अगर आपने किया यह काम तो आपको हो सकती 10 साल की सजा और 1 करोड़ का जुर्माना…
लोकसभा में सरकार ने पेपर लीक के खिलाफ बिल पास किया है सरकार ने इस बिल को सदन में पेश किया है । जिसमे बताया गया है कि कोई भी व्यक्ति यदि प्रश्नपत्र लीक करने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ दण्डित करने के लिए नया विधेयक लाया गया है, जिसमे कुछ प्रावधान किये गये है। इसका मुख्य उद्देश्य परीक्षाओं में अनुचित तरीकों के इस्तेमाल पर रोक लगाना है । इस विधेयक को सदन में पेश किया गया है ।
कब और क्या है प्रावधान ?
सरकार की ओर से 6 फ़रवरी को लोकसभा में पेपर लीक के ख़िलाफ़ यह विधेयक पास किया है । और इसके पश्चात उच्च सदन में पेश किया जायेगा और फिर राष्ट्रपति की औपचारिक मंजूरी के बाद यह कानून बन जायेगा । जिससे की उन छात्रो के लिए राहत की ख़बर है जो साल भर मेहनत करने के बाद पेपर देते है और इस उम्मीद में रहते है की उस परीक्षा में अच्छे प्राप्तांको के साथ उत्तीर्ण हो सके लेकिन कई बार ऐसी परिस्थिति सामने आ जाती है जब पेपर लीक हो जाती है ।
विधेयक में क्या प्रावधान हुआ है ?
कई बड़ी परीक्षाओ में होने वाले पेपर लीक और उत्तर पुस्तिकाओ के साथ कई बार छेड़छाड़ करने वालो के खिलाफ सख्त प्रावधान करते हुए दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की जेल और साथ ही 1 करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया जायेगा इसलिए इस विधेयक के तहत सभी अपराध गैर जमानती होंगे अगर दोषी जुर्माना देने में विफल रहता है, तो विधेयक की धारा 10(1) के तहत, ‘आरोपी को भारतीय न्याय संहिता, प्रावधानों के अनुसार कारावास की अतिरिक्त सजा दी जाएगी ।
पब्लिक एग्जामिनेशन बिल 2024 के प्रावधान
- दोषी को तीन से पांच वर्ष की जेल और दस लाख तक का जुर्माना।
- दूसरे परीक्षार्थी की जगह एग्जाम देने के दोषी को तीन से पांच वर्ष की जेल और दस लाख का जुर्माना।
- संस्थान से मिली भगत साबित होने पर संस्थान से परीक्षा का खर्च वसूला जाएगा। साथ ही एक करोड़ का जुर्माना और प्रॉपर्टी जब्त की जाएगी।
- संस्थान के इंचार्ज के दोषी होने पर तीन से दस साल की जेल और 1 करोड़ का जुर्माना देना पड़ेगा। अपराध में शामिल लोगों को पांच से दस साल की सजा और 1 करोड़ तक का जुर्माना लगेगा।
विधेयक का उद्देश्य
विधेयक का उद्देश्य यह है कि सार्वजनिक परीक्षा प्रणालियों में पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता बढ़ाना है। इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि युवाओं का भविष्य सुरक्षित रहे । केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा प्रस्तुत विधेयक यूपीएससी, एसएससी, एनईईटी, जेईई और सीयूईटी जैसी भर्ती परीक्षाओं और प्रवेश परीक्षाओं में पेपर लीक और धोखाधड़ी या गड़बड़ी को रोकने के लिए पेश किया गया है ।
नई शिक्षा नीति के तहत उन्हें हर तरह के विषय पढ़ने और करियर के विकल्प चुनने का अवसर मिलेगा। केंद्र सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) एवं अन्य परीक्षाओं को देश की 13 भाषाओं में आयोजित कराना शुरू किया है। आठवीं अनुसूची में शामिल सभी 22 भारतीय भाषाओं में भर्ती परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी ।