तूफान और भारी बारिश से जलमग्न हुआ दुबई, क्या क्लाउड सीडिंग है वजह ?
दुबई। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई ) और ओमान में इस सप्ताह आए तूफान और बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया। दुबई में तूफान-भारी बारिश के बाद क्यों बने बाढ़ जैसे हालात बन गये । भारी बारिश के कारण दुबई की सड़कों को नुकसान हुआ है। तूफान का प्रभाव दुबई से आगे तक फैल गया है। पूरे संयुक्त अरब अमीरात के साथ पड़ोसी देश बहरीन भी बाढ़ में डूब गया। मौजूदा स्थिति को देखते हुए संयुक्त अरब अमीरात में स्कूलों को बंद कर दिया गया है। पूरा शहर जलमग्न नजर आ रहा है। घरों में पानी भर गया, यातायात ठप हो गया और लोग अपने ही घरों में फंस गए है। साथ ही दुबई से दिल्लीआने-जाने वाली कम से कम 19 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
बहरीन और ओमान भी हुआ प्रभावित
भारी बारिश के कारण दुबई की सड़कों को भी नुकसान हुआ है, कई घरों की छतों, दरवाजों और खिड़कियों से पानी रिसने लगा। तूफान का प्रभाव दुबई से आगे तक फैल गया है। दूसरी तरफ बारिश और तूफान के कारण ओमान में अबतक 20 लोगों की मौत हो चुकी है। बहरीन में भी तूफान के कारण स्थिति खराब हो गई है। दुबई के ओमान की सीमा से लगे शहर अल ऐन में रिकॉर्ड 254 मिलीमीटर (10 इंच) बारिश दर्ज की गई। यह 1949 में रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से 24 घंटे की अवधि में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गयी है।
भारी बारिश के लिए क्या है वजह ?
इंपीरियल कॉलेज लंदन में जलवायु विज्ञान के वरिष्ठ व्याख्याता ने बताया कि जलवायु के गर्म होने के कारण दुनिया भर में भारी बारिश हो रही है क्योंकि गर्म वातावरण अधिक नमी धारण कर सकता है। साथ ही भारी बारिश के पीछे का कारण क्लाउड सीडिंग बताना भ्रामक था। क्लाउड सीडिंग से बादल नहीं बनसकती है। यह पानी को प्रोत्साहित करता है जो पहले से ही आकाश में है और कुछ स्थानों पर पानी को तेजी से गिराने के लिए प्रोत्साहित करता है। तो सबसे पहले, नमी की आवश्यकता है। इसके बिना कोई बादल नहीं हो सकता।
जलवायु परिवर्तन के क्या है कारण?
बता दें कि सामान्य मौसम प्रणाली के कारण भारी बारिश होने की संभावना थी। हालांकि यूएई के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार ऊपरी वायुमंडल में एक कम दबाव प्रणाली, सतह पर कम दबाव के साथ मिलकर हवा पर दबाव की तरह काम कर रही थी। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर गर्म तापमान और अधिक ठंडे तापमान के बीच के अंतर के दबाव से तेजी आंधी की स्थिती बन जाती है। क्योंकि जब मौसम बदलता है तो दबाव तेजी से बदलता है। इसलिए कह सकते हैं कि जलवायु परिवर्तन ने भी तूफान में योगदान दिया है।
क्या है क्लाउड सीडिंग?
जिन जगहों पर प्राकृतिक रूप से बारिश नहीं हो, या जरूरत से काफी कम होती है तो वहां कृत्रिम बारिश करवायी जाती है। कृत्रिम बारिश के लिए क्लाउड सीडिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। यह प्रक्रिया बादलों को बारिश के लिए तैयार करती है। जिसके लिए हेलिकॉप्टर या प्लेन उड़ाए जाते हैं जो बादलों में सिल्वर आयोडाइड, पोटैशियम आयोडाइड और ड्राई आइस जैसे रसायन होते हैं। जो इस तरह बादल घिर जाते हैं। फिर बादलों की भाप ठंडी होकर बूंदों के रूप में गिरती है और बारिश होती है। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में बादलों को तैयार किया जाता है, इसलिए इसे क्लाउड सीडिंग कहते हैं।
इसके पहले 2021 में भी दुबई में तापमान 50 डिग्री पहुंचने पर क्लाउड सीडिंग के जरिए बारिश कराई गई थी। खाड़ी देशों में सूखे और गर्मी के हालात निपटने के लिए पहले भी इसका प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता रहा है। यूएई में क्लाउड सीडिंग की शुरुआत 1990 से की गयी थी। UAE, चीन, अमेरिका समेत दुनिया के 60 देश इस तरह की बारिश करा चुके हैं। लेकिन इसकी वजह से दुबई से इंकार किया है । क्योकि अभी कोई भी ऐसी प्रक्रिया नही की गयी थी ।
ऑस्ट्रेलिया में नेशनल यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट, एनर्जी एंड डिजास्टर सॉल्यूशंस के डायरेक्टर मार्क हॉडेन ने कहा, ग्लोबल वार्मिंग के परिणामस्वरूप दुबई के आसपास के समुद्र में “असाधारण” गर्म पानी था। इसके ऊपर बहुत गर्म हवा थी। बारिश में इनका रोल था। बदलती जलवायु के कारण दुबई के आसपास के समुद्रों में बहुत तेज गर्म पानी आया। जबकि यहां का तापमान पहले से ही चरम पर है। यह संभावित वाष्पीकरण दर और उस पानी को धारण करने के लिए वायुमंडल की क्षमता दोनों को बढ़ाता है, जिससे भारी बारिश होने के संकेत मिलते है, जैसा कि अभी दुबई में देखा है।
क्या कृत्रिम बारिश तूफान का कारण बना?
संयुक्त अरब अमीरात और अरब प्रायद्वीप पर कहीं भी कभी कभार ही बारिश होती है। इन्हें आमतौर पर शुष्क रेगिस्तानी जलवायु के लिए जाना जाता है। गर्मियों में यहां का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तक चला जाता है। वहीं, यूएई और ओमान में भारी बारिश से निपटने के लिए जल निकासी प्रणालियों की कमी है। यहां बारिश के दौरान सड़कों का जलमग्न होना आम बात नहीं है। क्या कृत्रिम बारिश बाढ़ का कारण हो सकता है? दरअसल, पृथ्वी पर सबसे गर्म और शुष्क क्षेत्रों में से एक संयुक्त अरब अमीरात अक्सर कृत्रिम बारिश कराता रहता है। हालांकि, यूएई की मौसम विज्ञान एजेंसी का कहना है कि तूफान से पहले ऐसा कोई अभियान नहीं चलाया गया था।
दुबई में कुछ ही घंटों के अंदर इतना पानी बरस गया जितना डेढ़ साल में बहता है। मंगलवार को 142 मिलीमीटर बारिश दुबई में दर्ज की गई जबकि साल भर में औसतन 95 मिलीमीटर बारिश ही मुश्किल से यहां हो पाती है। UAE के अल-आइन अमीरात में तो सबसे ज़्यादा 250 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसी से अंदाज़ा लग सकता है कि कितना पानी अचानक बरस गया।