बैडमिंटन की दिग्गज खिलाड़ी पीवी सिंधु बनी तंबाकू नियंत्रण के लिए ब्रांड एंबेसडर…
नई दिल्ली। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2024 के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें इस वर्ष का विषय, “बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना” किशोरों को तंबाकू के सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करना इस आवश्यकता पर जोर देता है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने वीडियो संदेश के माध्यम से दर्शकों को संबोधित करते हुए तंबाकू धूम्रपान के घातक प्रभावों पर जोर दिया।
तम्बाकू के विरुद्ध सक्रिय दृष्टिकोण
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने सरकार के सक्रिय दृष्टिकोण पर जोर देते हुए स्थानीय, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक सभी स्तरों पर कार्रवाई को शामिल किया है, ताकि तम्बाकू के प्रसार व तम्बाकू के धुएं के संपर्क में आने से आसपास के लोगों में जो परेशानी होती है उसकी संख्या में भारी कमी आए और स्वस्थ समुदायों को बढ़ावा मिले। उन्होंने 2024 में तम्बाकू नियंत्रण के पहलुओ पर प्रमुख फोकस क्षेत्रों का अनावरण किया, जिसमें भारत के राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कानून – COTPA 2003 का सख्त प्रवर्तन, जन जागरूकता अभियान में वृद्धि, अधिक तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान और देश भर में तम्बाकू मुक्त गाँवों की स्थापना करना शामिल है।
तंबाकू मुक्त जीवन अपनाने के लिए प्रेरित किया
भारतीय बैडमिंटन की दिग्गज खिलाड़ी पीवी सिंधु को आज तंबाकू नियंत्रण के लिए ब्रांड एंबेसडर बनाया गया। यह कदम युवा बच्चों और युवाओं को हर तरह के तंबाकू सेवन से बचने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया है। सिंधु ने एक शक्तिशाली वीडियो संदेश में सभी से तंबाकू विरोधी अभियान में शामिल होने का आग्रह किया और लोगों से तंबाकू मुक्त जीवन जीने और बेहतर कल के लिए आज से ही स्वस्थ विकल्प चुनने के लिए प्रेरित किया।
तम्बाकू निषेध केन्द्रों के संचालन के लिए दिशा निर्देश
इस कार्यक्रम में चिकित्सा संस्थानों में तम्बाकू निषेध केंद्र स्थापित करने के लिए परिचालन दिशा-निर्देश भी जारी किए गए । इसका उद्देश्य समग्र चिकित्सा में स्नातकों को प्रशिक्षित करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के मानदंडों को ध्यान में रखते हुए, मेडिकल छात्रों को धूम्रपान निषेध के बारे में शिक्षित करना व संवेदनशील बनाना है।
संपूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने के लिए धूम्रपान छोड़ने के उपचारों को प्रदान करना, चिकित्सा संस्थानों को उम्मीद है कि वे तम्बाकू धूम्रपान करने वालों के बीच धूम्रपान छोड़ने की दरों में उल्लेखनीय वृद्धि करेंगे। तम्बाकू छोड़ने के क्लीनिकों को चिकित्सा और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं में एकीकृत किया जाएगा, जिससे धूम्रपान छोड़ने की सेवाओं को सार्वभौमिक बनाने और समग्र रूप से स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
तम्बाकू नियंत्रण के ब्रांड एंबेसडर बने पीवी सिंधु
तंबाकू नियंत्रण के लिए ब्रांड एंबेसडर के रूप में पीवी सिंधु का नामांकन, उनकी प्रभावशाली स्थिति और प्रभाव का लाभ उठाने के लिए एक स्मार्ट कदम है, खासकर युवा आबादी के बीच। अभियान में भागीदारी का उद्देश्य दूसरों, खासकर युवाओं को तंबाकू मुक्त जीवन शैली जीने के लिए प्रेरित करना है। सरकार, स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों और पीवी सिंधु जैसे प्रभावशाली व्यक्तित्वों के संयुक्त प्रयासों से, भारत को तंबाकू के उपयोग को कम करने, बच्चों को तंबाकू उद्योग की संलिप्तता से बचाने और एक स्वस्थ देश बनाने में पर्याप्त प्रगति हासिल करने की उम्मीद है।
तम्बाकू के विरुद्ध सरकार का सक्रिय रुख
अपूर्व चंद्रा ने सरकार के सक्रिय रुख पर जोर दिया, जिसमें स्थानीय, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर विभिन्न उपायों को लागू किया गया है, ताकि तंबाकू के प्रसार और तंबाकू के धुएं के संपर्क में आने की दर में उल्लेखनीय कमी लाई जा सके, जिससे स्वास्थ्य समुदायों को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने 2024 में तंबाकू नियंत्रण पहलुओ के लिए प्रमुख फोकस क्षेत्रों का अनावरण किया जाएगा, जिसमें भारत के राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कानून – सीओटीपीए 2003 का सख्त प्रवर्तन, जन – जागरूकता अभियान तेज करना, तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थानों की संख्या बढ़ाना और देश भर में तंबाकू मुक्त गांवों की स्थापना करना लक्ष्य बनाया है।