बी.फार्मा. के छात्र, प्रेम कुमार गुप्ता, को राष्ट्रीय सेमिनार में “सर्वश्रेष्ठ पोस्टर प्रस्तुति” से किया गया सम्मानित…
रायपुर। श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, कुम्हारी में बैचलर ऑफ फार्मेसी के 7वें सेमेस्टर के छात्र प्रेम कुमार गुप्ता को रायपुर में आयोजित “औषधि विकास के लिए पारंपरिक स्वदेशी औषधीय पौधों के हालिया रुझान और भविष्य की संभावनाएं” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रतिष्ठित “सर्वश्रेष्ठ पोस्टर प्रस्तुति” से सम्मानित किया गया है। छत्तीसगढ़ विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (सीजीसीओएसटी) द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम में फार्मास्युटिकल और औषधीय पौधों के क्षेत्रों के प्रतिष्ठित विद्वानों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों का जमावड़ा था। गुप्ता की पुरस्कार विजेता प्रस्तुति का शीर्षक था “नवीनतम ग्रीन सिंथेसिस दृष्टिकोण में अंतर्दृष्टि: पूरे ग्रह में कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में फार्मासिस्ट का प्रयास।” इस कार्य का उद्देश्य कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए स्थायी दवा प्रथाओं की आवश्यकता पर बल देते हुए पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के वैश्विक प्रयासों में योगदान देना था।
आधुनिक दवा विज्ञान के अनुकरणीय अनुप्रयोग का प्रदर्शन किया
श्री रावतपुरा सरकार फार्मेसी संस्थान में फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. देबर्षि कर महापात्रा ने इस अभूतपूर्व शोध के लिए गुप्ता के संरक्षक के रूप में काम किया। डॉ. महापात्रा का मार्गदर्शन और विशेषज्ञता इस परियोजना की सफलता के लिए अभिन्न अंग थे, जिसने वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दों से निपटने में आधुनिक दवा विज्ञान के अनुकरणीय अनुप्रयोग का प्रदर्शन किया।
श्री रावतपुरा सरकार फार्मेसी संस्थान के प्राचार्य डॉ. एस. प्रकाश राव ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए गुप्ता और डॉ. महापात्रा दोनों को बधाई दी। उन्होंने छात्र के अभिनव दृष्टिकोण और संरक्षक के समर्पित समर्थन पर गर्व व्यक्त किया, दवा विज्ञान के क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता को मान्यता दी।
यह पुरस्कार फार्मेसी के क्षेत्र में स्थिरता और पर्यावरण जागरूकता पर बढ़ते जोर को उजागर करता है। यह श्री गुप्ता जैसे युवा शोधकर्ताओं के समर्पण और जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों पर विचार करते हुए दवा विकास में सार्थक बदलाव लाने की उनकी क्षमता को दर्शाता है। श्री रावतपुरा सरकार फार्मेसी संस्थान, कुम्हारी को गुप्ता की उपलब्धि पर बहुत गर्व है तथा वह फार्मास्युटिकल विज्ञान में नवाचार और स्थिरता के क्षेत्र में अपने छात्रों और संकाय से निरंतर योगदान की आशा करता है।