September 17, 2024

980 करोड़ की लागत से बना भारत का सबसे लंबा केबल-आधारित ब्रिज, जानिए क्या है सुदर्शन सेतु में ?…

0

नई दिल्ली । बता दे कि गुजरात के द्वारका में भारत का सबसे लंबा केबल-आधारित ब्रिज सुदर्शन सेतु का उद्घाटन पीएम नरेन्द्र मोदी के द्वारा किया गया । साथ ही  सुदर्शन सेतु का उद्घाटन के करने के बाद बेट द्वारका जी मंदिर भी गए।  बेट द्वारका मंदिर में पूजा-अर्चना भी की गयी । गुजरात के ओखा और बेयट द्वारका द्वीप को जोड़ने वाले ‘सुदर्शन सेतु’ के निर्माण 980  करोड़ रुपये की लागत आयी है। पीएम मोदी ने अक्टूबर 2017 में 2.3 किमी लंबे पुल की आधारशिला रखते हुए कहा था कि यह पुराने और नए द्वारका के बीच एक कड़ी के रूप में काम करेगा।

खास क्यों है यह ब्रिज

सुदर्शन सेतु के निर्माण में चार लेन वाले 27.20 मीटर चौड़े पुल के दोनों तरफ 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ हैं। सुदर्शन सेतु एक अद्वितीय डिजाइन का दावा करता है, जिसमें भगवद गीता के श्लोकों और दोनों तरफ भगवान कृष्ण की छवियों से सजा हुआ एक फुटपाथ है।


सिग्नेचर ब्रिज का नाम बदलकर किया गया सुदर्शन सेतु

जिस पुल को पहले ‘सिग्नेचर ब्रिज’ के नाम से जाना जाता था, अब उसका नाम बदलकर ‘सुदर्शन सेतु’ या सुदर्शन ब्रिज कर दिया गया है। बेयट द्वारका ओखा बंदरगाह के पास एक द्वीप है, जो द्वारका शहर से लगभग 30 किमी दूर है, जहां भगवान कृष्ण का प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर स्थित है। भारत में वर्तमान में अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हमें पुल देखने को मिल जाते हैं। यह पुल एक छोर को दूसरे छोर से जोड़ने के साथ सुगम यातायात के लिए रास्ता तैयार करते हैं।

सुदर्शन सेतु होगा भारत का सबसे लंबा केबल-आधारित पुल

भारत के सबसे लंबे केबल-आधारित पुल की बात करें, तो यह सुदर्शन सेतु है, जिसका हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया है। भारत के सबसे लंबे केबल-आधारित पुल के स्थान की बात करें, तो यह गुजरात में स्थित है। सुदर्शन सेतु गुजरात में ओखा मुख्य भूमि को बेट द्वारका से जोड़ता है, जो कि अरब सागर पर बना हुआ है। इससे पहले लोगों को द्वारकाधीश मंदिर तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता था। हालांकि, अब लोग पुल के माध्यम से मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

यह है पुल की विशेषता

भारत के सबसे लंबे केबल-आधारित पुल की लंबाई 2.32 किलोमीटर है। इस ब्रिज के फुटपाथ के ऊपरी हिस्से पर सौर पैनल हैं जो एक मेगावाट बिजली पैदा करने में मदद करेगा । पुल में चार लेन और प्रत्येक तरफ 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ का भी निर्माण किया गया है। इस ब्रिज को एक यूनिक डिजाइन के आधार पर तैयार किया गया है. ब्रिज के फुटपाथ को भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की मनमोहक तस्वीरों से सजाया गया है। ओखा और बेट द्वारका से जोड़ता हुआ यह ब्रिज बनाया गया है  980 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है । इस पुल के निर्माण से जहां लोगों को बेट द्वारका तक नावों से जाने में 5 घंटे का समय लगता था वहीं अब इस ब्रिज के निर्माण से यात्रा समय 3 घंटे कम हो गया है।

साथ ही इस पुल के निर्माण से क्षेत्र में पर्यटन को भी खासा बढ़ावा मिलेगा। भारत के सबसे आकर्षक इंजीनियरिंग डेवलपमेंट में से एक है। पुल का डेक कंपोजिट स्टील-रिइनफोर्स्ड कंक्रीट से बना है जिसमें 900 मीटर का सेंट्रल डबल स्पैन केबल-स्टैंड वाला हिस्सा और 2.45 किमी लंबी एप्रोच रोड शामिल है। सुदर्शन सेतु के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजकोट में गुजरात के पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), एनएचएआई, रेलवे, ऊर्जा, सड़कों और भवनों से जुड़ी 48,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया ।

_Advertisement_
_Advertisement_

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

इन्हें भी पढ़े