्लांट है। बता दें कि इसकी शुरुवात लगभग दो महीने के बाद जुलाई तक बस्तर में इसका काम शुरू कर दिया जायेगा ।
प्रशिक्षण स्थान
बता दें कि इसकी जिस प्रकार तैयारी की जा रही है उसके अनुरूप विशेष प्रशिक्षण के द्वारा निर्माण प्रारंभ किया जाएगा। जिसके लिए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर और छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल सेंटर प्राधिकरण संयुक्त रूप से ट्रेनिंग दिया जाएगा ।
रोज 10 केवी बिजली बनाया जाएगा
डोंगाघाट में बायो गैस प्लांट से बिजली बनाने के लिए करीब 500 किलो वेस्ट फ़ूड की जरुरत होगी। जिसके लिए नगर निगम द्वारा होटल, रेस्टोरेंट व घरों से निकलने वाले कचरा इक्कठा करके टैंक में डंप करेगा । साथ ही प्रोसेसिंग यूनिट से जोड़ा जायेगा । जिससे डंप के माध्यम से भोजन सड़ने में मदद करेगा जिससे गुजरते हुए मेन मशीन तक भेजा जायेगा। फिर तैयार गैस बलून में स्टोर होगी । जिसका इस्तेमाल बिजली के रूप में किया जायेगा । साथ ही इस बायो गैस प्लांट की क्षमता 10 केवी की होगी ।
कहाँ होगा उपयोग ?
इस बायो गैस प्लांट से बनाने वाली बिजली का उपयोग प्लांट परिसर में बल्ब जलाने, पंखा, एसी, मोटर सहित अन्य चीजों के उपयोग में किया जायेगा । अगर निगम की अनुमति होगी तो इस बिजली का उपयोग वेल्डिंग यूनिट के साथ कई कुटीर उद्योग में कर सकती है ।