परीक्षा परिणाम से उत्पन्न होने वाले तनाव को दूर करने हेतु कोतरा में पालक शिक्षक बैठक का हुआ आयोजन…
कोतरा। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल कोतरा में दिनांक 30 अप्रैल को जिला प्रशासन के आदेश अनुसार व जिला शिक्षा अधिकारी बी.बाखला के मार्गदर्शन में शिक्षक -पालक सम्मेलन का आयोजन कराया गया । जिसमें 58 पालक और 315 बच्चे व 30 शिक्षक उपस्थित हुए। कार्यक्रम संयोजक व्याख्याता बीर सिंह ने कहा आने वाले समय में विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे। परीक्षा परिणाम घोषित होने के पूर्व तनाव एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, किंतु कई बार बच्चे उस तनाव के चलते अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं।
जिंदगी को क्रिकेट मैच की तरह लेना चाहिए
यह समय बच्चों एवं पालकों के लिए बहुत ही संवेदनशील होता है। हमें अपने बच्चों के साथ फ्रेंडली व्यवहार रखना चाहिए। ताकि किसी भी समस्या को आप सभी के साथ साझा कर सकें। परीक्षा परिणाम आपके जीवन के परिणाम नहीं है, हमारा इतिहास गवाह है जो विद्यार्थी, पढ़ने में बहुत कमजोर थे लेकिन अपनी लगन और मेहनत से वैज्ञानिक बन गए। जिन्हें शिक्षकों ने मंदबुद्धि घोषित कर दिया उन्होंने बल्ब का आविष्कार कर दिया थॉमस अल्वा एडिसन। जिंदगी को एक क्रिकेट मैच की तरह लेना चाहिए है । इसमें वेटिंग करने वाले सिर्फ आप हैं अवसर रूपी जैसी बहुत सारी बला आती रहेगी, आपके पास एक बॉल मिस होने से कुछ नहीं बिगड़ेगा कभी तो छक्का लगेगा। इसलिए विद्यार्थी फेल होने से डिप्रेशन में न जाए। अगली बार छक्का लगाने के लिए तैयार रहे।
अपने इंटरेस्ट से चुने विकल्प
सभी विद्यार्थियों मैं कोई ना कोई गुण खास होता है अपने अंदर की प्रतिभा को पहचानना है, और अपनी स्किल को डेवलप करना है। सचिन तेंदुलकर दशमी फ़ैल लेकिन क्रिकेट के भगवान कहे जाते हैं। आप जिस फील्ड में अच्छा कर सकते हैं जिसमें अपना करियर बना सकते हैं,उसी फील्ड को चुनिए । विद्यार्थियों को फील्ड चुनने के लिए पालक किसी भी प्रकार का दबाव न बनाएं। विद्यालय के प्राचार्य जे एल नायक ने सभी पालकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पालक और शिक्षक ही मिलकर विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास कर सकते हैं। विद्यार्थियों पर पालक परीक्षा परिणाम को लेकर अनावश्यक दबाव न बनाएं और न ही नकारात्मक प्रतिक्रिया देवे।
मताधिकार के लिए किया जागरूक
ध्यान रखें तनाव ग्रसित बच्चों में पूर्व से ही कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं यथा, शांत (मौन) रहना, अकेले गुमसुम रहना, किसी काम में मन ना लगना, चिड़चिड़ापन, भूख नहीं लगना, इस प्रकार के लक्षण दिखाई दें तो विद्यार्थियों को पालक अकेला ना छोड़े उनसे बात करें उनकी समस्या को जाने और उसका समाधान करें। स्थानीय परीक्षा के परिणाम भी आज घोषित किए गए। सभी विद्यार्थियों को रिपोर्ट कार्ड दिया गया और अगली कक्षा में अच्छे से पढ़ने के लिए प्रेरित किया।
अंत में लोकसभा निर्वाचन 2024 हेतु सत प्रतिशत मतदान करने हेतु सभी ने शपथ लेते हुए कहा कि हम भारत के नागरिक लोकतंत्र में अपनी पूर्ण आस्था रखते हुए यह शपथ लेते हैं कि हम अपने देश के लोकतांत्रिक परंपराओं की मर्यादा को बनाये रखेंगे तथा स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन की गरिमा को अक्षुण्ण रखते हुए, निर्भीक होकर धर्म, मूलवंश, जाति, समुदाय, भाषा अथवा अन्य किसी भी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना सभी निर्वाचनों में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी कक्षा अध्यापकों एवं पूरी स्टॉफ का सराहनीय योगदान रहा।