देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से किया गया सम्मानित…
नई दिल्ली। देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा के वयोवृद्ध 96 वर्षीय नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया बता दें कि यह सम्मान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार 31 मार्च को दिल्ली स्थित आवास में जाकर दिया गया। यह स्थान आडवाणी के खराब स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए चुना गया था। इस दौरान उनके सबसे प्रिय शिष्य पीएम मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू समेत कई लोग मौजूद रहें ।
क्यों दिया गया भारत रत्न ?
आडवाणी ने भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी है। विकास, सुशासन और शुचिता के प्रति उनका समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। राजनीति में आडवाणी की अटूट सत्यनिष्ठा नैतिक नेतृत्व के एक मॉडल के रूप में कार्य करती है, जो अनगिनत व्यक्तियों को प्रेरित करती है। राष्ट्र की प्रगति के प्रति उनका अथक समर्पण उनकी स्थायी विरासत की आधारशिला बना हुआ है।
जिसमे उनकी बुद्धिमत्ता और मजबूत भारत के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए व्यापक रूप से सम्मानित प्रधानमंत्री मोदी ने देश की प्रगति में आडवाणी की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया। “मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा”। हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक, भारत के विकास में उनका योगदान स्मारकीय है। जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उप प्रधान मंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है। उन्होंने हमारे गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी खुद को प्रतिष्ठित किया। उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय, समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं।
लालकृष्ण आडवाणी का परिचय
8 नवंबर, 1927 को पाकिस्तान के कराची में जन्मे लालकृष्ण आडवाणी, जिन्होंने 1980 से लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, का लगभग तीन दशकों का उल्लेखनीय राजनीतिक करियर रहा। 1999 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में गृह मंत्री और उप प्रधान मंत्री जैसे प्रमुख पदों पर कार्य किया ।
आडवाणी की 10 खास बातें
- आडवाणी ने कराची में स्कूल सेंट पैट्रिक हाईस्कूल में पढ़ाई की है।
- 1947 में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सचिव बने थे।
- 1970 में पहली बार आडवाणी राज्यसभा के सांसद बने थे।
- आडवाणी एक फिल्म समीक्षक रह चुके हैं। जिन्हें चॉकलेट, फिल्मों और क्रिकेट का बहुत शौक है।
- 1944 में उन्होंने कराची के मॉडल हाईस्कूल में एक अध्यापक भी रहे ।
- आडवाणी ने एक किताब लिखी है जिसका नाम- माई कंट्री, माई लाइफ है।
- सभी को चौंकाते हुए 2013 में उन्होंने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था।
- 1980 में भारतीय जनता पार्टी बनने के बाद से उन्होंने सबसे ज्यादा समय तक पार्टी के अध्यक्ष का पद संभाला था।
- आडवाणी अभी तक आधा दर्जन से ज्यादा रथ यात्राएं निकाल चुके हैं। जिनमें ‘राम रथ यात्रा’, ‘जनादेश यात्रा’, ‘स्वर्ण जयंती रथ यात्रा’,
- ‘भारत उदय यात्रा’ और ‘भारत सुरक्षा यात्रा’ ‘जनचेतना यात्रा’ प्रमुख हैं।
राम मंदिर निर्माण के लिए राम रथ यात्रा
1980 की शुरुआत में विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में राम जन्मभूमि के स्थान पर मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन की शुरुआत करने लगी। उधर आडवाणी के नेतृत्व में भाजपा राम मंदिर आंदोलन का चेहरा बन गई। आडवाणी ने 25 सितंबर, 1990 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर सोमनाथ से राम रथ यात्रा शुरू की थी।