October 10, 2024

क्या है वो वजह जिसने बांग्‍लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्‍तीफा देने के लिए कर दिया मजबूर…

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ढाका। भारत के पड़ोसी मुल्‍क बांग्‍लादेश में हिंसक प्रदर्शन के बाद यहां तख्‍तापलट हो गया। जिसके बाद  बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया। साथ ही इस इस्तीफे के बाद शेख हसीना देश छोड़कर चली आईं। जिसके बाद उनका हेलीकॉप्टर भारत के हिंडन एयरबेस पर उतरा। यहां भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मुलाकात की। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को यहां कड़ी सुरक्षा दी जा रही है।

क्या है वजह ?

बता दें कि बांग्‍लादेश में काफी समय से हिंसात्‍मक प्रदर्शन हो रहे थे। जिसके बाद हालात कुछ ऐसे हो गए कि कुछ प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में तक दाखिल हो गए, और वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्‍तीफा दे दिया और सेना के विशेष हेलिकॉप्‍टर से वह भारत आ गईं। कुछ समय पहले से ही बांग्‍लादेश में नौकरियों में आरक्षण खत्‍म करने की मांग चल रही थी। जिसके बाद काफी संख्‍या में स्टूडेंट्स आरक्षण का विरोध कर रहे थे और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्‍तीफे की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों और पुलिस प्रशासन के बीच लगातार झड़पें हो रही थीं।


इस हिंसा में अब तक सैकड़ों जानें जा चुकी हैं। काफी संख्‍या में स्‍थानीय नागरिक घायल भी हुए बताए जा रहे हैं। पूरे देश का माहौल इतना खराब है कि यहां अनिश्‍चितकालीन कर्फ्यू लगाया है। साथ ही इंटरनेट पर भी बैन लगा दिया गया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्‍तीफे के बाद में कमान सेना के हाथों में आ गई है। सेना की ओर से बांग्‍लादेश में अंतरिम सरकार बनाने की बात कही गई है। बांग्‍लादेश आर्मी चीफ वकार-उल-जमां का दावा है कि उन्होंने कई राजनीतिक नेताओं से मुलाकात की। वकार ने बयान जारी किया, जिसमें कहा कि सेना कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी।

आरक्षण प्रणाली को खत्म करने के फैसले को बताया गैर क़ानूनी

बांग्‍लादेश में आरक्षण प्रणाली को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। बांग्‍लादेश में वर्ष 1972 में मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और उनके वंशजों को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण दिया गया था। जिसके बाद वर्ष 2018 में सरकार ने इसे खत्‍म कर दिया। इस साल जून में बांग्‍लादेश की हाईकोर्ट ने सरकार के आरक्षण प्रणाली को खत्म करने के फैसले को गैर कानूनी बता दिया और इसे दोबारा लागू कर दिया। जिसके बाद प्रदर्शन शुरू हो गए। हालांकि शेख हसीना की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को निलंबित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए केवल पांच फीसदी आरक्षण की बात कही थी। इसकी अगली सुनवाई 7 अगस्‍त हो होनी थी।

बांग्‍लादेश हिंसा मामले पर अमेरिका की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा है कि बांग्‍लादेश में हुई हिंसा की पारदर्शी जांच होनी चाहिए। अमेरिका की ओर से कहा गया है कि अगस्त 2017 से रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए बांग्‍लादेश को लगभग 2 बिलियन डॉलर की मानवीय सहायता दी गई थी।

संयुक्त राष्ट्र बांग्लादेश की स्थिति पर बहुत बारीकी से रखी जा रही नजर

बांग्‍लादेश में हुई हिंसा और पीएम शेख हसीना के इस्‍तीफे के बाद संयुक्त राष्ट्र ने शांति व संयम बरतने का आह्वान किया है। यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने बयान में कहा कि संयुक्त राष्ट्र बांग्लादेश की स्थिति पर “बहुत बारीकी से” नजर रख रहा है। बांग्‍लादेश में शेख हसीना के इस्‍तीफे और तख्‍तापलट के बाद पूर्व पीएम और प्रमुख विपक्षी नेता खालिदा जिया के रिहाई के आदेश दिए गए हैं। यह आदेश वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन की ओर से दिया गया है। बांग्लादेश में हिंसा और उपद्रव के मद्देनजर भारत में भी सतर्कता बरती जा रही है। बांग्‍लादेश सीमा से सटे राज्‍य मेघालय में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है।

राजनीति में वापसी नहीं करेंगी

बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना राजनीति में वापसी नहीं करेंगी। उनके बेटे और पूर्व आधिकारिक सलाहकार साजिब वाजेद जॉय ने सोमवार को यह दावा किया। उन्होंने कहा कि शेख हसीना ने अपने परिवार के आग्रह पर और अपनी सुरक्षा के लिए देश छोड़ा है। हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच रविवार को झड़पें हुईं। कुछ दिन पहले भी पुलिस और ज्यादातर छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में 200 से ज्यादा लोग मारे गए। एक पखवाड़े में यहां कम से कम 300 लोग मारे गए हैं।

आवामी लीग के दफ्तर और गृहमंत्री के घर में लगाई आग

हिंसा के बीच हालात बेहद खराब हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के दफ्तर में आग लगा दी है। भीड़ ने गृहमंत्री असदुज़मन खान के घर को भी आग के हवाले कर दिया है। दूसरी ओर, बांग्लादेश के संसद में दाखिल हुई भीड़ ने यहां भी खूब हंगामा किया। इसके फुटेज भी वायरल हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों को संसद भवन की टेबल पर चढ़कर हंगामा करते और कुर्सियों को फेंकते देखा जा सकता है। संसद भवन में एक शख्स को सिगरेट पीते हुए भी देखा जा सकता है।

बंग बंधु शेख मुजीर्बरहमान की प्रतिमा भीड़ ने तोड़ दी

भीड़ ने ढाका में शेख हसीना के पिता और बंग बंधु के नाम से पहचाने जाने वाले शेख मुजीर्बरहमान की प्रतिमा को भी तोड़ दिया। शेख मुजीर्बरहमान बांग्लादेश के जनक थे। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद प्रदर्शनकारियों ने अवामी लीग चीफ शेख हसीना के दफ्तर को भी आग के हवाले कर दिया है। इसके बाद प्रदर्शनकारी पीएम आवास में घुस आए।

राजधानी ढाका में करीब 4 लाख लोग सड़कों पर हैं। भीड़ जगह-जगह हिंसा कर रही है। सरकारी संपत्तियों में तोड़फोड़ कर रही है। कई जगहों पर आगजनी की घटनाएं भी सामने आई है। प्रदर्शनकारियों ने 2 हाईवे पर कब्जा कर लिया है। पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में सोमवार को 6 लोग मारे गए।

नौकरी कोटा योजना के खिलाफ कर रहे प्रदर्शन

बांग्लादेश में छात्रों का विरोध प्रदर्शन पिछले महीने एक विवादास्पद नौकरी कोटा योजना के खिलाफ शुरू हुआ था। विरोध प्रदर्शन अब सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया है। यह विरोध प्रदर्शन देश की सिविल सेवा नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली में सुधार की मांग से को लेकर है, जो विशिष्ट समूहों के लिए पद आरक्षित करता है, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वालों के वंशज भी शामिल हैं। 25 जुलाई को विदेश मंत्रालय ने कहा था कि बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए करीब 6,700 भारतीय छात्र वहां से वापस लौटे हैं।

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