अपने स्वार्थ को छोड़कर दूसरों के लिए जीना योग है : डॉ.बलदेव भाई शर्मा…
SRU: श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी में योग विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योग सम्मेलन की अध्यक्षता प्रो. (डॉ.) बलदेव भाई शर्मा कुलपति कुशाभाऊ ठाकरे, पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर, छ.ग. द्वारा की गई । सम्मेलन में दो तकनिकी सेशन हुए जिसके प्रथम सेशन में मुख्य वक्ता आरोग्य मंदिर रायपुर के संस्थापक एवं निदेशक डॉ विवेक भारतीय ने सम्मेलन ले विषय से सम्बन्धित विचार व्यक्त किये और द्वितीय सेशन में स्वामी प्रपत्यानंद विवेकानन्द आश्रम रायपुर ने विद्यार्थियों और शोधार्थियों से विचार विमर्श किया।
योग से जुड़ने के लिए भारत से जुड़ना जरुरी है
मंचासीन यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. सौरभ ने वैश्विक शांति और खुशी के लिए किया जा रहा अंतररास्ट्रीय सम्मलेन अपने विशेषता की ओर अग्रसर है । योग के माध्यम से हम शांति का सन्देश विश्व के लोगो तक पहुंचा सकते है, आज सुख-समृद्धि की खोज के लिए किताबों का सहारा ले रहे है जिससे मन शांत हो और यह योग से संभव है।
अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि प्रोफेसर बलदेव भाई शर्मा ने विचार व्यक्त कर कहा कि बुद्धि का अनुशासन योग सिखाता है, योग जिंदगी का खूंटा है जो हमको बंधकर एकाग्र रखता है और अपने स्वार्थ को छोड़कर दूसरों के लिए जीना योग है । योग से जुड़ने के लिए भारत से जुड़ना जरुरी है भारत के विचारों से जुड़ना जरुरी हैं ।
योग से व्यक्ति में नैतिकता का विकास होता है
द्वितीय तकनिकी सेशन में मुख्य वक्ता स्वामी प्रपत्यानंद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उद्बोधन प्रारंभ कर कहा कि योग से व्यक्ति में नैतिकता का विकास होता है। विश्व शांति के लिए योग की आवश्यकता बहुत साल पहले इतनी नहीं थी जितनी आज है। उन्होंने कहा कि योग सारे समस्याओं को दूर करता है और मनुष्य जितनी योग की गहराई में जायेगा उतना ही आनंद का अनुभव अपने जीवन में पायेगा। योग को मात्र देखने सुनने से मन स्थिर हो जाता है।
द्वितीय तकनिकी सेशन की अध्यक्षता एस.आर.यू के योग विभाग के प्रो. कप्तान सिंह ने की जिसमे टोक्यो जापान से योग विशेषज्ञ मोकोतो यानो ने ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया और विभिन्न प्रतिनिधियों द्वारा पेपर प्रस्तुत किय गए।