December 8, 2024

जानिए कब से हुई शुरुवात संविधान दिवस को मनाने की…

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नई दिल्ली।  हमारा देश भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। इस लोकतंत्र को कायम रखने का सबसे बड़ा कारण भारत का संविधान है। प्रतिवर्ष हमारे देश में 26 नवंबर को संविधान दिवस (Constitution Day) के रूप में मनाया जाता है। 26 नवंबर का दिन संविधान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। यह दिन संविधान के महत्व की भी याद दिलाता है। डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान निर्माता के रूप में याद किया जाएगा। यह दिन हमें हमारे संविधान की याद दिलाता है। यह दिन हमें संविधान के महत्व को समझने का मौका देता है।

भारतीय संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है ?

भारतीय संविधान को अंगीकृत 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत किया गया। यह एक ऐतिहासिक दिन था और इसी दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। संविधान की, ‘प्रस्तावना’ को संविधान का सार कहा जाता है। यह संविधान के उद्देश्यों को बताती है, इसे ही संविधान की आत्मा भी कहते हैं। यह दिन भारतीय लोकतंत्र के ऐतिहासिक क्षण को चिह्नित करता है, जब हमारे देश ने एक लिखित संविधान को स्वीकार किया, जो हमारे शासन का आधार बना, हालांकि यह संविधान 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ, पर 26 नवम्बर को इसे अपनाने का ऐतिहासिक महत्व है।


बता दे कि भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था और इसके उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। लेकिन संविधान के लागू होने से दो महीने पहले 26 नवंबर 1949 को संविधान बनाने वाली सभा (Constitution Assembly) ने कई दौर की चर्चाओं और संशोधनों के बाद इस दिन संविधान को स्वीकार किया। इसी के चलते हर साल 26 जनवरी को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। संविधान दिवस को मनाने का फैसला इसके निर्माता डॉ. आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए लिया गया था।

2015 से हुई संविधान दिवस मनाने की शुरुआत

पहले संविधान लागू होने के चलते 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में ही मनाया जाता था लेकिन सामाजिक न्याय मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को इसे प्रतिवर्ष 26 नवंबर को भी मनाये जाने का फैसला किया। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य देश में लोगों को संविधान संवैधानिक मूल्यों की जानकारी देना है। उस समय संविधान सभा में कुल 299 सदस्य थे, जिनमें से 229 भारतीय प्रतिनिधि थे, और 70 ब्रिटिश भारत के थे, इसमें विभिन्न प्रांतों, समुदायों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल थे, जो भारतीय संविधान के निर्माण में भागीदार बने। संविधान सभा ने 2 साल, 11 महीने और 18 दिनों में भारतीय संविधान को तैयार किया, जिसे 26 नवम्बर 1949 को अपनाया गया।

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