ध्यानचंद पुरस्कार की जगह अब दिया जाएगा अर्जुन पुरस्कार…

नई दिल्ली। खेल मंत्रालय की ओर से गुरुवार को देश के विभिन्न खेल सम्मानों को “तर्कसंगत” बनाने के प्रयास में इस साल से आजीवन उपलब्धि के लिए ध्यानचंद पुरस्कार को बंद करने और इसके स्थान पर अर्जुन पुरस्कार आजीवन शुरू करने की घोषणा की । हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर 2002 में स्थापित ध्यानचंद आजीवन पुरस्कार ओलंपिक खेलों, पैरालंपिक खेलों, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों सहित अन्य खेलों में भाग लेने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है।
महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर 2002 में स्थापित ध्यानचंद लाइफटाइम पुरस्कार ओलंपिक खेलों, पैरालंपिक खेलों, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों आदि खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है। खेल मंत्रालय ने बताया कि अर्जुन लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार की शुरुआत की गई है और यह खेल विकास में आजीवन योगदान के लिए दिया जाएगा। इसके अलावा खेलो इंडिया योजना को मान्यता देने के लिए खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों में ओवरऑल शीर्ष प्रदर्शन के लिए विश्वविद्यालय को मौलाना अब्दुल कलाम आजाद ट्रॉफी दी जाएगी।
‘‘खेल पुरस्कारों के लिए विभिन्न योजनाओं को तर्कसंगत बनाया गया है जिसमें ध्यानचंद पुरस्कार के स्थान पर अर्जुन पुरस्कार (लाइफ टाइम अचीवमेंट) शुरू किया गया है। जमीनी स्तर/विकास स्तर पर कोच के प्रयासों को मान्यता देने के लिए अब वे द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए पात्र हैं।’’