छत्तीसगढ़ के पर्यावरणविद् आलोक शुक्ला को दिया जाएगा ‘ग्रीन नोबल अवार्ड’…
छत्तीसगढ़। ग्रीन नोबल पर्यावरण के लिए दिया जाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा अवॉर्ड होता है। यह सम्मान हसदेव के समृद्ध जंगल, पर्यावरण बचाने के लिए 12 वर्षों से संघर्षरत आदिवासियों और इस आंदोलन से जुड़े प्रत्येक नागरिक का है। इस पुरस्कार के लिए विजेताओं का चयन अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी जारी करता है। इस वर्ष यह पुरस्कार अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में दिया जाएगा ।
इसी के आधार पर हसदेव के जनता का सम्मान, साथ ही देश दुनिया की उस जनता का भी सम्मान है जो इस संघर्ष में लगातार साथ निभाया है। इस सम्मान को ग्रीन नोबेल पुरस्कार के नाम से जाना जाता है और इस वर्ष यह सम्मान पर्यावरणविद् आलोक शुक्ला को गोल्ड मैन एनवायरन्मेंटल पुरस्कार 2024 दिया जाएगा। इसी के साथ भारत के आलोक शुक्ला सहित दुनियाभर से 7 लोगों को प्रदान किया जाएगा।
क्या है गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार?
गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार की स्थापना 1989 में सैन फ्रांसिस्को के दिवंगत नागरिक नेताओं और परोपकारी रिचर्ड और रोडा गोल्डमैन की ओर से की गई थी।
किसको मिलता है ग्रीन नोबल अवार्ड ?
गोल्डमेन अवार्ड दुनिया में पर्यावरण संरक्षण पर काम करने वालो को दिया जाता है हसदेव अरण्य में पिछले एक दशक से आलोक शुक्ला आदिवासियों के साथ जुड़े हुए है और हसदेव के लोगों के साथ संघर्ष में बने हुए है। इस इनके प्रतिरोध के कारण राज्य सरकार को इस भूभाग को लेमरू एलीफैंट रिज़र्व घोषित करना पड़ा था। इसके पीछे मकसद था जंगल को संरक्षित करके रखना । आलोक हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समित’ के संयोजक हैं। यह पुरस्कार दुनिया भर में जमीनी स्तर के पर्यावरण चैंपियनों को प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।
हसदेव के आदिवासियों के लिए खुशी की लहर
आलोक शुक्ला को यह सम्मान मिलने पर हसदेव के आदिवासियों और जंगल बचाने में जुटे कार्यकर्ताओं ने खुशी जताई है। यह पुरस्कार अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में आयोजित कार्यक्रम में दिया जाएगा। अवॉर्ड देने वाली संस्था गोल्ड मैन एनवायरन्मेंटल फाउंडेशन की ओर से बताया गया कि छत्तीसगढ़ में करीब 4,45,000 एकड़ में फैले घने हसदेव जंगल को बचाने के लिए आलोक शुक्ला लगातार प्रयासरत रहे है। इस इलाके में 23 कोयला खदानें हैं। संस्था ने हसदेव अरण्य की 21 कोयला खदानों की नीलामी रदद् कराई
संस्था की ओर से बताया गया कि जुलाई 2022 में सरकार ने हसदेव अरण्य में 21 प्रस्तावित कोयला खदानों को रद्द कर दिया। हसदेव अरण्य को छत्तीसगढ़ के फेफड़े के रूप में जाना जाता है। यह जंगल जैव विविधता से भरा हुआ है। अवॉर्ड लेने के लिए आलोक शुक्ला सैन फ्रांसिस्को पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित ही यह हमारे लिए खुशी का पल है। हमारे इतने वर्षों के कार्यों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। इस अवॉर्ड के लिए सम्पूर्ण एशिया महाद्वीप से प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है, जो निश्चित ही गौरव का पल है।
जमीनी संघर्ष को मिलेगी मजबूती
ग्रीन नोबल पर्यावरण के लिए दिया जाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा अवॉर्ड है। यह सम्मान हसदेव के समृद्ध जंगल, पर्यावरण बचाने के लिए 12 वर्षों से संघर्षरत आदिवासियों और इस आंदोलन से जुड़े प्रत्येक नागरिक का है। इससे हसदेव के जमीनी संघर्ष को मजबूती मिलेगी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन भी मिलेगा।
साल 2024 के गोल्डमैन पुरस्कार विजेता
- एशिया से भारत (छत्तीसगढ़) के आलोक शुक्ला
- अफ्रीका से दक्षिण अफ्रीका के नॉनहले मबुथुमा और सिनेगुगु ज़ुकुलु
- यूरोप से स्पेन के टेरेसा विसेंट
- ऑस्ट्रलिया से मुर्रावाह मारूची जॉनसन
- उत्तरी अमेरिका से यूएसए के एंड्रिया विडौर्रे
- दक्षिण अमेरिका से ब्राजील के मार्सेल गोम्स