September 17, 2024

राजनीतिक रसूख में नेताओं के हत्थे चढ़ा गरीब का मकान, चलवाया बुलडोजर, पीएम से निष्पक्ष जांच की लगाई गुहार…

0

बेमेतरा/नवागढ़। एक गरीब आदमी को शासन- प्रशासन किस प्रकार परेशान करता है। इसकी बानगी बेमेतरा जिले के नवागढ़ में देखने को मिली है। यहां एक गरीब रोजी-मजदूरी करने वाले परिवार का कब्जा प्रशासन ने तोड़ दिया है। इस पूरे मामले में नवागढ़ के जनकू जनक राम साहू -पिता लखन राम साहू को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका तक नहीं दिया गया।

 


 

 

 

 

 

इस पूरे प्रकरण की शिकायत पीएमओ कार्यालय, संभाग आयुक्त दुर्ग, बेमेतरा कलेक्टर आदि से कर निष्पक्ष जांच की मांग की है। जनकू-जनक राम साहू का आरोप है कि इस मामले में राजनीतिक से जुड़े लोगों का हाथ है। इसलिए तहसीलदार पर दबाव बनवाकर मेरा मकान तोड़ा गया है।

5 डिसमिल जमीन शासन से पट्टे में मिली थी

कब्जा तोड़ने का आदेश 29 मई को नवागढ़ तहसीलदार ने जारी किया। यह आदेश 5 जून को जनकू को मिला। वह कुछ कर पाता, इससे पहले ही 7 जून को बुलडोजर चलाकर उसका पट्टा सुदा मकान तोड़ दिया गया। वह पट्टे में मिली जमीन पर छोटा सा मकान निर्माण किया था।


जनकू ने ट्राईसिटी को बताया कि वह नवागढ़ शंकर नगर वार्ड न. 14 जिला बेमेतरा (छ.ग.) का रहने वाला है। वर्ष 1995 में जब नवागढ़ ग्राम पंचायत था, उसके और उसकी पत्नी के नाम पर 5 डिसमिल जमीन शासन से (आबादी व इंदिरा आवास) पट्टे में मिली थी। उसी जमीन पर वह पिछले करीब 30 सालों से गुजर-बसर कर रहा है ।

जनकू राम ने बताई आपबीति

जनकू राम बताते हैं कि मुझे 29/12/1995 को ग्राम की आबादी भूमि खसरा नं. 2460/2 रकबा 0.01 है. (33*33) फुट भूमि पट्टा प्रदान किया गया है, जो सरपंच ग्राम पंचायत नवागढ़ के द्वारा पंचगण व गणमान्य व्यक्तियों कि उपस्थिति में हल्का पटवारी द्वारा मुझे स्थल का कब्जा दिया गया था।

वर्ष 1996 से मैं उक्त पट्टाशुदा भूमि पर मकान बनाकर सहपरिवार निवास कर रहा हूँ। नगर पंचायत नवागढ़ में उक्त मकान का सम्पति कर और अन्य कर नियमित रूप से पटाते आ रहा हूँ। उन्होंने बताया कि ढालचंद कुर्रे पिता निरंजन लाल कुर्रे निवासी ग्राम मुडपार तहसील नवागढ़ जिला बेमेतरा (छ.ग.) निवासी के नाम पर दिखावटी बैनामा भागवत पिता फागुराम ताम्रकार से मिलीभगत कर तैयार कराया गया है।
बैनामा में खसरा नं. 2462/2 का टुकड़ा रकबा 50*30 फुट (1500 वर्गफुट) अर्थात 0.03 डिसमिल से थोड़ी अधिक भूमि बैनामा दिनांक 23/10/2009 के अनुसार खरीदा है और रिकार्ड में 0.05 डिसमिल चढ़ाया है।

