September 16, 2024

ज़मीन धंसने के मामले दुनिया के देशों में क्यों बढ़ रहे हैं?…

0

चीन। बदलते पर्यावरण के चलते अगर वक़्त रहते ना ध्यान दिया गया तो उसका असर क्या हो सकता है, ये अब दिखने  लगा है। जहां कई जगहों पर ज़मीन धंसने के मामले देखने को मिल रहे हैं। बताया जा रहा कि इस घटना को ‘गली इरोज़न‘ कहा जाता है। जिसमे बड़े पैमाने पर पेड़ काटने, शहरों के विस्तार और अचानक मौसम बिगड़ने के कारण यह समस्या देखने को मिल रही है जिसके चलते चीन के आधे से ज़्यादा बड़े शहर डूब रहे हैं।

शहरीकरण बन रही वजह

जिसमे तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण के कारण ज़मीन बहुत तेजी से धंस रही है जबकि छह में से एक शहर में प्रति वर्ष लगभग 10 मिलीमीटर की दर से ज़मीन में धंसाव हो रहा है। पिछले कुछ दशकों में चीन में तेजी से शहरीकरण हुआ है, जिसके चलते कुछ क्षेत्रों से अधिक भूजल निकाला जा रहा है। जबकि समुद्र तटीय शहरों में जलस्तर बढ़ने से लाखों की आबादी बाढ़ के ख़तरे की चपेट में आ चुकी है।


सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्र

1920 के दशक में शंघाई और तिआंजिन दोनों लगातार धंस रहे थे। चीन के पास इस तरह की समस्या से निपटने का एक लंबा इतिहास है। शंघाई पिछली शताब्दी में तीन मीटर से अधिक नीचे धँस चुका है. देश में तेजी से हो रहे विस्तार कर रहे कई शहरों में बड़े पैमाने पर भूस्खलन देखा गया है। जिसके चलते यह समस्या इतनी तेजी से बढ़ रही है, इसे समझने के लिए चीन के कई विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं की एक टीम ने 20 लाख से अधिक आबादी वाले 82 शहरों की जांच में लगे है इन शहरों की समुद्र तल से ऊंचाई को मापने के लिए सेंटिनल-1 उपग्रहों के डेटा का उपयोग किया गया।

2015 से 2022 तक के आंकड़ों में 45 प्रतिशत शहरी क्षेत्र में समुद्री तल से ऊंचाई में प्रतिवर्ष तीन मिमी की कमी हो रही है। जबकि 16 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में यह गिरावट प्रति वर्ष 10 मिमी से अधिक की हो रही थी। जिसमे यह रफ़्तार काफ़ी तेज थी। यह कितनी गंभीर स्थिति है, चीन में 6.7 करोड़ लोग उन क्षेत्रों में रह रहे हैं जो तेजी से धंस रहे हैं। भूस्खलन कई कारकों के कारण होता है, जिनमें भूविज्ञान और इमारतों का वजन शामिल है।

जमीन धंसने की असल वजह क्या है?

स्थानीय आबादी के उपयोग के लिए शहरों के नीचे या आसपास के इलाकों से भूजल का दोहन किया जा रहा है। यह समस्या ह्यूस्टन, मैक्सिको सिटी और दिल्ली सहित दुनिया भर के कई प्रमुख शहरी क्षेत्रों में पहले ही देखी जा चुकी है। चीन में शोधकर्ताओं की इस टीम ने 1,600 से अधिक कुओं की निगरानी की और पाया कि पानी की निकासी की वजह से ज़मीन धंस रही है। इस व्यवस्था को तैयार करने के लिए और खनिज एवं कोयले के लिए खनन से भी ज़मीन में धंसाव शुरू होने लगता है। देश के सबसे बड़े कोयला क्षेत्रों में से एक पिंगडिंगशान के उत्तरी इलाक़े में ज़मीन प्रति वर्ष 109 मिमी की बेहद तेज़ रफ़्तार से धंस रही है।

इस समस्या का हल क्या है ?

जलवायु परिवर्तन के कारण शहरी आबादी के सामने बाढ़ का ख़तरा बढ़ा है। यह समुद्री जल स्तर के बढ़ने और ज़मीन धंसने, दोनों पहलू के चलते हो रहा है। 2020 में चीन का लगभग छह प्रतिशत क्षेत्र समुद्र तल से कम ऊंचाई पर स्थित था। आने वाले 100 वर्षों में, यह स्थिति देश के 26 प्रतिशत इलाक़े की हो सकती है। समुद्र का जल स्तर बढ़ने के साथ-साथ ज़मीन तेजी से धंस रही है, इससे लाखों लोगों पर बाढ़ का ख़तरा मंडराएगा। धीरे-धीरे धंसती ज़मीन को कुछ कारगर उपायों के सहारे धंसने से बचाया जा सकता है। जापान के ओसाका और टोक्यो सहित एशिया के अन्य प्रमुख शहरी केंद्रों में भी ज़मीन धंसने की समस्या सामने आ चुकी है।

“20वीं सदी में, टोक्यो शहर में बंदरगाह क्षेत्र के आसपास की भूमि पांच मीटर तक धंस गई थी। 1970 के दशक में टोक्यो में पीने का पानी अन्य क्षेत्रों से आता था। कुएं के पानी के उपयोग को रोकने के लिए वहां एक क़ानून भी बनाया गया। इन कोशिशों से ज़मीन के धंसने पर क़ाबू पाया गया।”

_Advertisement_
_Advertisement_

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *