December 8, 2024

भारतीय युवक ने पहली बार में पास की नीट परीक्षा, जाने कैसे की मेहनत….

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कहते हैं की अपने सपने के लिए सही लगन और अगर आप ईमानदार हैं तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। इस बात का उदहारण देते हुए, असम के बाजलि शहर के रहने वाले 24 वर्षीय राहुल दास ने सही साबित कर दिया हैं। बता दें की राहुल की माँ यहां चाय की दुकान चलाती हैं और राहुल भी अपनी माँ के साथ इस दुकान में काम करते हैं। आज की दौर पर काम के साथ पढ़ाई करना उतना ही मुश्किल हैं जितना एक महिला के लिए घर चलाना। राहुल लेकिन फिर भी अपनी मेहनत और लगन के दम पर पहले अटेम्पट में ही नीट की परीक्षा पास कर ली है। राहुल को दिल्ली एम्स में सीट अलॉट हुई है।

 

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को घोषणा की है कि राहुल की पढ़ाई का पूरा खर्च अब राज्य सरकार उठाएगी। राहुल अब दिल्ली में अपने उज्जवल भविष्य की ओर देख रहे हैं। उनका सत्र जून महीने से शुरू होने वाला है।


राहुल का जीवन परिचय –

राहुल असम के बाजलि शहर के रहने वाले 24 वर्षीय यूवक हैं उनके पिता ने 11 साल पहले ही उनका साथ छोड़ दिया था। उनकी मां ने अकेले ही राहुल और उनके भाई का पालन पोषण किया, राहुल दास ने साल 2015 में उच्च माध्यमिक परीक्षा पास की थी, लेकिन पैसे कमाने के लिए उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी। उसके बाद भी राहुल ने डॉक्टर बनने का सपना नहीं छोड़ा।

हालांकि, पढ़ाई के लिए उनके मन में हमेशा ही इच्छा रही। इस कारण उन्होंने दो साल बाद सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में प्लास्टिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के लिए प्रवेश लिया। यहां तीन साल बाद उन्होंने डिस्टिंक्शन (85 प्रतिशत अंक) के साथ सफलता प्राप्त की और साल 2020 में गुवाहाटी की ही एक एमएनसी में क्वालिटी इंजीनियर’ के रूप में काम शुरू किया।

लेकिन दास ने बताया कि उन्हें नौकरी से भी तसल्ली नहीं मिली । क्यूंकि हमेशा से ही डॉक्टर बनना चाहते थे। और फिर इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर नीट की तैयारी शुरू की। उनके पास किताबों के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए ऑनलाइन माध्यम का सहारा लिया। इसके बाद दास ने पहली बार में नीट की परीक्षा में सफल होकर 12,068वां स्थान हाशिल किया। वहीं उनके एससी और दिव्यांगता के सर्टिफिकेट ने भी एम्स में स्थान हाशिल करने में उनकी मदद की।

इसी दौरान बात खत्म करते हुए राहुल ने बताया कि उनकी माँ मंटू कुमार शर्मा की जमीन पर अपनी दुकान चलाती है। उनके पास हार्डवेयर की एक बड़ी दुकान है। मंटू ने कभी भी उनकी माँ से किराया नहीं लिया और अभी दिल्ली जाने के लिए मेरा टिकट भी कराया है। राहुल ने बताया कि उनका परिवार जिला उपायुक्त भारत भूषण देवचौधरी के परिसर के पास रहता है। देवचौधरी ने भी उनकी काफी मदद की है। भारत भूषण देवचौधरी से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने भी बताया कि राहुल का परिवार पटाचरकुची में उनके पुश्तैनी घर के परिसर में रहता है। हालांकि, इसके लिए उन्होंने कभी किराया नहीं लिया। असम सरकार में मंत्री रंजीत कुमार दास भी दो दिन पहले राहुल की दुकान पर पहुंचे और राहुल को दस हजार रुपये दिए। राहुल ने इन सभी को शुक्रिया बोला है।

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