मुल रकबे के मिलान से हो सकता है हेराफेरी उजागर

विक्रेता भागवत ताम्रकार कि भूमि शासकीय आबादी भूमि खसरा नं. 2460/2 से लगी हुई है। भागवत द्वारा बैनामा तो खसरा न. 2462/2 का टुकड़ा रकबा दर्शाकर क्रेता को शासकीय आबादी भूमि ख. न. 2460 / 2 आबादी भूमि पर कब्जा देने का गोरखधंधा किया जाता रहा है। भागवत ताम्रकार वगैरह के खाते कि भूमि ख.नं. 2462/1 रकबा 0.33 है. एवं ख.नं. 2462/2 रकबा 0.20 हे. कुल रकबा 0.53 हेक्टेयर को 25 टुकड़ों में विभिन्न व्यक्तियों को 1.130 हेक्टेअर कुल रकबे से दो गुना रकबा बिक्री किया गया है। राजस्व रिकार्ड में उनके द्वारा उक्त दोनों नम्बरों कि भूमि के बिक्री किए गए रकबे और मूल रकबे के मिलान से यह हेराफेरी उजागर हो जाता है।

इन पर लगाया गंभीर आरोप

ताम्रकार के द्वारा अपनी जमीन का नक्सा खसरा बी 1 देकर शासकीय आबादी भूमि को कब्जा देता रहा। उसी समय मेरी आबादी भूमि को उसी चक्र में फंसा कर मुझे मेरे आबादी पट्टे वाली भूमि को बेदखल करने में लगे रहे।

जबकि शासकीय आबादी भूमि 2460/2 और 2462/3 के मध्य में दो अलग-अलग खसरा नंबर 2462/2 व 2462/4 स्थित है । इसके बावजूद भी ढालचंद कुर्रे पिता निरंजन लाल कुर्रे द्वारा मुझे विगत 7-8 वर्षों से मेरी आबादी भूमि पर से बेदखल करने के सड़यंत्र में लगा हुआ है।

जनकु राम ने बताया कि भागवत ताम्रकार के द्वारा अपनी खाते कि भूमि दर्शाकर डालचंद कुर्रे को मेरी भूमि पर कब्जा करने कि सलाह दिया गया। उन्होंने मुझे विगत 7-8 वर्षों से मेरी आबादी भूमि पर से बेदखल करने के सड़यंत्र में लगा रहा, फर्जी केस बना कर मेरे विरुध धारा 250 भू राजस्व सहिता के तहत मामला चलाया और जब उसमे सफल नहीं हो सका। मेरे खिलाफ तहसीलदार (विनोद कुमार बंजारे) ने उसी जमीन पर बेजा कब्ज़ा का फर्जी केस बनाकर विधि विरुद्ध जाकर मुझ गरीब के मकान को तोड़ा गया।

पक्ष जनकूराम बताते हैं कि तहसीलदार के न्यायालय कि पेशी में जाता था, तब वे चुनाव कार्य में हैं कह कर पेशी बढ़ा दी जाती थी।
बाद में तहसीलदार ने मेरे विरुद्ध बेजा कब्ज़ा केश में बेदखली का आदेश कर दिया। जबकि तहसीलदार के आदेश के खिलाफ आवेदक द्वारा अपर कलेक्टर बेमेतरा के न्यायालय में पुनर्निरीक्षण पेश किया गया था, जिसमें प्रकरण के निराकरण तक स्थगन आदेश दिया गया।

जिस आदेश का पालन तहसील दार द्वारा नहीं किया गया और मकान को अपर कलेक्टर के आदेश के विरुद्ध जा कर तोड़ा दिया गया।
दोबारा पुनर्निरीक्षण पेश किया, जिसमे न्यायालय अपर कलेक्टर बेमेतरा द्वारा रिकार्ड मंगाया गया। दो-तीन बार रिकार्ड मंगाने का मांग पत्र तहसीलदार नवागढ़ को भेजा गया। परन्तु रिकार्ड अपर कलेक्टर कोर्ट में नहीं भेजा गया। उन्होंने मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई और मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।

_Advertisement_
_Advertisement_

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

इन्हें भी पढ़े