September 16, 2024

भारत के क्यूइस्ट खिलाड़ी पंकज आडवाणी 26वां आईबीएसएफ जीतकर हॉल ऑफ फेम में हुए शामिल…

0

नई दिल्ली । भारत के महान क्यूइस्ट खिलाड़ी पंकज आडवाणी ने अपने करियर में एक और उपलब्धि हासिल की जब उन्हें चीन के शंगराओ सिटी में विश्व बिलियर्ड्स संग्रहालय में ‘हॉल ऑफ फेम’ में शामिल किया गया। 38 वर्षीय भारतीय स्टार ने हमवतन सौरव कोठारी को हराकर अपना 26वां आईबीएसएफ (अंतर्राष्ट्रीय बिलियर्ड्स और स्नूकर फेडरेशन) खिताब जीता, जिन्होंने बिलियर्ड्स के लंबे प्रारूप प्रतियोगिता में शुरुआत में ही उनकी संभावनाओं को खतरे में डाल दिया ।

हॉल ऑफ़ फेम एक जगह जो एक संग्रहालय की तरह है जिसमें प्रसिद्ध लोगों और किसी विशेष गतिविधि (जैसे एक खेल) से संबंधित घटनाओं का सम्मान करने वाली प्रदर्शनियां होती हैं। जिसमे चीन के शंगराओ सिटी में विश्व बिलियर्ड्स संग्रहालय में ‘हॉल ऑफ फेम’ में शामिल किया गया।


दो दशको से अधिक समय से बने हुए है

पंकज आडवाणी की झोली में एक और उपलब्धि जुड़ गयी जब चीन में बिलियर्ड्स हॉल ऑफ़ फेम में शामिल किया गया 26 बार के अंतर राष्ट्रीय बिलियर्ड्स और स्नूकर महासंघ में विश्व चैम्पियन आडवाणी को शांगराव शहर में विश्व बिलियर्ड्स संग्रहालय में हॉल ऑफ़ फेम में सम्मान मिला है।  1999 में इंग्लैंड में विश्व चैंपियन शिप में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी शुरुवात करने वाले आडवाणी दो दशको से अधिक समय से खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे है अटूट समर्पण और उल्लेखनीय उपलब्धियों ने बिलियर्ड्स के इतिहास में उपलब्धि हासिल करने में कामयाब हुए है।

पहला विश्व खिताब 2005 में जीता

पंकज ने सबसे पहला आईबीएसएफ विश्व खिताब 2005 में जीता था। जिसमे गोल्ड अपने नाम किया था । वहीं पॉइंट फॉर्मेट में वह आठ बार चैंपियन रहे हैं । ग्रांड डबल हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी बने थे। इसके अलावा एक बार विश्व टीम बिलियर्ड्स चैंपियनशिप भी जीतने में सफल रहे । इससे पहले सेमीफाइनल में हमवतन भारतीय रूपेश शाह को 900-273 से हराया था । पंकज को एशियन गेम्स 2010 में गोल्ड मेडल मिला था। उन्होंने सिंगल्स में हिस्सा लिया था। इससे पहले 2006 एशियन गेम्स में भी गोल्ड जीत चुके हैं। इसका आयोजन दोहा में हुआ था।

पंकज आडवाणी ने जीत के बाद कहा

मैं पहले भी जीत चुका हूं इसलिए मुझे इस अहसास के बारे में पता है लेकिन वर्ष दर वर्ष कई बार इसे जीतना कौशल, शरीर और दिमाग पर की गई घंटों की कड़ी मेहनत को सही साबित करता है। साथ ही कहा, ‘‘मेरे लिए निरंतरता सफलता की कुंजी है और देश के लिए विश्व खिताब जीतने को लेकर मैं सबसे अधिक प्रेरित होता हूं।’’ आडवाणी अब विश्व बिलियर्ड्स चैंपियन के अगले टूर्नामेंट में खेलेंगे जो छोटे प्रारूप (150 अप) में होगा। कोठारी ने शुरुआती बढ़त गंवाने के लिए थकान को जिम्मेदार ठहराया। ‘‘मेरा सेमीफाइनल मुकाबला लगभग पांच घंटे चला और मुझे एक घंटे से कुछ अधिक के ब्रेक के बाद फाइनल खेलना पड़ा। मुझे लगता कि यह थकान के कारण हुआ।’’

_Advertisement_
_Advertisement_

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *