सियाचिन में तैनात होने वाली भारतीय सेना की पहली महिला चिकित्सा अधिकारी बनकर रचा इतिहास जानिए कौन है वो ?…
भारतीय सेना की स्नो लेपर्ड ब्रिगेड की गीतिका कौल ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तैनात होने वाली पहली महिला चिकित्सा अधिकारी बनकर बता दिया कि महिलाएं किसी से भी किसी भी क्षेत्र कम नहीं है। प्रेरण प्रशिक्षण को शारीरिक और मानसिक सहनशक्ति का एक कठिन परीक्षण माना जाता है।
राष्ट्र की सेवा में उत्कृष्टता दूसरों को प्रेरित करने का उदाहरण है
हिमालय के उत्तरी भाग में स्थित सियाचिन न केवल अपने सामरिक महत्व के लिए बल्कि अपनी प्रतिकूल जलवायु और चुनौतीपूर्ण इलाके के लिए भी जाना जाता है। बता दे कि इस सबसे ऊँचे युद्धक्षेत्र में पहली महिला चिकित्सा अधिकारी के रूप में कैप्टन गीतिका कौल की तैनाती भारतीय सेना के भीतर लैंगिक समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने कैप्टन गीतिका के बारे में कहा कि उनका उल्लेखनीय समर्पण, सक्षमता और बाधाओं को तोड़कर राष्ट्र की सेवा में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए जज्बा दूसरों को प्रेरित करने का उदाहरण है। इसमें उच्च ऊंचाई अनुकूलन, अस्तित्व तकनीक और कठोर परिस्थितियों में संचालन के लिए महत्वपूर्ण विशेष चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि गीतिका द्वारा सियाचिन बैटल स्कूल में कठोर प्रेरण प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद प्राप्त हुई है।
मील का पत्थर साबित हुई कैप्टन कौल
कैप्टन गीतिका कौल ने सियाचिन में तैनात होने वाली भारतीय सेना की पहली महिला चिकित्सा अधिकारी बनकर इतिहास रच दिया। यह मील का पत्थर कैप्टन कौल द्वारा प्रतिष्ठित सियाचिन बैटल स्कूल में कठोर इंडक्शन प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद आया है। फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने एक्स पर घोषणा की, “बीएसएनएल के सहयोग से सियाचिन वॉरियर्स ने 15,500 फीट से अधिक ऊंचाई पर तैनात सैनिकों के लिए मोबाइल संचार का विस्तार करने के लिए 6 अक्टूबर को सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र की अग्रिम चौकियों पर पहली बार बीएसएनएल बीटीएस की स्थापना की।”
उत्तरी हिमालय में स्थित सियाचिन अपने सामरिक महत्व, प्रतिकूल जलवायु और दुर्गम इलाके के कारण चुनौतियों से भरा क्षेत्र है। पर जज्बा हो सब कुछ मुमकिन हो जाता है, गीतिका कौल यह साबित किया है ।