भारत का पहला ‘वर्टिकल-लिफ्ट’ रेल ब्रिज ‘पंबन’ बनकर है तैयार, बहुत जल्द शुरू होगा परिवहन…
रामेश्वरम। भारत की मुख्य भूमि को रामेश्वरम द्वीप से जोड़ने वाला भारत का पहला ‘वर्टिकल-लिफ्ट’ रेल ब्रिज ‘पंबन’ बहुत जल्द ही परिवहन के लिए शुरू हो जाएगा। रामेश्वरम द्वीप को जोड़ने के लिए मंडपम से पंबन तक बनाए जा रहे इस नए रेलवे ब्रिज का काम लगभग पूरा हो चुका है। यह न्यू पम्बन ब्रिज है, जो 100 साल से अधिक पुराने पुल के पास बनाया जा रहा है।आपको बता दें कि न्यू पम्बन ब्रिज, देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज है।
वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज की क्या है खासियत ?
यह देश की मुख्य भूमि कही जाने वाली तमिलनाडु के मंडपम को रामेश्वरम द्वीप से जोड़ने वाला भारत का पहला वर्टिकल/ऊर्ध्वाधर-लिफ्ट ब्रिज है। ‘वर्टिकल लिफ्ट’ ब्रिज का मतलब एक ऐसा ब्रिज होता है, जिसके बीच वाले हिस्से को ऊपर उठाया जा सकता है। इस ब्रिज की आधारशिला प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2019 में पुराने पुल के समानांतर रखी थी। इस ब्रिज का निर्माण कार्य रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) द्वारा फरवरी 2020 में शुरू किया गया। जो दिसंबर 2021 तक पूरा किया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण समय सीमा बढ़ा दी गई थी। इस पुल की लम्बाई 2.05 किलोमीटर है। यह मौजूदा पुल से 3.0 मीटर ऊंचा है, जो समुद्र तल से 22.0 मीटर की नेविगेशनल एयर क्लीयरेंस प्रदान करता है। इस नए पंबन पुल में 18.3 मीटर के 100 स्पेन और 63 मीटर का एक नेविगेशनल स्पैन शामिल है।
क्या है विशेषता?
इस पुल के बन जाने से नावों के लिए सुरक्षित और सुविधा जनक मार्ग बन जाएगा। जो ऊर्ध्वाधर लिफ्ट स्पैन ट्रेन नियंत्रण प्रणाली के साथ इलेक्ट्रोमैकेनिकल नियंत्रण को एकीकृत करेगा। इस पुल को भविष्य में विद्युतीकरण को समायोजित करने के हिसाब से डिज़ाइन किया गया है। यह पुल भारतीय रेलवे के ब्रॉड गेज नेटवर्क में पूर्ण विद्युतीकरण में परिवर्तन के व्यापक लक्ष्य के अनुरूप बनाया गया है। नए पम्बन पुल में डबल लाइन का प्रावधान किया गया है।
नए ब्रिज बन जाने से ट्रेनें 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चल सकेंगी।
पुल के निर्माण में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां की गयी है इस्तेमाल
पुल के निर्माण में स्टेनलेस स्टील, लंबे समय तक चलने वाली पेंटिंग प्रणाली और मिश्रित स्लीपरों सहित अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया गया है।
नए पुल में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल नियंत्रित सिस्टम होंगे जो ट्रेन नियंत्रण सिस्टम से जुड़े होंगे। पिछले पुल में ज्वार के स्तर और गर्डर तल के बीच केवल 1.5 मीटर की सीमित ऊर्ध्वाधर निकासी थी, जिसके परिणामस्वरूप समुद्री पानी गर्डरों पर छलकता था। पीटीआई ने दक्षिणी रेलवे के प्रवक्ता के हवाले से कहा, “पुल के घटते हुए शेष जीवनकाल के कारण, मौजूदा संरचना के समानांतर एक नेविगेशनल लिफ्ट स्पैन सहित दोहरी लाइनों को समायोजित करने के लिए इसे फिर से बनाना आवश्यक समझा गया।” 1988 में सड़क पुल के निर्माण से पहले, ट्रेन सेवाएं मन्नार की खाड़ी में मंडपम और रामेश्वरम द्वीप के बीच एकमात्र कनेक्शन के रूप में काम करती थीं।
सुरक्षा चिंताओं के कारण 1913 में निर्मित मौजूदा रेल पुल के बंद होने के बाद, मुख्य भूमि पर मंडपम और रामेश्वरम द्वीप के बीच ट्रेन सेवाएं 23 दिसंबर, 2022 को बंद हो गईं। दक्षिण रेलवे के एक अधिकारी ने पुराने पंबन पुल की पुरानी और असुरक्षित स्थिति का हवाला देते हुए एक नए पुल की अनिवार्यता पर जोर दिया। पहले, ट्रेनें धीमी गति से पंबन पुल को पार करती थीं और लगभग 15 मिनट में रामेश्वरम पहुँच जाती थीं। वर्तमान में, सभी ट्रेनें मंडपम पर समाप्त होती हैं, जिससे रामेश्वरम पहुँचने के लिए सड़क मार्ग से यात्रा करना आवश्यक हो जाता है।
वर्टिकल ब्रिज की लम्बाई
यह ब्रिज यह पुल 2.05 किमी लंबा होगा। पुराने पुल की तुलना में नया पुल तीन मीटर ऊंचा और समुद्र तल से 22 मीटर ऊंचा होगा 18.3 मीटर के 100 स्पैन और 63 मीटर का एक नेविगेशनल स्पैन होगा। यह समुद्र तल से 22.0 मीटर की नेविगेशनल एयर क्लीयरेंस के साथ मौजूदा पुल से 3.0 मीटर ऊंचा होगा। पुल की स्ट्रक्चर डबल लाइनों के लिए बनाया गया है, जिसके दोनों ओर से ट्रेनों का संचालन हो सकेगा। वर्टिकल ब्रिज के निर्माण 545 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आ रही है। रेलवे ने नए पुल के निर्माण में स्टेनलेस स्टील मजबूती, मिश्रित स्लीपर और लंबे समय तक चलने वाली पेंटिंग प्रणाली जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया है।