छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी ने विद्युत उत्पादन में रचा कीर्तिमान…
रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी के बिजली संयंत्रों द्वारा एक बार फिर विद्युत उत्पादन का कीर्तिमान बनाया गया है। 5 वर्ष पहले वर्ष 2018 में 21.277 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ था। जो वर्ष 2023-24 में पुनः 21.068 मिलियन यूनिट के आंकड़े को पार करने में सफलता हासिल की है। इसके अलावा सर्वाधिक पीएलएफ सबसे कम विशिष्ट तेल खपत, सबसे कम ऑक्जीलिरी पावर कंजप्शन का सर्वकालिक कीर्तिमान भी बनाया गया है।
2023-24 में 21,068 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन का कीर्तिमान रचा
छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन कंपनी के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 अनेक बड़ी एवं महत्वपूर्ण उपलब्धियों से भरा रहा। इस दौरान विगत वित्तीय वर्ष 2022-23 के 17,703 मिलियन यूनिट की तुलना में इस वर्ष 2023-24 में 21,068 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन का कीर्तिमान रचा गया। इसके पूर्व छत्तीसगढ़ स्टेट जनरेशन कंपनी का अपना ही कीर्तमान वर्ष 2018 में 21,277 मिलियन यूनिट का बना था। विद्युत गृहों के श्रेष्ठ संचालन और लगातार उत्पादन बनाये रखने के लिए एक महत्वपूर्ण पैमाना उनके फोर्ड ऑउटेज कम होने को माना जाता है ।
वर्ष 2023 – 24 के दौरान बिजली घर औसतन संचालित होने वाले समय से अधिक समय तक कार्य करते रहे। वहीं बिजली घरों के बेहतर और निरंतर कार्य करने का एक पैमाना प्लांट लोड फैक्टर भी होता है। वर्ष 2019 – 20 में छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर जनरेशन कंपनी का 16.732 जो हर साल बढ़ते हुए क्रमशः वर्ष 2020- 21 में 69.49, वर्ष 2021-22 70.40, वर्ष 2022- 23 में 71.18 हुआ और अब वर्ष 2023-24 में बढ़कर 84.45. हो गया।
इन्हें भी पढ़े : Chhattisgarh Assembly: छत्तीसगढ़ में पहली बार पेश होगा पेपरलेस डिजिटल बजट…
30 करोड़ से अधिक की बचत
विद्युत उत्पादन के लिए विशिष्ट तेल की खपत विद्युत गृहों के कामकाज का एक प्रमुख पैमाना होता है। कम तेल खपत को विद्युत गृह के श्रेष्ठ कार्यकलाप, संचालन एवं संधारण की कुशलता का मापदण्ड माना जाता है। इस मामले में वित्तीय वर्ष 2023-24 में 0.285 मिलीलीटर प्रति किलोवॉट घंटा विशिष्ट तेल की खपत रही जो विगत वर्ष 2022-23 को खपत 0.526 मिलीलीटर प्रति किलोवॉट घण्टा की लगभग आधी है। इस प्रकार वर्ष 2023-24 में विशिष्ट तेल खपत में मबसे कम खपत का कीर्तिमान राज्य बिजली घरो ने बनाया है। एक वर्ष में 5000 किलोलीटर तेल खपत की बचत होने से 30 करोड़ रूपये से अधिक की बचत विद्युत कंपनों को हुई है।