December 8, 2024

भारत ने किया स्वदेशी मिसाइल K-4 का सफल परीक्षण…

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नई दिल्ली। भारत ने एक और स्वदेशी मिसाइल K-4 का सफल परीक्षण करते हुए दुनिया को अपनी ताकत से रूबरू करवा दिया है। यह एक लंबी दूरी तय करने वाला परमाणु मिसाइल है। जिसे INS अरिघात नाम की पनडुब्बी से बंगाल की खाड़ी में छोड़ा गया। इस परीक्षण से भारत दक्षिण-पूर्व एशिया में एक मजबूत रणनीतिक शक्ति बन गया है। यह परीक्षण बुधवार को रणनीतिक बल कमान (SFC) द्वारा किया गया। इससे भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास पनडुब्बी से परमाणु मिसाइल दागने की क्षमता है।

पानी के अंदर भी लगा सकता है निशाना

यह स्वदेशी K-4 मिसाइल 3,500 किलोमीटर से ज्यादा दूर तक मार कर सकती है। जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है। यह मिसाइल पानी के अंदर भी दुश्मन के इलाके में सटीक निशाना लगाने में है। आईएनएस अरिघात पनडुब्बी 6,000 टन की है और इसे अगस्त में सेना में शामिल किया गया था। इस पनडुब्बी से मिसाइल के सफल परीक्षण से भारत की तकनीकी क्षमता का पता चलता है।


K-4 मिसाइल की विशेषता

भारत की परमाणु शक्ति इस परिक्षण से और भी मजबूत हो गई है। यह भारत की ‘नो फर्स्ट यूज’ नीति के अनुरूप है। भारत पहले परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं करेगा, लेकिन अगर कोई हमला करता है तो जवाब देने के लिए तैयार है। इससे भारत की हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति भी मजबूत होती जा रही है। K-4 मिसाइल एक सॉलिड-फ्यूल वाली है और बूस्ट-ग्लाइड तकनीक से उड़ान भरती है। इस वजह से इसे दुश्मन के रडार से पकड़ना मुश्किल होता है। यह किसी भी एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम को चकमा दे सकती है।

इसमें सैटेलाइट की मदद से नेविगेशन सिस्टम को अपडेट करने की सुविधा भी है। इससे इसकी सटीकता और भी बढ़ जाती है। यह मिसाइल 10 मीटर लंबी और 1.5 मीटर चौड़ी है। इसका वजन लगभग 20 टन है और यह 2.5 टन तक का वारहेड ले जा सकती है। दुनिया में इस तरह की मिसाइल बहुत कम देशों के पास है।

क्यों महत्वपूर्ण है ये परीक्षण?

  • इस परीक्षण से देश की दूसरी-हमलावर क्षमता को प्रमाणित करने के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है।
  • इससे भारत को सेकेंड स्ट्राइक की क्षमता मिल जाती है। इसका मतलब है कि अगर जमीन पर स्थिति ठीक नहीं है, तो समंदर से ही सबमरीन की मदद से हमला किया जा सकता है।
  • भारत का नियम है कि वो कभी भी पहले परमाणु हमला नहीं करेगा, लेकिन अगर उस पर हमला होता है तो वो छोड़ेगा भी नहीं। इस मिसाइल की 4000 किलोमीटर की रेंज है जो नौसेना के लिए बहुत जरूर साबित होती है।

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