कला संकाय के समाजशास्त्र विभाग द्वारा सेंट्रल जेल रायपुर का किया गया शैक्षणिक भ्रमण…

SRU : एस आर यू के कला संकाय के समाजशास्त्र विभाग द्वारा सेंट्रल जेल रायपुर का शैक्षणिक भ्रमण किया गया। भ्रमण में कला संकाय एवं विधि विभाग के छात्र-छात्रा उपस्थित रहे। विद्यार्थियों को इस भ्रमण से कुछ नवीन सीखने का उत्साह रहा और भ्रमण के द्वारा महत्वपूर्ण तथ्य प्राप्त किये।
इस शैक्षणिक भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को कैदियों के बारे में अनुभवजन्य रूप से जानने, उनके मुद्दों को समझने, स्थितियों का विश्लेषण करना था। विद्यार्थियों ने अपनी प्रश्नावली में कैदियों से कार्य करवाना, कैसे और कितने प्रकार के कार्य,उन्हें मिलने वाली सुविधाएं, पैरोल का लाभ, कैदियों को अपने परिवार के सदस्यों से मिलने की प्रक्रिया, उनसे सम्बंधित सुधार कार्यक्रम और कैदियों के सामाजिक जीवन व्यतीत करने की प्रक्रिया को समझा। इसके साथ-साथ विद्यार्थियों ने जेल में कैदियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएँ और जेल के माहौल को जाना।
पर्याप्त सुरक्षा प्रोटोकॉल का किया जाता है पालन
जेल भ्रमण में विद्यार्थियों ने यह अवलोकन किया कि जेल के भीतर धातु कार्य उद्योग में कैदी धातु निर्माण से संबंधित विभिन्न कार्यों में संलग्न होते हैं। इसमें वेल्डिंग, कटिंग और विभिन्न उद्देश्यों के लिए धातु के हिस्सों को जोड़ना शामिल है। इसका उद्येश्य कैदियों को विशेष तकनीकों में प्रशिक्षित करना है, जिससे उनके व्यावसायिक कौशल में वृद्धि हो सके। आउटपुट में आंतरिक उपयोग और बाहरी बिक्री दोनों के लिए उपकरण और भागों जैसे – कार्यात्मक धातु उत्पाद शामिल हैं। धातु कार्य के दौरान कैदी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है।
वस्त्र उद्योग से सम्बंधित जेल के भीतर वस्त्र उद्योग परिधान और कपड़ा उत्पादों के उत्पादन पर केंद्रित है। यह क्षेत्र कैदियों के लिए आवश्यक कपड़े उपलब्ध कराने में मदद करता है और बाहरी बाजारों में योगदान देता है। कैदी कपड़ों की सिलाई, सिलाई और गुणवत्ता नियंत्रण पर काम करते हैं। अर्जित कौशल रिहाई के बाद रोजगार के अवसरों के लिए प्रासंगिक हैं।
मूर्तिकला उद्योग के बारे में किया गया अवलोकन
मूर्तिकला उद्योग में यह अवलोकन किया गया कि मूर्तिकला उद्योग कैदियों को कलात्मक प्रयासों में संलग्न होने, मूर्तियां और अन्य कलात्मक टुकड़े बनाने की अनुमति देता है। यह उद्योग कैदियों के लिए एक रचनात्मक आउटलेट प्रदान करता है, जो मानसिक कल्याण को बढ़ावा देता है जिससे कैदी कलात्मक कौशल और शिल्प कौशल विकसित करते हैं। साबुन उद्योग में बार और तरल साबुन सहित विभिन्न साबुन उत्पादों का उत्पादन शामिल है। कैदी साबुन उत्पादन के सभी चरणों में भी भाग लेते हैं, सामग्री को मिलाने से लेकरपैकेजिंग तक।
केंद्रीय जेल के शैक्षणिक भ्रमण में समाजशास्त्र विभाग के स. प्राध्यापिका डॉ.अर्चना तूपट, मनोविज्ञान विभाग की डॉ. चित्रा पांडे, इतिहास विभाग से शिशिर चंद्र छत्तर, राजनीति विज्ञान विभाग की डॉ. श्वेता घोष और लॉ विभाग की अंकिता ठाकुर शामिल रही। यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.एस.के. सिंह ने विद्यार्थियों से शैक्षिक भ्रमण से प्राप्त ज्ञान को अपनी कार्य शैली में जोड़ने एवं इस माध्यम से अनवरत सीखने की प्रेरणा दी और कुलसचिव डॉ. सौरभ कुमार शर्मा ने इस भ्रमण की सफलता हेतु समाजशास्त्र विभाग को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए विद्यार्थियों को अतिरिक्त सभी शैक्षणिक भ्रमण से लाभ प्राप्त करने की बात कही।