October 10, 2024

ब्राजील में हो रहे 4 दिन की बारिश से जलमग्न हुआ पूरा शहर…

0

रियो। लैटिन अमेरिका के प्रमुख देश ब्राजील के रियो ग्रांडे डो सुल प्रांत में 4 दिनों से लगातार तेज बारिश हो रही है। जिसके चलते भारी बारिश ने तबाही मचाई है। मड स्‍लाइडिंग (कीचड़ की बाढ़) की वजह से सैकड़ों की संख्‍या में वाहनों के साथ घरों को भी नुकसान पहुंचाया है। केंद्र सरकार के साथ ही प्रांत की सरकार भी लोगों को बचाने में जुटी है। इस तबाही को ब्राजील के इतिहास का सबसे खौफनाक और गंभीर प्राकृतिक आपदा माना जा रहा है। जिससे पूरे अप्रैल की बारिश सिर्फ 4 दिन में हुई है।

मूसलाधार बारिश ने बढ़ाई लोगों की समस्‍याएं

ब्राजील में मूसलाधार बारिश से सामान्‍य जनजीवन अस्‍त-व्‍यस्‍त हो चुका है। रियो ग्रांडे डो सुल प्रांत के साओ सेबेस्टियाओ डो साई में इतनी बारिश हुई कि पूरा इलाका ही डूब गया। जिसके चलते लोगों की समस्‍याएं  भी बढ़ गयी हैं। जिससे हजारों की तादाद में लोगों को सुरक्षित स्‍थानों पर पहुंचाया जा रहा है। इस वजह से हर तरह की गतिविधियां ठप हो गई हैं। स्‍कूल कॉलेज से लेकर व्‍यावसायिक प्रतिष्‍ठान तक बंद हैं। दूसरी तरफ, सरकार अभी तक हजारों की तादाद में प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्‍थानों तक पहुंचा चुकी है।


राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई है इस बारिश के चलते मरने वालों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है। यह भारी बारिश यहां के निवासियों के लिए विनाशकारी साबित हुई है। राज्य सरकार ने उभरते संकट से निपटने के लिए सार्वजनिक आपदा की स्थिति घोषित कर दी है। रियो ग्रांडे डो सुल के नागरिक सुरक्षा के अनुसार, तूफान ने अभूतपूर्व तबाही मचाई है।60 व्यक्ति लापता हो गए और 10,242 शहरों के 154 निवासी विस्थापित हो गए।

अब तक 39 लोगों की मौत

रियो ग्रांडे डो सुल में मूसलाधार बारिश से आई बाढ़ और कीचड़ धंसने से मरने वालों का आंकड़ा 39 पहुंच चुका है । पूर्वोत्तर ब्राज़ील की जलवायु अर्ध-शुष्क है, जहाँ प्रति वर्ष 700 मिमी से कम बारिश होती है। देश भर में जलवायु परिवर्तनशीलता दक्षिण अमेरिकी मानसून प्रणाली, अल नीनो दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) और इंटर ट्रॉपिकल कन्वर्जेंस जोन द्वारा संचालित होती है। आमतौर पर, अक्टूबर की शुरुआत में उष्णकटिबंधीय ब्राजील में मानसून के मौसम की शुरुआत होती है। देश की ऑस्ट्रेलियाई गर्मियों (दिसंबर से फरवरी) के दौरान, अमेज़ॅन बेसिन में वर्षा में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। देश में वर्षा का उतार-चढ़ाव उत्तर-पश्चिम से लेकर दक्षिण और पूर्व तक अनुभव होता है। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि तूफान से हुए नुकसान के कारण 3,300 से अधिक लोगों अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चले गए है।

_Advertisement_
_Advertisement_

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

इन्हें भी पढ़े