ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 39वें स्थान पर पहुंचा भारत, PM मोदी ने कहा भारत के लिए शानदार उपलब्धि…
नई दिल्ली। जिनेवा स्थित विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2024 यानी GII 2024 में भारत ने कुल 133 अर्थव्यवस्थाओं में से 39वां स्थान हासिल किया है। भारत को यह उपलब्धि 38.3 पॉइंट हासिल करके मिली है। भारत ने इस इंडेक्स में बीते साल की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। पिछले साल 38.1 पॉइंट के साथ देश 40वें पायदान पर रहा था। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उल्लेखनीय उपलब्धि बताया है। सरकार एक वाइब्रेंट इनोवेटिव इकोसिस्टम सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो युवाओं के जीवन को बदल सकता है।
भारत केंद्रीय और दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र की सर्वश्रेष्ठ अर्थव्यवस्थाओं के चार्ट में टॉप पर है। इसके अलावा भारत निम्न मध्यम आय वर्ग के देशों के समूह में एक ऐसा देश है, जिसने अपने विकास के हिसाब से इनोवेशन में अनुमान से बेहतर प्रदर्शन किया है। भारत निम्न मध्यम आय समूह वर्ग के देशों में सर्वश्रेष्ठ इनोवेटिव इकोनॉमी है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वैश्विक नवाचार सूचकांक 2024 में भारत ने 39वां स्थान हासिल किया है। उन्होंने कहा कि नव प्रवर्तकों और उद्यमियों के कारण भारत में नवाचार के माहौल को मजबूती मिल रही है।
भारत में नवाचार के माहौल को मजबूती मिल रही है
वैश्विक नवाचार सूचकांक 2024 में भारत ने 133 अर्थव्यवस्थाओं में 39वां स्थान हासिल किया है। जेनेवा स्थित विश्व बौद्धिक संपदा संगठन(डब्ल्यूआईपीओ) के मुताबिक, इस सूचकांक में भारत पिछले साल 40वें स्थान पर था। उन्होंने लिखा, नवाचार के मामले में भारत 133 विश्व अर्थव्यवस्थाओं में 39वें स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि नव प्रवर्तकों (नई खोज करने वाले) और उद्यमियों के कारण भारत में नवाचार के माहौल को मजबूती मिल रही है। उन्होंने कहा कि जीआईआई रैंकिंग में लगातार सुधार हमारी ज्ञान संपदा, जीवंत स्टार्ट-अप पारिस्थिकी तंत्र और सार्वजनिक व निजी अनुसंधान संगठनों के बेहतरीन काम के कारण हुआ है।
जीआईआई एक ऐसा भरोसेमंद साधन है जिससे दुनिया भर की सरकारें यह देख सकती हैं कि उनके देशों में नए आविष्कार और तकनीक कैसे सामाजिक व आर्थिक बदलाव ला रहे हैं। इसका उपयोग नीति निर्माता और व्यापारिक हस्तियां करते हैं। डब्ल्यूआईपीओ के मुताबिक स्विट्जरलैंड, स्वीडन, अमेरिका, सिंगापुर और ब्रिटेन दुनिय की सबसे अधिक नवाचार वाली अर्थव्यवस्थाएं हैं। वही चीन, तुर्किये, भारत, वियतना और फिलीपींस इस क्षेत्र में पिछले दस वर्षों में तेजी से प्रगति करने वाले देश हैं। चीन 11वें स्थान पर है और शीर्ष 30 में स्थान पाने वाली एकमात्र मध्यम-आय वाली अर्थव्यवस्था है।
आईटी सेवाओं के निर्यात के मामले में भारत दुनिया में पहले नंबर पर है
इसके बाद दक्षिण और मध्य एशिया में भारत 39वें स्थान पर है। जबकि ईरान का 64वां और कजाखस्तान का 78वां स्थान है। भारत निम्न मध्यम आय वर्ग में सबसे आगे है और बीते 14 वर्षों से नवाजार में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। भारत की ताकत कुछ खास क्षेत्रों जैसे आईटी सेवाओं का विदेश में निर्यात, नए कारोबार के लिए निवेश आदि में है। आईटी सेवाओं के निर्यात के मामले में भारत दुनिया में पहले नंबर पर है। बंगलूरू में सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी)-बंगलूरू को दुनिया के शीर्ष 100 विज्ञान एवं तकनीकी केंद्रों की सूची में शामिल किया गया है। इसी तरह दिल्ली, चेन्नई और मुंबई भी इस सूची में जगह बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत का नवाचार परिदृश्य निरंतर विकसित हो रहा है, जो नवोन्मेषकों और उद्यमियों द्वारा संचालित है।
सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों का आकलन करने के लिए एक विश्वसनीय उपकरण के रूप में मान्यता प्राप्त है,
उन्होंने कहा कि भारत का नवाचार परिदृश्य निरंतर विकसित हो रहा है, जो नवोन्मेषकों और उद्यमियों द्वारा संचालित है। जीआईआई रैंकिंग में सुधार का श्रेय भारत की ज्ञान राजधानी, एक गतिशील स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र और सार्वजनिक और निजी दोनों शोध संगठनों के उल्लेखनीय योगदान को जाता है। सूचकांक ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत वर्तमान में निम्न-मध्यम आय वर्ग में अग्रणी है, जिसने लगातार 14वें वर्ष नवाचार पर बेहतर प्रदर्शन किया है। WIPO के वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) 2024 के अनुसार, दुनिया की सबसे अधिक नवोन्मेषी अर्थव्यवस्थाओं में स्विट्जरलैंड, स्वीडन, संयुक्त राज्य अमेरिका, सिंगापुर और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं। इस बीच, चीन, तुर्की, भारत, वियतनाम और फिलीपींस पिछले एक दशक में सबसे तेजी से ऊपर चढ़ने वाले देश हैं।
130 से अधिक अर्थव्यवस्थाओं की जीआईआई रैंकिंग में, चीन 11वें स्थान पर पहुंच गया और शीर्ष 30 में एकमात्र मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है। जीआईआई को व्यापक रूप से नवाचार-संचालित सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों का आकलन करने के लिए एक विश्वसनीय उपकरण के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो नीति निर्माताओं, व्यापार जगत के नेताओं और अन्य लोगों को जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए मानवीय सरलता का उपयोग करने में मार्गदर्शन करता है।
“मध्य और दक्षिणी एशिया में, भारत (39वां) एक स्थान की बढ़त के साथ आगे बढ़ना जारी रखता है। इस्लामी गणराज्य ईरान (64वां, दो स्थान नीचे) तीसरे स्थान पर है, कजाकिस्तान (78वां) तीसरे स्थान पर है। उज्बेकिस्तान (83वां) क्षेत्र में अपना चौथा स्थान बरकरार रखता है।” सूचकांक ने प्रमुख संकेतकों में भारत की ताकत को भी उजागर किया, जैसे कि आईसीटी सेवा निर्यात (विश्व स्तर पर पहला स्थान), प्राप्त उद्यम पूंजी और अमूर्त संपत्ति तीव्रता। भारत की यूनिकॉर्न कंपनियों ने देश को वैश्विक स्तर पर 8वां स्थान दिलाने में मदद की है।